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चीन ने भारतीय सेना पर लगाया एलएसी पार करने का आरोप - पूर्वी लद्दाख में डी-एस्केलेशन

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (Chinese Foreign Ministry Spokesperson) हुआ चुनयिंग (Hua Chunying) ने कहा कि भारतीय ने लंबे समय से 'फॉरवर्ड पॉलिसी ' का पालन किया है और चीन के क्षेत्र पर अतिक्रमण (encroach on China's territory) करने के लिए एलएसी पर अवैध रूप से सीमा को पार किया है. जो भारत -चीन सीमा स्थिति में तनाव का मूल कारण है. पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला की रिपोर्ट.

हुआ चुनयिंग
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Published : Sep 30, 2021, 5:12 PM IST

नई दिल्ली : चीन ने भारत पर चीन के क्षेत्र में अतिक्रमण करने के लिए अवैध रूप से एलएसी पार करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यह भारत-चीन सीमा (India-China border ) स्थिति में तनाव का मूल कारण है.

पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर भारतीय सेना (Indian army) द्वारा अधिक तोपखाने तैनात करने के संबंध में एक मीडिया प्रश्न के मद्देनजर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (Chinese Foreign Ministry Spokesperson) हुआ चुनयिंग (Hua Chunying) ने कहा, भारतीय ने लंबे समय से 'फॉरवर्ड पॉलिसी ' का पालन किया है और चीन के क्षेत्र पर अतिक्रमण (encroach on China's territory) करने के लिए एलएसी पर अवैध रूप से सीमा को पार किया है. जो चीन-भारत सीमा स्थिति में तनाव का मूल कारण है.

उन्होंने कहा कि चीन नियंत्रण पर प्रतिस्पर्धा के लिए विवादित सीमा क्षेत्रों में हथियारों की किसी भी होड़ का विरोध करता है. हम हमेशा राष्ट्रीय क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा (national territorial sovereignty and security) के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं, और चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्ध है.

बता दें कि भारतीय सेना चीनी निर्माण के जवाब में और पूर्वी लद्दाख में डी-एस्केलेशन के कोई संकेत नहीं होने के बीच, एलएसी पर बोफोर्स और रॉकेट सिस्टम, नए एम -777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर, आर्टिलरी गन तैनात करके अपनी युद्ध मुद्रा को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

रिपोर्टों के अनुसार चिनूक हेलीकॉप्टरों (Chinook helicopters) द्वारा एम-77 हॉवित्जर को एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर में ले जाया जा सकता है, जबकि पिछले कुछ वर्षों में बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (Border Roads Organisation) द्वारा बनाई गई सड़कों से आर्टिलरी गन को तेजी से जुटाना संभव हुआ है.

इससे पहले 28 सितंबर को आयोजित गनर्स डे से पहले, महानिदेशक (आर्टिलरी) लेफ्टिनेंट जनरल टीके चावला ( Lt General TK Chawla) ने कहा था कि सेना इस बात का भी परीक्षण कर रही है कि क्या नई K-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रैक्ड गन, जो मैदानी और डेसर्ट में संचालन के लिए खरीदी गई है, उसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी प्रभावी ढंग से तैनात किया जा सकता है.

बता दें कि भारतीय और चीनी सैनिक लद्दाख में एलएसी पर पिछले 16 महीनों से हिंसक सीमा गतिरोध में लगे हुए हैं. दोनों पक्षों ने तोपों, टैंकों सहित लड़ाकू विमानों और हजारों सैनिकों को तैनात किया है. तब से सीमा गतिरोध को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता हो चुकी है.

भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए विभिन्न दौर की बैठकें आयोजित की गई हैं, जिसके दौरान भारत और चीन बातचीत और संचार बनाए रखने और जमीन पर स्थिरता सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सहमत हुए.

पढ़ें - चीन में ऐतिहासिक बिजली संकट : कौन है दोषी ? कोयले की कमी या शी जिनपिंग की पॉलिसी

इस बीच रविवार को बीजिंग में भारत के राजदूत विक्रम मिश्री ने 'गोलपोस्ट को स्थानांतरित करने से बचें, 'चिंता और संवेदनशीलता का एकतरफा दृष्टिकोण', 'दूसरे देशों के साथ संबंधों के चश्मे के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को देखना, भारत में कुछ बाधाओं के रूप में सूचीबद्ध किया.

पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद भारत ने लगातार अपना रुख बनाए रखा है कि दोनों देशों के बीच संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति आवश्यक है.

नई दिल्ली : चीन ने भारत पर चीन के क्षेत्र में अतिक्रमण करने के लिए अवैध रूप से एलएसी पार करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यह भारत-चीन सीमा (India-China border ) स्थिति में तनाव का मूल कारण है.

पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर भारतीय सेना (Indian army) द्वारा अधिक तोपखाने तैनात करने के संबंध में एक मीडिया प्रश्न के मद्देनजर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (Chinese Foreign Ministry Spokesperson) हुआ चुनयिंग (Hua Chunying) ने कहा, भारतीय ने लंबे समय से 'फॉरवर्ड पॉलिसी ' का पालन किया है और चीन के क्षेत्र पर अतिक्रमण (encroach on China's territory) करने के लिए एलएसी पर अवैध रूप से सीमा को पार किया है. जो चीन-भारत सीमा स्थिति में तनाव का मूल कारण है.

उन्होंने कहा कि चीन नियंत्रण पर प्रतिस्पर्धा के लिए विवादित सीमा क्षेत्रों में हथियारों की किसी भी होड़ का विरोध करता है. हम हमेशा राष्ट्रीय क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा (national territorial sovereignty and security) के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं, और चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्ध है.

बता दें कि भारतीय सेना चीनी निर्माण के जवाब में और पूर्वी लद्दाख में डी-एस्केलेशन के कोई संकेत नहीं होने के बीच, एलएसी पर बोफोर्स और रॉकेट सिस्टम, नए एम -777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर, आर्टिलरी गन तैनात करके अपनी युद्ध मुद्रा को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

रिपोर्टों के अनुसार चिनूक हेलीकॉप्टरों (Chinook helicopters) द्वारा एम-77 हॉवित्जर को एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर में ले जाया जा सकता है, जबकि पिछले कुछ वर्षों में बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (Border Roads Organisation) द्वारा बनाई गई सड़कों से आर्टिलरी गन को तेजी से जुटाना संभव हुआ है.

इससे पहले 28 सितंबर को आयोजित गनर्स डे से पहले, महानिदेशक (आर्टिलरी) लेफ्टिनेंट जनरल टीके चावला ( Lt General TK Chawla) ने कहा था कि सेना इस बात का भी परीक्षण कर रही है कि क्या नई K-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रैक्ड गन, जो मैदानी और डेसर्ट में संचालन के लिए खरीदी गई है, उसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी प्रभावी ढंग से तैनात किया जा सकता है.

बता दें कि भारतीय और चीनी सैनिक लद्दाख में एलएसी पर पिछले 16 महीनों से हिंसक सीमा गतिरोध में लगे हुए हैं. दोनों पक्षों ने तोपों, टैंकों सहित लड़ाकू विमानों और हजारों सैनिकों को तैनात किया है. तब से सीमा गतिरोध को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता हो चुकी है.

भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए विभिन्न दौर की बैठकें आयोजित की गई हैं, जिसके दौरान भारत और चीन बातचीत और संचार बनाए रखने और जमीन पर स्थिरता सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सहमत हुए.

पढ़ें - चीन में ऐतिहासिक बिजली संकट : कौन है दोषी ? कोयले की कमी या शी जिनपिंग की पॉलिसी

इस बीच रविवार को बीजिंग में भारत के राजदूत विक्रम मिश्री ने 'गोलपोस्ट को स्थानांतरित करने से बचें, 'चिंता और संवेदनशीलता का एकतरफा दृष्टिकोण', 'दूसरे देशों के साथ संबंधों के चश्मे के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को देखना, भारत में कुछ बाधाओं के रूप में सूचीबद्ध किया.

पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद भारत ने लगातार अपना रुख बनाए रखा है कि दोनों देशों के बीच संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति आवश्यक है.

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