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दो राष्ट्र समाधान के लक्ष्य पर सीधी बातचीत करें इजराइल-फिलिस्तीन : भारत

संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि व राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि इजराइल-फिलिस्तीन विवाद भी लगभग उतना ही पुराना है जितना खुद संयुक्त राष्ट्र, लेकिन अपने लिए एक राष्ट्र की फिलिस्तीन लोगों की आकांक्षा अधूरी ही रही. फिलिस्तीन प्राधिकारियों और इजराइल के बीच समन्वय फिर से बहाल किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए भारत ने दोनों पक्षों के नेतृत्व से अनुरोध किया दोनों पक्ष द्वि राष्ट्र समाधान के लक्ष्य पर फिर से सीधी बातचीत करें.

टी एस तिरुमूर्ति
टी एस तिरुमूर्ति
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Published : Dec 3, 2020, 10:30 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : फिलिस्तीन प्राधिकारियों और इजराइल के बीच समन्वय फिर से बहाल किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए भारत ने दोनों पक्षों के नेतृत्व से अनुरोध किया कि इस अवसर का लाभ उठाएं और द्वि राष्ट्र समाधान के लक्ष्य पर फिर से सीधी बातचीत करें.

इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष में शांति हासिल करने के प्रयासों में द्वि राष्ट्र समाधान दशकों से प्राथमिकता रहा है. इस समाधान के तहत इजराइल से लगा एक स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र स्थापित होगा-दो राष्ट्र दो लोगों के लिए. सिद्धांत रूप में फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देते हुए, इसे इजराइल की सुरक्षा हासिल होगी और यहूदी जनसांख्यिकी बहुमत (देश को यहूदी और लोकतांत्रिक बने रहने देना) बरकरार रखने की मंजूरी होगी.

अधिकतर सरकारों और संयुक्त राष्ट्र समेत विश्व निकायों ने द्वि राष्ट्र समाधान की उपलब्धि को सरकारी नीति के तौर पर निर्धारित किया है. यह लक्ष्य दशकों से शांति वार्ता का आधार रहा है.

'क्वेश्चन ऑफ फिलिस्तीन' (फिलिस्तीन का सवाल) विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते हुए बुधवार को संरा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि व राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि इजराइल-फिलिस्तीन विवाद भी लगभग उतना ही पुराना है जितना खुद संयुक्त राष्ट्र, लेकिन अपने लिए एक राष्ट्र की फिलिस्तीन लोगों की आकांक्षा अधूरी ही रही.

उन्होंने कहा, 'दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता 2014 से बाधित हैं. जमीनी स्तर पर गतिविधियां इन वार्ताओं की बहाली के लिए अनुकूल माहौल नहीं बना रहीं. हम पक्षों से उन कदमों से बचने का अनुरोध करते हैं, जो वार्ता बहाली की राह में अड़चन डालते हों,'

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत फिलिस्तीन प्राधिकारियों और इजराइल के बीच समन्वय बहाल किये जाने के फैसले से प्रसन्न है.

उन्होंने कहा, 'हम इजराइल और फिलिस्तीन के नेतृत्व से अनुरोध करते हैं कि इस अवसर का लाभ उठाएं और द्वि राष्ट्र समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए फिर से सीधी वार्ता करें. हम महासचिव, पश्चिम एशिया क्वॉर्टेट (चौकड़ी) और प्रमुख अरब साझेदारों का वार्ता तत्काल शुरू कराने के लिए आह्वान करते हैं.'

फिलिस्तीन प्राधिकारियों ने पिछले महीने कहा था कि वे इजराइल के साथ अपने नागरिक और सुरक्षा सहयोग को फिर से बहाल कर रहे हैं, जो इजराइल के पश्चिम तट के कुछ हिस्सों को कब्जे में लेने की योजना के बाद मई से ही निलंबित थे.

पढ़ें - इजरायल में चौथे चुनाव की संभावना, संसद भंग करने संबंधी प्रस्ताव पारित

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, राष्ट्रपति महमूद अब्बास को जब इजराइल से इस बात की पुष्टि मिल गई कि वह उनके देश के साथ पुराने समझौतों को लेकर प्रतिबद्ध है तब फिलिस्तीन नागरिक मामलों के मंत्री हुसैन अल-शेख ने ट्विटर पर लिखा कि इजराइल के साथ संबंध फिर पहले जैसे होंगे.

