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इमरान खान की पार्टी ने पीओके विधानसभा की आठ आरक्षित सीटों में से छह पर जीत दर्ज की

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के विधानसभा चुनाव में पेशेवरों के लिए आरक्षित सभी तीन सीटों पर जीत दर्ज की और महिलाओं के लिए आरक्षित पांच में से तीन सीटों पर कब्जा जमा लिया है.

इमरान खान
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Published : Aug 3, 2021, 5:36 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी ने सोमवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के विधानसभा चुनाव में पेशेवरों के लिए आरक्षित सभी तीन सीटों पर जीत दर्ज की और महिलाओं के लिए आरक्षित पांच में से तीन सीटों पर कब्जा जमाया.

खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Tehreek E Insaf) ने पिछले सप्ताह हुए पीओके विधानसभा चुनाव के नतीजों में 45 में से 26 सीटों पर जीत हासिल की थी. विपक्षी दलों ने इस चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं. मतदान के दौरान कई जगह हिंसा की घटनाएं हुई थीं.

आरक्षित सीटों पर मिली जीत के बाद 53 सदस्यीय विधानसभा में खान की पार्टी का संख्याबल बढ़कर 32 सदस्यों तक पहुंच गया है. इसके साथ ही खान की पार्टी बिना किसी के समर्थन के सरकार बनाने की स्थिति में है.

भारत ने पीओके में हालिया चुनाव के मुद्दे को लेकर जबरदस्त विरोध दर्ज कराया था. भारत ने पीओके में हाल के चुनावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है. भारत का कहना है कि यह एक कॉस्मेटिक एक्सरसाइज (cosmetic exercise) है, जिसे पाकिस्तान द्वारा अपने अवैध कब्जे को छिपाने के लिए किया गया है.

पीओके में चुनावों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (Ministry of External Affairs Spokesperson) अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि पाकिस्तान का इन भारतीय क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है और उसे अपने अवैध कब्जे (illegal occupation) वाले सभी भारतीय क्षेत्रों को खाली करना चाहिए.

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र में तथाकथित चुनाव पाकिस्तान द्वारा अपने अवैध कब्जे और इन क्षेत्रों में उसके द्वारा किए गए भौतिक परिवर्तनों को छिपाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है.

इस तरह की कवायद न तो पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जे को छुपा सकती है और न ही मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन (human rights violations ), शोषण और इन कब्जे वाले क्षेत्रों में लोगों को स्वतंत्रता (freedom to people) से वंचित कर सकती है.

बता दें कि इन चुनावों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan People's Party) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (Muslim League-Nawaz) के पास सदन में क्रमशः 12 और 7 सीटें हैं. ऑल जम्मू एंड कश्मीर मुस्लिम कांफ्रेंस (All Jammu and Kashmir Muslim Conference) और जम्मू कश्मीर पीपुल्स पार्टी (Jammu Kashmir Peoples Party) दोनों ने एक-एक सीट जीती.

इस तरह पीओके में पहली बार पीटीआई की सरकार बनेगी. महिलाओं के लिए आरक्षित विधानसभा (legislative assembly) की पांच सीटों के खिलाफ पीटीआई के तीन और पीपीपी और पीएमएल-एन के एक-एक उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए. इनमें इम्तियाज नसीम, सबिहा सद्दीकी, कौसर तकदीस गिलानी, नेबेला अयूब खान और निसारन अब्बासी शामिल हैं.

पढ़ें - तालिबान से अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों की रक्षा करेंगे : अशरफ गनी

क्षेत्रीय चुनाव आयोग (regional election commission) के एक बयान के अनुसार, तीन सीटों - उलेमा/मुशैख, विदेशी कश्मीरी और टेक्नोक्रेट के लिए एक-एक पर चुनाव मुजफ्फराबाद में विधानसभा भवन में हुआ था.

खान ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद के लिए विभिन्न उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिए हैं. पूर्व प्रीमियर बैरिस्टर सुल्तान महमूद (former premier Barrister Sultan Mahmood) और बिजनेस टाइकून सरदार तनवीर इलियास के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है.

