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अहमदीनेजाद राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे: ईरान का सरकारी टीवी

ईरान में जून में होने वाले राष्ट्रपति के होने वाले चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद भी अपनी किस्मत आजमाएंगे. मंगलवार के शुरू हुई चुनाव प्रक्रिया के बाद अहमगीनेजाद ने भी अपना पंजीकरण फॉर्म भरा.

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Published : May 12, 2021, 5:46 PM IST

अहमदीनेजाद
अहमदीनेजाद

तेहरान : ईरान के सरकारी टीवी ने बुधवार को खबर दी है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति जून में होने वाले इस पद के चुनाव में फिर से किस्मत आजमा रहे हैं. टीवी पर प्रसारित फुटेज में दिख रहा है कि महमूद अहमदीनेजाद अपने समर्थकों के साथ गृह मंत्रालय में स्थित पंजीकरण केंद्र की ओर बढ़ रहे हैं जहां उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपना पंजीकरण फॉर्म भरा.

अहमदीनेजाद ने हाल के वर्षों में अपनी कट्टरपंथी छवि को अधिक मध्यमार्गी उम्मीदवारी में चमकाने की कोशिश की है तथा कुप्रबंधन के लिए सरकार की आलोचना की है. उनपर 2017 में सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. हालांकि उन्होंने तब नामांकन दायर कर दिया था, मगर संवैधानिक निगरानी संस्था 'गार्जियन काउंसिल' ने उन्हें तब अयोग्य ठहरा दिया था.

खामेनेई ने कहा है कि वह किसी भी उम्मीदवार का विरोध नहीं करेंगे, फिर भी चुनाव परिषद अहमदीनेजाद की उम्मीदवारी रोक सकती है. अगर राजनीतिक दृश्य में उनकी वापसी होती है तो यह कट्टपंथियों में उन असंतुष्टों के लिए खुशी बात हो सकती है जो पश्चिम, खासकर इजराइल और अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख चाहते हैं.

पढ़ें - नेपाल कांग्रेस अगली सरकार बनाने का दावा पेश करेगी, संख्या बल जुटाने की कोशिश

ईरान ने मंगलवार को चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है. देश में 18 जून को मतदान होना है. मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी कार्यकाल की सीमा की वजह से फिर से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. रूहानी अपेक्षाकृत उदारवादी माने जाते हैं और उनके साढ़े चार साल तक के दो कार्यकाल की शुरुआत विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते के साथ हुई थी. उनका कार्यकाल अब खत्म होने को है.

अहमदीनेजाद 2005 से 2013 तक ईरान के राष्ट्रपति रहे. उन्होंने देश को परमाणु कार्यक्रम के जरिए पश्चिम देशों से टकराव की स्थिति में धकेल दिया. साथ में 2009 में उनके विवादित पुन:निर्वाचन के बाद देश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए जो 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के बाद सबसे बड़े प्रदर्शन थे.

तेहरान : ईरान के सरकारी टीवी ने बुधवार को खबर दी है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति जून में होने वाले इस पद के चुनाव में फिर से किस्मत आजमा रहे हैं. टीवी पर प्रसारित फुटेज में दिख रहा है कि महमूद अहमदीनेजाद अपने समर्थकों के साथ गृह मंत्रालय में स्थित पंजीकरण केंद्र की ओर बढ़ रहे हैं जहां उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपना पंजीकरण फॉर्म भरा.

अहमदीनेजाद ने हाल के वर्षों में अपनी कट्टरपंथी छवि को अधिक मध्यमार्गी उम्मीदवारी में चमकाने की कोशिश की है तथा कुप्रबंधन के लिए सरकार की आलोचना की है. उनपर 2017 में सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. हालांकि उन्होंने तब नामांकन दायर कर दिया था, मगर संवैधानिक निगरानी संस्था 'गार्जियन काउंसिल' ने उन्हें तब अयोग्य ठहरा दिया था.

खामेनेई ने कहा है कि वह किसी भी उम्मीदवार का विरोध नहीं करेंगे, फिर भी चुनाव परिषद अहमदीनेजाद की उम्मीदवारी रोक सकती है. अगर राजनीतिक दृश्य में उनकी वापसी होती है तो यह कट्टपंथियों में उन असंतुष्टों के लिए खुशी बात हो सकती है जो पश्चिम, खासकर इजराइल और अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख चाहते हैं.

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ईरान ने मंगलवार को चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है. देश में 18 जून को मतदान होना है. मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी कार्यकाल की सीमा की वजह से फिर से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. रूहानी अपेक्षाकृत उदारवादी माने जाते हैं और उनके साढ़े चार साल तक के दो कार्यकाल की शुरुआत विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते के साथ हुई थी. उनका कार्यकाल अब खत्म होने को है.

अहमदीनेजाद 2005 से 2013 तक ईरान के राष्ट्रपति रहे. उन्होंने देश को परमाणु कार्यक्रम के जरिए पश्चिम देशों से टकराव की स्थिति में धकेल दिया. साथ में 2009 में उनके विवादित पुन:निर्वाचन के बाद देश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए जो 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के बाद सबसे बड़े प्रदर्शन थे.

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