नई दिल्ली : चीन को आतंकी गतिविधियों में 'जैश ए मोहम्मद' सरगना मसूद अजहर की संलिप्तता के बारे में अतिरिक्त साक्ष्य सौंपे गए थे. उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में एक नये प्रस्ताव में चीन द्वारा अड़ंगा लगाए जाने पर यह कदम उठाया गया था. राजनयिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति ने बुधवार को अजहर को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया क्योंकि चीन ने ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव पर से अपनी 'तकनीकी रोक' हटा ली.
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संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के बाद चीन ने कहा था कि उसने संशोधित सामग्री का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद यह फैसला किया.
हालांकि, सूत्रों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि चीन को दिया गया अतिरिक्त साक्ष्य पुलवामा आतंकी हमला सहित भारत में हुए अन्य आतंकी हमलों में अजहर की संलिप्तता पर था, या कहीं और की उसकी गतिविधियों के बारे में था.
अजहर को प्रतिबंधित करने वाली संयुक्त राष्ट्र की अधिसूचना में पुलवामा हमले का कोई जिक्र नहीं किया गया है.
चीन ने नये प्रस्ताव पर 13 मई को एक तकनीकी रोक लगा दी थी। इस तरह उसने चौथी बार उसने इस कवायद में अड़ंगा डाला था.
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सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव पर चीन की तकनीकी रोक के बाद उसे अतिरिक्त साक्ष्य सौंपे गए.
बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकाने पर किए भारत के एयरस्टाइक के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि इसमें संदेह करने की कोई वजह नहीं है.
राजनयिक सूत्रों ने यह भी कहा कि अजहर को आतंकवादी घोषित करने के लिए यूरोपीय संघ के भी जल्द ही प्रक्रिया को पूरी करने की संभावना है। जर्मनी ने ईयू में यह पहल की है.