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'कम्युनिस्ट इतिहास और मिशन से छेड़छाड़ नहीं सहन करेंगे'

चीनी राष्ट्रपति ने प्रशांत महासागर में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर चीन के प्रतिरोध की भावना की सराहना की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत राष्ट्र की कार्यप्रणाली को बदलने की कोशिश का प्रतिरोध किया जाएगा.

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चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन की कार्यप्रणाली को बदलने की किसी भी कोशिश का प्रतिरोध होगा :
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Published : Sep 4, 2020, 12:14 PM IST

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि देश में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत राष्ट्र की कार्यप्रणाली को बदलने की किसी भी कोशिश का इसके सभी 1.40 अरब नागरिक प्रतिरोध करेंगे.

उन्होंने प्रशांत महासागर में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर चीन के प्रतिरोध की भावना की सराहना की.

शी ने युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों और नागरिकों को समर्पित स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया और एक मिनट का मौन रखा.

उन्होंने कहा, 'चीन के लोगों ने युद्ध के दौरान दुनिया को अपनी देशभक्ति, राष्ट्रीय स्वरूप,बहादुरी और मजबूत इच्छा शक्ति दिखाई थी. '

पढ़ें : चीन के राष्ट्रपति ने 'नया समाजवादी तिब्बत' बनाने का किया आह्वान

उन्होंने कहा, 'चीन के लोग कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास, इसके स्वरूप और इसके मिशन को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति या ताकत को नहीं बख्शेंगे.'

अमेरिका के बढ़ते राजनीतिक एवं आर्थिक दबाव का चीन के सामना करने और भारत से लगी सीमा पर गतिरोध तथा उसकी आर्थिक एवं क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा को यूरोपीय देशों एवं दक्षिण एशियाई देशों से लगे झटके के बाद शी की यह टिप्पणी आई है.

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि देश में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत राष्ट्र की कार्यप्रणाली को बदलने की किसी भी कोशिश का इसके सभी 1.40 अरब नागरिक प्रतिरोध करेंगे.

उन्होंने प्रशांत महासागर में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर चीन के प्रतिरोध की भावना की सराहना की.

शी ने युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों और नागरिकों को समर्पित स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया और एक मिनट का मौन रखा.

उन्होंने कहा, 'चीन के लोगों ने युद्ध के दौरान दुनिया को अपनी देशभक्ति, राष्ट्रीय स्वरूप,बहादुरी और मजबूत इच्छा शक्ति दिखाई थी. '

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उन्होंने कहा, 'चीन के लोग कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास, इसके स्वरूप और इसके मिशन को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति या ताकत को नहीं बख्शेंगे.'

अमेरिका के बढ़ते राजनीतिक एवं आर्थिक दबाव का चीन के सामना करने और भारत से लगी सीमा पर गतिरोध तथा उसकी आर्थिक एवं क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा को यूरोपीय देशों एवं दक्षिण एशियाई देशों से लगे झटके के बाद शी की यह टिप्पणी आई है.

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