तिरुमूर्ति ने दोहराया कि भारत इजराइल-फिलिस्तीन विवाद के सीधी बातचीत से शांतिपूर्वक समझौते के जरिए समाधान का पूरी तरह से समर्थन करता है.

संयुक्त राष्ट्र : फिलिस्तीन प्राधिकारियों और इजराइल के बीच समन्वय फिर से बहाल किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए भारत ने दोनों पक्षों के नेतृत्व से अनुरोध किया कि इस अवसर का लाभ उठाएं और द्वि राष्ट्र समाधान के लक्ष्य पर फिर से सीधी बातचीत करें.

इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष में शांति हासिल करने के प्रयासों में द्वि राष्ट्र समाधान दशकों से प्राथमिकता रहा है. इस समाधान के तहत इजराइल से लगा एक स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र स्थापित होगा-दो राष्ट्र दो लोगों के लिए. सिद्धांत रूप में फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देते हुए, इसे इजराइल की सुरक्षा हासिल होगी और यहूदी जनसांख्यिकी बहुमत (देश को यहूदी और लोकतांत्रिक बने रहने देना) बरकरार रखने की मंजूरी होगी.

अधिकतर सरकारों और संयुक्त राष्ट्र समेत विश्व निकायों ने द्वि राष्ट्र समाधान की उपलब्धि को सरकारी नीति के तौर पर निर्धारित किया है. यह लक्ष्य दशकों से शांति वार्ता का आधार रहा है.

'क्वेश्चन ऑफ फिलिस्तीन' (फिलिस्तीन का सवाल) विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते हुए बुधवार को संरा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि व राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि इजराइल-फिलिस्तीन विवाद भी लगभग उतना ही पुराना है जितना खुद संयुक्त राष्ट्र, लेकिन अपने लिए एक राष्ट्र की फिलिस्तीन लोगों की आकांक्षा अधूरी ही रही.

उन्होंने कहा, 'दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता 2014 से बाधित हैं. जमीनी स्तर पर गतिविधियां इन वार्ताओं की बहाली के लिए अनुकूल माहौल नहीं बना रहीं. हम पक्षों से उन कदमों से बचने का अनुरोध करते हैं, जो वार्ता बहाली की राह में अड़चन डालते हों,'

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत फिलिस्तीन प्राधिकारियों और इजराइल के बीच समन्वय बहाल किये जाने के फैसले से प्रसन्न है.

उन्होंने कहा, 'हम इजराइल और फिलिस्तीन के नेतृत्व से अनुरोध करते हैं कि इस अवसर का लाभ उठाएं और द्वि राष्ट्र समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए फिर से सीधी वार्ता करें. हम महासचिव, पश्चिम एशिया क्वॉर्टेट (चौकड़ी) और प्रमुख अरब साझेदारों का वार्ता तत्काल शुरू कराने के लिए आह्वान करते हैं.'

फिलिस्तीन प्राधिकारियों ने पिछले महीने कहा था कि वे इजराइल के साथ अपने नागरिक और सुरक्षा सहयोग को फिर से बहाल कर रहे हैं, जो इजराइल के पश्चिम तट के कुछ हिस्सों को कब्जे में लेने की योजना के बाद मई से ही निलंबित थे.

पढ़ें - इजरायल में चौथे चुनाव की संभावना, संसद भंग करने संबंधी प्रस्ताव पारित

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, राष्ट्रपति महमूद अब्बास को जब इजराइल से इस बात की पुष्टि मिल गई कि वह उनके देश के साथ पुराने समझौतों को लेकर प्रतिबद्ध है तब फिलिस्तीन नागरिक मामलों के मंत्री हुसैन अल-शेख ने ट्विटर पर लिखा कि इजराइल के साथ संबंध फिर पहले जैसे होंगे.

तिरुमूर्ति ने दोहराया कि भारत इजराइल-फिलिस्तीन विवाद के सीधी बातचीत से शांतिपूर्वक समझौते के जरिए समाधान का पूरी तरह से समर्थन करता है.

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