विधानसभा अपने सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए मंगलवार को अपना उद्घाटन सत्र आयोजित करेगी. बुधवार को सदन के नेता का चुनाव होने की संभावना है.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी ने सोमवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के विधानसभा चुनाव में पेशेवरों के लिए आरक्षित सभी तीन सीटों पर जीत दर्ज की और महिलाओं के लिए आरक्षित पांच में से तीन सीटों पर कब्जा जमाया.

खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Tehreek E Insaf) ने पिछले सप्ताह हुए पीओके विधानसभा चुनाव के नतीजों में 45 में से 26 सीटों पर जीत हासिल की थी. विपक्षी दलों ने इस चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं. मतदान के दौरान कई जगह हिंसा की घटनाएं हुई थीं.

आरक्षित सीटों पर मिली जीत के बाद 53 सदस्यीय विधानसभा में खान की पार्टी का संख्याबल बढ़कर 32 सदस्यों तक पहुंच गया है. इसके साथ ही खान की पार्टी बिना किसी के समर्थन के सरकार बनाने की स्थिति में है.

भारत ने पीओके में हालिया चुनाव के मुद्दे को लेकर जबरदस्त विरोध दर्ज कराया था. भारत ने पीओके में हाल के चुनावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है. भारत का कहना है कि यह एक कॉस्मेटिक एक्सरसाइज (cosmetic exercise) है, जिसे पाकिस्तान द्वारा अपने अवैध कब्जे को छिपाने के लिए किया गया है.

पीओके में चुनावों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (Ministry of External Affairs Spokesperson) अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि पाकिस्तान का इन भारतीय क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है और उसे अपने अवैध कब्जे (illegal occupation) वाले सभी भारतीय क्षेत्रों को खाली करना चाहिए.

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र में तथाकथित चुनाव पाकिस्तान द्वारा अपने अवैध कब्जे और इन क्षेत्रों में उसके द्वारा किए गए भौतिक परिवर्तनों को छिपाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है.

इस तरह की कवायद न तो पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जे को छुपा सकती है और न ही मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन (human rights violations ), शोषण और इन कब्जे वाले क्षेत्रों में लोगों को स्वतंत्रता (freedom to people) से वंचित कर सकती है.

बता दें कि इन चुनावों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan People's Party) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (Muslim League-Nawaz) के पास सदन में क्रमशः 12 और 7 सीटें हैं. ऑल जम्मू एंड कश्मीर मुस्लिम कांफ्रेंस (All Jammu and Kashmir Muslim Conference) और जम्मू कश्मीर पीपुल्स पार्टी (Jammu Kashmir Peoples Party) दोनों ने एक-एक सीट जीती.

इस तरह पीओके में पहली बार पीटीआई की सरकार बनेगी. महिलाओं के लिए आरक्षित विधानसभा (legislative assembly) की पांच सीटों के खिलाफ पीटीआई के तीन और पीपीपी और पीएमएल-एन के एक-एक उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए. इनमें इम्तियाज नसीम, सबिहा सद्दीकी, कौसर तकदीस गिलानी, नेबेला अयूब खान और निसारन अब्बासी शामिल हैं.

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क्षेत्रीय चुनाव आयोग (regional election commission) के एक बयान के अनुसार, तीन सीटों - उलेमा/मुशैख, विदेशी कश्मीरी और टेक्नोक्रेट के लिए एक-एक पर चुनाव मुजफ्फराबाद में विधानसभा भवन में हुआ था.

खान ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद के लिए विभिन्न उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिए हैं. पूर्व प्रीमियर बैरिस्टर सुल्तान महमूद (former premier Barrister Sultan Mahmood) और बिजनेस टाइकून सरदार तनवीर इलियास के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है.

विधानसभा अपने सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए मंगलवार को अपना उद्घाटन सत्र आयोजित करेगी. बुधवार को सदन के नेता का चुनाव होने की संभावना है.

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