काठमांडू: नेपाल के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा (Chief Justice of Nepal Cholendra Shamsher JB Rana ) के खिलाफ एक महाभियोग प्रस्ताव रविवार को संसद में आगे की चर्चा के लिए पेश किया गया. एक महीने पहले 98 सांसदों ने इसे प्रतिनिधि सभा में दर्ज किया था. मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के सांसदों के हंगामे के बीच सीपीएन (माओवादी सेंटर) के एक विधायक देव गुरुंग ने प्रतिनिधि सभा (एचओआर) में प्रस्ताव पेश किया.
गुरुंग ने 20 सूत्री महाभियोग प्रस्ताव पेश किया, जिसे 95 सांसदों का समर्थन प्राप्त है. अध्यक्ष अग्नि प्रसाद सपकोटा ने गुरुंग को महाभियोग प्रस्ताव को एचओआर में पेश करने के लिए समय आवंटित किया. प्रस्ताव पेश होने के बाद प्रतिनिधि सभा की बैठक 16 मार्च तक के लिए टाल दी गई. नेपाली कांग्रेस, माओवादी सेंटर और सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के 98 सांसदों ने 13 फरवरी को प्रस्ताव पेश किया था और राणा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और उच्चतम न्यायालय को सुचारू रूप से चलाने में उनकी विफलता का हवाला दिया था.
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महाभियोग प्रस्ताव को पेश करते हुए, गुरुंग ने राणा पर प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपनी भूमिका निभाने में अक्षम होने का आरोप लगाया. अध्यक्ष सपकोटा ने घोषणा की कि बुधवार को बुलाई गई निचले सदन की अगली बैठक में प्रस्ताव पर विचार-विमर्श शुरू होगा. राणा के खिलाफ आरोपों का अध्ययन करने के लिए छह मार्च को संसद ने 11 सदस्यीय समिति का गठन किया था.
(पीटीआई-भाषा)