ETV Bharat / international

जाधव मामले में आईसीजे के फैसले को गलत ढंग से पेश कर रहा भारत : पाकिस्तान - अंतरराष्ट्रीय न्यायालय

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले में भारत पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले को गलत ढंग से पेश करने का शनिवार को आरोप लगाया. साथ ही जोर देते हुए कहा कि वह (पाकिस्तान) अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सभी दायित्वों को पूरा करने के लिए तैयार है.

India
India
author img

By

Published : Jun 19, 2021, 8:31 PM IST

इस्लामाबाद : गौरतलब है कि भारत ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान से उस विधेयक में मौजूद खामियों को दूर करने को कहा था जो जाधव के मामले की समीक्षा के लिए लाया गया है. भारत ने कहा था कि प्रस्तावित कानून इस पर पुनर्विचार करने का तंत्र नहीं गठित करता है, जबकि आईसीजे के आदेश में इसके लिए कहा गया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नई दिल्ली में कहा था कि समीक्षा एवं पुनर्विचार विधेयक 2020 आईसीजे के फैसले के अनुरूप जाधव के मामले में प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक तंत्र गठित नहीं करता है. उन्होंने कहा था कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कानून के दायित्वों का निर्वहन किया है या नहीं, इसे देश की अदालतें तय नहीं कर सकतीं.

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, 51 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) का रुख किया था, जिसने जुलाई 2019 के अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान जाधव की दोष सिद्धि और सजा की अवश्य ही प्रभावी समीक्षा एवं पुनिर्वचार करे तथा बगैर किसी विलंब के राजनयिक पहुंच प्रदान करे.

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने शनिवार को कहा कि इस्लामाबाद अपने सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का निर्वहन कर रहा है और यह जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले पर भी लागू होता है. विदेश कार्यालय ने कहा कि यह अफसोसजनक है कि भारत सरकार ने आईसीजे के फैसले को गलत ढंग से पेश करने का विकल्प चुना.

जिसने (आईसीजे ने) पैराग्राफ 147 में स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान जाधव की दोष सिद्धि और सजा की प्रभावी समीक्षा तथा पुनर्विचार का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए आबद्ध है. कार्यालय ने कहा कि आईसीजे के फैसले के पैराग्राफ 146 के अनुरूप पाकिस्तान ने (समीक्षा एवं पुनर्विचार) अध्यादेश 2020 के जरिए अपने यहां जाधव को ऊपरी अदातलों में समीक्षा एवं पुनर्विचार का अधिकार उपलब्ध कराने का विकल्प चुना.

यह भी पढ़ें-अलविदा मिल्खा : राजकीय सम्मान के साथ हुआ 'फ्लाइंग सिख' का अंतिम संस्कार

विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही आईसीजे के फैसले के पैरा 118 के अनुसार भारत को भलमनसाहत के साथ कार्य करने और जाधव के लिए कानूनी प्रतिनिधित्व का इंतजाम करने की जरूरत है.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद : गौरतलब है कि भारत ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान से उस विधेयक में मौजूद खामियों को दूर करने को कहा था जो जाधव के मामले की समीक्षा के लिए लाया गया है. भारत ने कहा था कि प्रस्तावित कानून इस पर पुनर्विचार करने का तंत्र नहीं गठित करता है, जबकि आईसीजे के आदेश में इसके लिए कहा गया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नई दिल्ली में कहा था कि समीक्षा एवं पुनर्विचार विधेयक 2020 आईसीजे के फैसले के अनुरूप जाधव के मामले में प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक तंत्र गठित नहीं करता है. उन्होंने कहा था कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कानून के दायित्वों का निर्वहन किया है या नहीं, इसे देश की अदालतें तय नहीं कर सकतीं.

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, 51 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) का रुख किया था, जिसने जुलाई 2019 के अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान जाधव की दोष सिद्धि और सजा की अवश्य ही प्रभावी समीक्षा एवं पुनिर्वचार करे तथा बगैर किसी विलंब के राजनयिक पहुंच प्रदान करे.

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने शनिवार को कहा कि इस्लामाबाद अपने सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का निर्वहन कर रहा है और यह जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले पर भी लागू होता है. विदेश कार्यालय ने कहा कि यह अफसोसजनक है कि भारत सरकार ने आईसीजे के फैसले को गलत ढंग से पेश करने का विकल्प चुना.

जिसने (आईसीजे ने) पैराग्राफ 147 में स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान जाधव की दोष सिद्धि और सजा की प्रभावी समीक्षा तथा पुनर्विचार का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए आबद्ध है. कार्यालय ने कहा कि आईसीजे के फैसले के पैराग्राफ 146 के अनुरूप पाकिस्तान ने (समीक्षा एवं पुनर्विचार) अध्यादेश 2020 के जरिए अपने यहां जाधव को ऊपरी अदातलों में समीक्षा एवं पुनर्विचार का अधिकार उपलब्ध कराने का विकल्प चुना.

यह भी पढ़ें-अलविदा मिल्खा : राजकीय सम्मान के साथ हुआ 'फ्लाइंग सिख' का अंतिम संस्कार

विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही आईसीजे के फैसले के पैरा 118 के अनुसार भारत को भलमनसाहत के साथ कार्य करने और जाधव के लिए कानूनी प्रतिनिधित्व का इंतजाम करने की जरूरत है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.