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अफगानिस्तान में शांति के लिए तालिबान की सरकार में लोगों का प्रतिनिधित्व करना जरूरी : पूर्व मंत्री

अफगान सरकार की पूर्व मंत्री नरगिस नेहान ने कहा है कि अगर अफगानिस्तान में शांति बहाल की जा सकती है, तो तालिबान की सरकार में लोगों का प्रतिनिधित्व करना होगा.

नरगिस नेहान
नरगिस नेहान
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Published : Aug 30, 2021, 8:10 PM IST

Updated : Aug 30, 2021, 10:28 PM IST

काबुल : अफगान सरकार की पूर्व मंत्री (Former Afghan minister ) नरगिस नेहान (Nargis Nehan ) ने सोमवार को स्काई न्यूज को बताया कि अगर अफगानिस्तान में शांति बहाल की जा सकती है, तो तालिबान की सरकार (Taliban's government) में लोगों का प्रतिनिधित्व करने की जरूरत है.

नरगिस, जो अफगान सरकार में खद्यान, पेट्रोलियम और उद्योग मंत्री (minister of mines, petroleum and industries) रह चुकी हैं, तालिबान द्वारा काबुल के कब्जे के बाद अपने परिवार के साथ अफगानिस्तान छोड़कर आई हैं.

उन्हें देश से बाहर निकलने के लिए कई कोशिश करने के बाद काबुल के हवाई अड्डे की से नॉर्वे ले जाया गया.

नरगिस नेहान का बयान

उन्होंने कहा कि मेरे अपने परिवार के साथ वहां से निकली, मेरी वहां से निकलने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन जब तालिबान के कब्जे के बाद वहां की हालात खराब हो गए. मेरे लिए अफगानिस्तान छोड़ने का फैसला बेहद कठिन था. हमने अफगानिस्तान को बनाने के लिए पिछले 20 साल में भी कोशिशें कीं, उन्हें बर्बाद होते देखना बेहद मुश्किल है.यह काफी दर्दनाक है कि हम वहां लोगों को छोड़ आए हैं, वहां जो भी हो रहा है हम उसे रोक नहीं सकते.

उन्होंने कहा कि हमारे साथ धोखा किया गया है. मैं अपने लोगों और देश के लिए अपने आंसू नहीं रोक सकती. मैं फिर से एक निराश और असहाय शरणार्थी हूं जिसकी पहचान, घर और शांति की तलाश कभी खत्म नहीं होती.

इससे पहले भारत पहुंची अनारकली ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां की स्थिति को लेकर कहा था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हम अफगानिस्तान में ऐसे दिन देखेंगे. उन्होंने कहा कि जिस देश में सरकार नहीं है, वहां अब कुछ भी हो सकता है. महिलाओं के अधिकार (rights of women) खतरे में हैं और हम नहीं जानते कि वहां भविष्य क्या है?'हालांकि, तालिबान का कहना है कि 20 साल पहले जैसा कुछ नहीं होगा, लेकिन इस बारे में इसके बारे में कुछ भी निश्चित नहीं है क्योंकि अमेरिकी सैनिकों (US troops) को अभी पूरी तरह से वापस लेना बाकी है.

पढ़ेंं- ईटीवी भारत से बोलीं अफगान सांसद, 'खतरे में हैं वहां की महिलाएं'

उन्होंने कहा कि एक बार वापसी पूरी हो जाने के बाद- जिसकी समय सीमा कुछ ही दिन दूर है, हमें पता चल जाएगा कि तालिबान आगे क्या करेगा.

बता दें कि इसी महीने तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग गए थे.

काबुल : अफगान सरकार की पूर्व मंत्री (Former Afghan minister ) नरगिस नेहान (Nargis Nehan ) ने सोमवार को स्काई न्यूज को बताया कि अगर अफगानिस्तान में शांति बहाल की जा सकती है, तो तालिबान की सरकार (Taliban's government) में लोगों का प्रतिनिधित्व करने की जरूरत है.

नरगिस, जो अफगान सरकार में खद्यान, पेट्रोलियम और उद्योग मंत्री (minister of mines, petroleum and industries) रह चुकी हैं, तालिबान द्वारा काबुल के कब्जे के बाद अपने परिवार के साथ अफगानिस्तान छोड़कर आई हैं.

उन्हें देश से बाहर निकलने के लिए कई कोशिश करने के बाद काबुल के हवाई अड्डे की से नॉर्वे ले जाया गया.

नरगिस नेहान का बयान

उन्होंने कहा कि मेरे अपने परिवार के साथ वहां से निकली, मेरी वहां से निकलने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन जब तालिबान के कब्जे के बाद वहां की हालात खराब हो गए. मेरे लिए अफगानिस्तान छोड़ने का फैसला बेहद कठिन था. हमने अफगानिस्तान को बनाने के लिए पिछले 20 साल में भी कोशिशें कीं, उन्हें बर्बाद होते देखना बेहद मुश्किल है.यह काफी दर्दनाक है कि हम वहां लोगों को छोड़ आए हैं, वहां जो भी हो रहा है हम उसे रोक नहीं सकते.

उन्होंने कहा कि हमारे साथ धोखा किया गया है. मैं अपने लोगों और देश के लिए अपने आंसू नहीं रोक सकती. मैं फिर से एक निराश और असहाय शरणार्थी हूं जिसकी पहचान, घर और शांति की तलाश कभी खत्म नहीं होती.

इससे पहले भारत पहुंची अनारकली ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां की स्थिति को लेकर कहा था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हम अफगानिस्तान में ऐसे दिन देखेंगे. उन्होंने कहा कि जिस देश में सरकार नहीं है, वहां अब कुछ भी हो सकता है. महिलाओं के अधिकार (rights of women) खतरे में हैं और हम नहीं जानते कि वहां भविष्य क्या है?'हालांकि, तालिबान का कहना है कि 20 साल पहले जैसा कुछ नहीं होगा, लेकिन इस बारे में इसके बारे में कुछ भी निश्चित नहीं है क्योंकि अमेरिकी सैनिकों (US troops) को अभी पूरी तरह से वापस लेना बाकी है.

पढ़ेंं- ईटीवी भारत से बोलीं अफगान सांसद, 'खतरे में हैं वहां की महिलाएं'

उन्होंने कहा कि एक बार वापसी पूरी हो जाने के बाद- जिसकी समय सीमा कुछ ही दिन दूर है, हमें पता चल जाएगा कि तालिबान आगे क्या करेगा.

बता दें कि इसी महीने तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग गए थे.

Last Updated : Aug 30, 2021, 10:28 PM IST
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