ETV Bharat / international

कोरोना वायरस : घर से काम करने की चुनौती से जूझ रहा जापान

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को काबू करने के लिए जापान में इस माह की शुरुआत में आपातकाल की घोषणा किए जाने के कारण देश में लोगों को घरों से काम करने के लिए कहा गया लेकिन वे इसके लिए आवश्यक मूलभूत उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं

etvbharat
प्रतीकात्मक चित्र
author img

By

Published : Apr 26, 2020, 9:00 PM IST

तोक्यो: कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को काबू करने के लिए जापान में इस माह की शुरुआत में आपातकाल की घोषणा किए जाने के कारण देश में लोगों को घरों से काम करने के लिए कहा गया लेकिन वे इसके लिए आवश्यक मूलभूत उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं.

लोगों से जैसे ही घरों से काम करने को कहा गया, इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकानों में भीड़ लग गई. कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच जब सामाजिक दूरी बनाए रखना आवश्यक है, ऐसे में दुकानों पर लोगों की यह भीड़ खतरे से खाली नहीं.

कई जापानियों के पास घर के काम करने के लिए आवश्यक मूलभूल उपकरण ही नहीं है. रोबोट, उत्तम डिजाइन और शानदार गैजेट से युक्त अत्याधुनिक छवि के विपरीत जापान कई मामलों में तकनीकी रूप से अक्षम है.

कार्यालय अब भी ई-मेल के बजाए फैक्स पर आश्रित हैं. कई घरों में अच्छी गति वाले इंटनेट कनेक्शन ही नहीं हैं. दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए व्यक्गित रूप से मुहर की आवश्यकता है. यानी कई जापानी कार्यालय के बिना काम नहीं कर सकते.

ब्रितानी बाजार अनुसंधानकर्ता ‘यूगोव’ ने बताया कि उसके सर्वेक्षण में शामिल केवल 18 प्रतिशत जापानी ऐसे हैं जो स्कूल या कार्यालय जाने से बच पा रहे हैं जबकि जापान में 80 प्रतिशत लोगों को संक्रमण का खतरा है.

'यूगोव' के अनुसार भारत में 70 प्रतिशत और अमेरिका में 30 प्रतिशत लोग घरों में रह रहे हैं.

यह भी पढ़ें-गाजीपुर: लॉकडाउन में मिली किसानों को राहत, मिर्च और लौकी भेजी जा रही लंदन

'टेलीवर्किंग' यानी 'घर से काम' करने के संबंध में जापान में अग्रणी कंपनी 'टेलीवर्ग मैनेजमेंट इंक' की अध्यक्ष यूरी ताजावा ने कहा कि जापानी कर्मियों का काम अमेरिकी कर्मियों की तरह स्पष्ट रूप से तय नहीं है, इसलिए कंपनियां कर्मियों के बीच लगातार संपर्क की अपेक्षा करती हैं.

ताजावा ने कहा, 'लेकिन यह कर्मियों और परिवार के लिए जीवन एवं मौत का प्रश्न है. हमें तत्काल आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है. कोरोना वायरस को रोकने के लिए घर से काम करना बहुत जरूरी है.'

टोयोटा मोटर कॉर्प और सोनी कॉर्प जैसी बड़ी कंपनियों ने तो घर से काम की नीति अपना ली है लेकिन जापान की अर्थव्यवथा में 70 प्रतिशत योगदान देने वाले लघु एवं मध्यम दर्जे के कारोबार इसे अपनाने में समस्या का सामना कर रहे हैं.

तोक्यो: कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को काबू करने के लिए जापान में इस माह की शुरुआत में आपातकाल की घोषणा किए जाने के कारण देश में लोगों को घरों से काम करने के लिए कहा गया लेकिन वे इसके लिए आवश्यक मूलभूत उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं.

लोगों से जैसे ही घरों से काम करने को कहा गया, इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकानों में भीड़ लग गई. कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच जब सामाजिक दूरी बनाए रखना आवश्यक है, ऐसे में दुकानों पर लोगों की यह भीड़ खतरे से खाली नहीं.

कई जापानियों के पास घर के काम करने के लिए आवश्यक मूलभूल उपकरण ही नहीं है. रोबोट, उत्तम डिजाइन और शानदार गैजेट से युक्त अत्याधुनिक छवि के विपरीत जापान कई मामलों में तकनीकी रूप से अक्षम है.

कार्यालय अब भी ई-मेल के बजाए फैक्स पर आश्रित हैं. कई घरों में अच्छी गति वाले इंटनेट कनेक्शन ही नहीं हैं. दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए व्यक्गित रूप से मुहर की आवश्यकता है. यानी कई जापानी कार्यालय के बिना काम नहीं कर सकते.

ब्रितानी बाजार अनुसंधानकर्ता ‘यूगोव’ ने बताया कि उसके सर्वेक्षण में शामिल केवल 18 प्रतिशत जापानी ऐसे हैं जो स्कूल या कार्यालय जाने से बच पा रहे हैं जबकि जापान में 80 प्रतिशत लोगों को संक्रमण का खतरा है.

'यूगोव' के अनुसार भारत में 70 प्रतिशत और अमेरिका में 30 प्रतिशत लोग घरों में रह रहे हैं.

यह भी पढ़ें-गाजीपुर: लॉकडाउन में मिली किसानों को राहत, मिर्च और लौकी भेजी जा रही लंदन

'टेलीवर्किंग' यानी 'घर से काम' करने के संबंध में जापान में अग्रणी कंपनी 'टेलीवर्ग मैनेजमेंट इंक' की अध्यक्ष यूरी ताजावा ने कहा कि जापानी कर्मियों का काम अमेरिकी कर्मियों की तरह स्पष्ट रूप से तय नहीं है, इसलिए कंपनियां कर्मियों के बीच लगातार संपर्क की अपेक्षा करती हैं.

ताजावा ने कहा, 'लेकिन यह कर्मियों और परिवार के लिए जीवन एवं मौत का प्रश्न है. हमें तत्काल आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है. कोरोना वायरस को रोकने के लिए घर से काम करना बहुत जरूरी है.'

टोयोटा मोटर कॉर्प और सोनी कॉर्प जैसी बड़ी कंपनियों ने तो घर से काम की नीति अपना ली है लेकिन जापान की अर्थव्यवथा में 70 प्रतिशत योगदान देने वाले लघु एवं मध्यम दर्जे के कारोबार इसे अपनाने में समस्या का सामना कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.