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चीन को झटका : भारत ब्रह्मोस मिसाइल फिलीपींस को बेचने को राजी, $ 375 मिलियन के सौदे फाइनल

भारत और फिलीपींस के बीच शुक्रवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल की बिक्री को लेकर सौदे पर हस्ताक्षर किये गए. इस मौके पर फिलीपींस के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ भारत के राजदूत भी मौजूद रहे. रक्षा उपकरणों के सौदे में भारत की यह बड़ी उपलब्धि है और आने वाले वक्त में एक बड़े निर्यातक (Exporter) के रूप में भारत को स्थापित करने की तरफ बड़ा कदम है. पढ़ें ईटीवी भारत की वरीष्ठ सवांददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

BrahMos supersonic anti-ship cruise missile
ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल
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Published : Jan 28, 2022, 12:15 PM IST

Updated : Jan 28, 2022, 7:16 PM IST

नई दिल्ली: भारत और फिलीपींस(India and Phillipines) के बीच शुक्रवार को ब्रह्मोस(brahmos) सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल की बिक्री को लेकर सौदे पर हस्ताक्षर किये गए. फिलीपींस नौसेना को ब्रह्मोस की बिक्री के लिए किया जा रहा यह सौदा 375 मिलियन डॉलर का है. इस मौके पर फिलीपींस के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ भारत के राजदूत भी मौजूद रहे. वहीं फिलीपींस सरकार के रक्षा विभाग द्वारा वेबसाइट पर कॉन्ट्रैक्ट अवार्ड नोटिस अपलोड कर दिया गया है.

India and Phillipines
मौके पर फिलीपींस के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ भारत के राजदूत भी मौजूद रहे.

पढ़ें: सीमा मुद्दे पर भारत के साथ वार्ता का नवीनतम दौर 'सकारात्मक और रचनात्मक' रहा: चीन

रक्षा उपकरणों के सौदे में भारत की यह बड़ी उपलब्धि है और आने वाले वक्त में एक बड़े निर्यातक (Exporter) के रूप में भारत को स्थापित करने की तरफ बड़ा कदम है..दक्षिण-चीन सागर(South China Sea) सागर को लेकर चीन के आक्रामक रुख की वजह से फिलीपींस और चीन के बीच विवाद है. फिलीपींस का इरादा ब्रह्मोस का उपयोग तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल(anti-ship missile) के रूप में करना है.

फिलीपींस में भारतीय राजदूत शंभु कुमारन ने ट्विटर पर कहा कि इतिहास बनने का गवाह होना वास्तव में सौभाग्य है. फिलीपींस के रक्षा सचिव द्वारा ब्रह्मोस अधिग्रहण अनुबंध पर हस्ताक्षर इंडो-पैसिफिक एंगेजमेंट का आज एक निर्णायक कदम है. यह गहरे गर्व का क्षण भी है क्योंकि भारत खुद को उच्च-प्रौद्योगिकी उपकरणों के स्रोत और मित्र राष्ट्रों की क्षमता विकास के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित कर रहा है.

फिलीपींस के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि बीएपीएल ने फिलीपींस गणराज्य के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ 28 जनवरी, 2022 को फिलीपींस को तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. बीएपीएल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है. यह अनुबंध सरकार की रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने की नीति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके अलावा, फिलीपींस में भारतीय दूत ने दोहराया कि आज हम अपने लोकतंत्रों के बीच संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी और एक स्वतंत्र और शांतिपूर्ण इंडो-पैसिफिक के हमारे साझा उद्देश्य में एक कदम और आगे बढ़ गए हैं.

जानें ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत

ब्रह्मोस एक मध्यम रेंज कि सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है जो 350 से 400 किलोमीटर कि दूरी तक प्रहार कर सकती है. यह मिसाइल 2.8 मैक यानी ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना गति से दागी जा सकती है. हाल ही में इसका एक नया वर्जन भी टेस्ट किया गया था. तकनीकी लिहाज से मिसाइल नई खूबियों से लैस है. इसकी खासियत यह भी है कि इसे पनडुब्बी, युद्धपोत, प्लेन या जमीन तीनों प्लेटफॉर्म कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है.

