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ईरान, रूस का हिंद महासागर में संयुक्त नौसैन्य अभ्यास - रूस-ईरान दूसरी बार संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं

समुद्री व्यापार की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से हिंद महासागर में ईरान और रूस ने नौसैन्य अभ्यास शुरू किया है. वर्ष 2019 के बाद से रूस-ईरान दूसरी बार संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं.

ईरान, रूस
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Published : Feb 16, 2021, 5:45 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST

तेहरान : ईरान और रूस ने समुद्री व्यापार की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से हिंद महासागर में संयुक्त नौसैन्य अभ्यास शुरू किया है. ईरान के सरकारी टीवी ने मंगलवार को इस बारे में बताया.

ईरान की नौसेना और रिवोल्यूशनरी गार्ड की इकाइयां हिंद महासागर के उत्तरी हिस्से में 'ईरान-रूस समुद्री सुरक्षा क्षेत्र 2021' अभ्यास में हिस्सा लेंगी.

ईरान के एडमिरल घोलाम्रेजा तहानी के मुताबिक रूस के एक विध्वंसक पोत, एक अन्य पोत और हेलीकॉप्टर ने अभ्यास में हिस्सा लिया है. वर्ष 2019 के बाद से रूस-ईरान दूसरी बार संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं. वर्ष 2019 में दोनों देशों के साथ चीन ने भी चार दिवसीय अभ्यास में हिस्सा लिया था.

अमेरिका से बढ़े तनाव के बीच ईरान, चीन और रूस के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है. हालिया वर्षों में देश में रूस और चीनी नौसेनाओं के प्रतिनिधियों का दौरा भी बढ़ा है.

पढ़ें : अमेरिका में भारी बर्फबारी : उड़ानें रद्द, टेक्सास में आपात स्थिति की घोषणा

पिछले कुछ महीने में ईरान ने सैन्य अभ्यास तेज कर दिया है, क्योंकि देश परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन पर दबाव बढ़ाना चाहता है. बाइडेन ने कहा है कि ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते में अमेरिका फिर से शामिल होगा. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में समझौते से अमेरिका को अलग करने का फैसला किया था.

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने पिछले बृहस्पतिवार को ड्रोन, हेलीकॉप्टर और सैन्य टैंकों का इस्तेमाल करते हुए इराक के साथ लगी सीमा के पास अभ्यास किया था.

तेहरान : ईरान और रूस ने समुद्री व्यापार की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से हिंद महासागर में संयुक्त नौसैन्य अभ्यास शुरू किया है. ईरान के सरकारी टीवी ने मंगलवार को इस बारे में बताया.

ईरान की नौसेना और रिवोल्यूशनरी गार्ड की इकाइयां हिंद महासागर के उत्तरी हिस्से में 'ईरान-रूस समुद्री सुरक्षा क्षेत्र 2021' अभ्यास में हिस्सा लेंगी.

ईरान के एडमिरल घोलाम्रेजा तहानी के मुताबिक रूस के एक विध्वंसक पोत, एक अन्य पोत और हेलीकॉप्टर ने अभ्यास में हिस्सा लिया है. वर्ष 2019 के बाद से रूस-ईरान दूसरी बार संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं. वर्ष 2019 में दोनों देशों के साथ चीन ने भी चार दिवसीय अभ्यास में हिस्सा लिया था.

अमेरिका से बढ़े तनाव के बीच ईरान, चीन और रूस के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है. हालिया वर्षों में देश में रूस और चीनी नौसेनाओं के प्रतिनिधियों का दौरा भी बढ़ा है.

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पिछले कुछ महीने में ईरान ने सैन्य अभ्यास तेज कर दिया है, क्योंकि देश परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन पर दबाव बढ़ाना चाहता है. बाइडेन ने कहा है कि ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते में अमेरिका फिर से शामिल होगा. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में समझौते से अमेरिका को अलग करने का फैसला किया था.

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने पिछले बृहस्पतिवार को ड्रोन, हेलीकॉप्टर और सैन्य टैंकों का इस्तेमाल करते हुए इराक के साथ लगी सीमा के पास अभ्यास किया था.

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST
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