मुजफ्फराबादः पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भले ही कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की राजधानी मुजफ्फराबाद में और संसद के अंदर उनके खिलाफ वापस जाओ के नारे लगने से साफ हो गया है कि वहां की जनता इमरान से खुश नहीं है.
मुजफ्फराबाद में शुक्रवार को कश्मीर के समर्थन में आयोजित इमरान खान के जलसा के ठीक पहले बड़ी संख्या में भीड़ ने 'गो नियाजी गो बैक' के नारे लगाए. नियाजी इमरान का उपनाम है.
इमरान के नाम से जुड़ा नियाजी उपनाम पाकिस्तानियों को 1971 के युद्ध में भारत के हाथों शर्मनाक हार की याद ताजा करती है. पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने 16 दिसंबर, 1971 को अपने हथियार डाल दिए थे.
बता दें कि नियाजी पख्तून हैं, जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिस्सों में रहते हैं. पाकिस्तान में वे ज्यादातर मियांवाली में रहते हैं. हालांकि आमिर अब्दुल्ला नियाजी और इमरान खान नियाजी दोनों लाहौर में पैदा हुए थे.
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रपटों के अनुसार, शुक्रवार के जलसा में कोई खास भीड़ नहीं रही, और आम लोग आयोजन से दूर रहे. प्रशासन ने सरकारी अधिकारियों को लाकर वहां जगह भरने का काम किया.कुछ लोगों ने तो जलसा को एक फ्लॉप शो करार दिया.
यहां तक कि गुरुवार को जब राष्ट्रपति आरिफ अल्वी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे, विपक्षी दल के सदस्य इमरान को निशाना बनाकर 'गो नियाजी गो' के नारे लगाने लगे.