पढ़ें: फिलीपींस समुद्री क्षेत्र में चीन की घुसपैठ, बढ़ सकता है तनाव

नई दिल्ली: भारत और फिलीपींस(India and Phillipines) के बीच शुक्रवार को ब्रह्मोस(brahmos) सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल की बिक्री को लेकर सौदे पर हस्ताक्षर किये गए. फिलीपींस नौसेना को ब्रह्मोस की बिक्री के लिए किया जा रहा यह सौदा 375 मिलियन डॉलर का है. इस मौके पर फिलीपींस के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ भारत के राजदूत भी मौजूद रहे. वहीं फिलीपींस सरकार के रक्षा विभाग द्वारा वेबसाइट पर कॉन्ट्रैक्ट अवार्ड नोटिस अपलोड कर दिया गया है.

India and Phillipines
मौके पर फिलीपींस के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ भारत के राजदूत भी मौजूद रहे.

पढ़ें: सीमा मुद्दे पर भारत के साथ वार्ता का नवीनतम दौर 'सकारात्मक और रचनात्मक' रहा: चीन

रक्षा उपकरणों के सौदे में भारत की यह बड़ी उपलब्धि है और आने वाले वक्त में एक बड़े निर्यातक (Exporter) के रूप में भारत को स्थापित करने की तरफ बड़ा कदम है..दक्षिण-चीन सागर(South China Sea) सागर को लेकर चीन के आक्रामक रुख की वजह से फिलीपींस और चीन के बीच विवाद है. फिलीपींस का इरादा ब्रह्मोस का उपयोग तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल(anti-ship missile) के रूप में करना है.

फिलीपींस में भारतीय राजदूत शंभु कुमारन ने ट्विटर पर कहा कि इतिहास बनने का गवाह होना वास्तव में सौभाग्य है. फिलीपींस के रक्षा सचिव द्वारा ब्रह्मोस अधिग्रहण अनुबंध पर हस्ताक्षर इंडो-पैसिफिक एंगेजमेंट का आज एक निर्णायक कदम है. यह गहरे गर्व का क्षण भी है क्योंकि भारत खुद को उच्च-प्रौद्योगिकी उपकरणों के स्रोत और मित्र राष्ट्रों की क्षमता विकास के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित कर रहा है.

फिलीपींस के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि बीएपीएल ने फिलीपींस गणराज्य के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ 28 जनवरी, 2022 को फिलीपींस को तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. बीएपीएल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है. यह अनुबंध सरकार की रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने की नीति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके अलावा, फिलीपींस में भारतीय दूत ने दोहराया कि आज हम अपने लोकतंत्रों के बीच संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी और एक स्वतंत्र और शांतिपूर्ण इंडो-पैसिफिक के हमारे साझा उद्देश्य में एक कदम और आगे बढ़ गए हैं.

जानें ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत

ब्रह्मोस एक मध्यम रेंज कि सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है जो 350 से 400 किलोमीटर कि दूरी तक प्रहार कर सकती है. यह मिसाइल 2.8 मैक यानी ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना गति से दागी जा सकती है. हाल ही में इसका एक नया वर्जन भी टेस्ट किया गया था. तकनीकी लिहाज से मिसाइल नई खूबियों से लैस है. इसकी खासियत यह भी है कि इसे पनडुब्बी, युद्धपोत, प्लेन या जमीन तीनों प्लेटफॉर्म कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है.

पढ़ें: फिलीपींस समुद्री क्षेत्र में चीन की घुसपैठ, बढ़ सकता है तनाव

Last Updated : Jan 28, 2022, 7:16 PM IST
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