मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद समेत आतंकी संगठनों के खिलाफ 'अतिशीघ्र और सार्थक' कार्रवाई करने की मांग की. इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को अब अपनी जमीन का कानूनी और भौतिक इस्तेमाल करते रहने नहीं दे सकता.
गौरतलब है, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मराइज पाइने का बयान भारतीय युद्धक विमानों द्वारा मंगलवार तड़के पाकिस्तान में जैश के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर हवाई हमले के कुछ घंटों बाद आया है.
उन्होंने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों का समाधान सुनिश्चित करने के लिये बातचीत करने का अनुरोध किया. पाइने ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को लेकर चिंतित है.
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा समेत अपनी सरजमीन पर आतंकी संगठनों के खिलाफ निश्चित रूप से अतिशीघ्र और अर्थपूर्ण कार्रवाई करनी चाहिए.' गौरतलब है, जैश ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे.
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मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को जैश पर लगाए गए अपने प्रतिबंध को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंत्री ने कहा, 'वह (पाकिस्तान) अपनी जमीन से संचालन के लिए आतंकी संगठनों को कानूनी और भौतिक जगह उपलब्ध नहीं करा सकता.'
वहीं नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, 'ऑस्ट्रेलिया दोनों पक्षों से संयम बरतने और ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध करता है, जिससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा हो. दोनों देश आपस में बात करें, जिससे इन मुद्दों का शांतिपूर्ण हल सुनिश्चित हो सके.'
इसके साथ ही यूरोपीय संघ के प्रवक्ता मेजा कोसीजेन्सिक (Maja Kocijancic) ने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा घटनाक्रम पर बारीकी से गौर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के साथ संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि जो हम मानते हैं वो ये है कि दोनों देश अधिक से अधिक संयम बरतें और तनाव से बचें.
वहीं, फ्रांस के यूरोप और विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत और पाक क्षेत्र में सैन्य वृद्धि और रणनीतिक स्थिरता के लिए संयम बरतें. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के आपसी मतभेदों को खत्म करने के लिए इस्लामाबाद-नई दिल्ली के बीच संवाद करना बेहद जरूरी है.
यूके की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने भारत-पाक में व्याप्त तनाव को लेकर कहा हम संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के माध्यम से दोनों देशों की बीच तनावों को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी की जा रही है.
उन्होंने कहा कि यूके भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है. इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने को कहा. मे ने बाताया कि यूके दोनों देशों के साथ नियमित संपर्क में हैं.