ETV Bharat / international

पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, मानवाधिकार समूहों ने किया आगाह

author img

By

Published : Jul 30, 2021, 4:34 PM IST

हाल ही में पाकिस्तान (pakistan) की राजधानी इस्लामाबाद में 27 वर्षीय नूर मुकादम की हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद मानवाधिकार समूह पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हो रहे हमलों के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

नूर मुकादम
नूर मुकादम

इस्लामाबाद : नूर मुकादम की जिंदगी के आखिरी कुछ घंटे खौफनाक थे. 27 वर्षीय नूर ने इस दर्द से बचने के लिए खिड़की से छलांग लगा दी थी, लेकिन उसे वापस घर में लाया गया... पीटा गया और फिर उसका सिर काटकर उसकी हत्या की गई. उसे इतनी दर्दनाक मौत देने का आरोप उसके बचपन के दोस्त जफीर जाफर पर है.

खबरों के अनुसार, नूर ने जहीर से शादी करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसने कथित तौर पर यह कदम उठाया.

अधिकांश महिलाएं गरीब और मध्यम वर्गों से

इस घटना ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सनसनी मचा दी थी, जहां पहले ही मानवाधिकार कार्यकर्ता महिलाओं के खिलाफ हो रहे हमलों के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं. प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता ताहिरा अब्दुल्ला ने कहा कि नूर मुकादम एक राजनयिक की बेटी थी और समाज में उसके ओहदे के कारण इस मामले को मिली इतनी तव्वजो के जरिए पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा पर आखिरकार सवाल उठे. लेकिन इस तरह की हिंसा का शिकार होने वाली अधिकांश महिलाएं देश के गरीब और मध्यम वर्गों में से हैं और उनकी मौत को लेकर अक्सर कोई शिकायत दर्ज नहीं की जाती या इन्हें अनदेखा कर दिया जाता है.

महिलाओं के खिलाफ अपराध 'मूक महामारी'

अब्दुल्ला ने कहा कि केवल एक सप्ताह में महिलाओं पर हुए हमलों की ' मैं अपने हाथ से लंबी एक सूची आपको दे सकता हूं. पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों और हिंसा की महामारी एक मूक महामारी है जिसे कोई नहीं देख रहा और ना कोई इस बारे में बात कर रहा है.'

उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद पाकिस्तान की संसद इस महीने एक विधेयक पारित करने में विफल रही, जो महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए था. इसमें पति द्वारा की जाने वाली हिंसा भी शामिल है. इसके बजाय उसने एक इस्लामी विचारधारा परिषद को इस पर गौर करने को कहा है, इसी परिषद ने पहले कहा था कि पति के पत्नी को मारने में कुछ गलत नहीं है.

इस साल की शुरुआत में जारी की गई 'ह्यूमन राइट्स वॉच' की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में घरेलू हिंसा 'हॉटलाइन' से एकत्र किए गए आंकड़ों में पिछले साल जनवरी और मार्च के बीच हुई घरेलू हिंसा में 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. कोविड-19 के कारण मार्च में शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान तो यह आंकड़ें काफी अधिक थे.

झूठी शान के लिए प्रति वर्ष हजार हत्याएं

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि पाकिस्तान में तथाकथित शान के लिए हत्या के कई मामले में अपराधी भाई, पिता या अन्य पुरुष रिश्तेदार होते हैं. हर साल, इस तरह से 1,000 से अधिक महिलाओं की हत्या कर दी जाती है, उनमें से कई की शिकायत भी दर्ज नहीं की जाती.

अधिकार समूहों ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वह धार्मिक अधिकार के लिए काम करते हैं और महिलाओं पर हमलों के अपराधियों को माफ करते हैं.

पढ़ें : मानवाधिकारों का उल्लंघन होने वाली निगरानी तकनीकों पर लगाम लगाएं : संरा निकाय

उन्होंने कहा कि पूर्व क्रिकेटर, जिन्होंने तीन बार शादी की है और एक समय था जब खान की छवि कई महिलाओं के साथ संबंध रखने वाले व्यक्ति की थी, लेकिन अब उन्होंने एक रूढ़िवादी इस्लाम को अपना लिया है. वह एक धार्मिक व्यक्ति के साथ घनिष्ठ संबंध रखते हैं, जिन्होंने 'महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों' के लिए कोविड-19 को दोषी ठहराया था.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद : नूर मुकादम की जिंदगी के आखिरी कुछ घंटे खौफनाक थे. 27 वर्षीय नूर ने इस दर्द से बचने के लिए खिड़की से छलांग लगा दी थी, लेकिन उसे वापस घर में लाया गया... पीटा गया और फिर उसका सिर काटकर उसकी हत्या की गई. उसे इतनी दर्दनाक मौत देने का आरोप उसके बचपन के दोस्त जफीर जाफर पर है.

खबरों के अनुसार, नूर ने जहीर से शादी करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसने कथित तौर पर यह कदम उठाया.

अधिकांश महिलाएं गरीब और मध्यम वर्गों से

इस घटना ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सनसनी मचा दी थी, जहां पहले ही मानवाधिकार कार्यकर्ता महिलाओं के खिलाफ हो रहे हमलों के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं. प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता ताहिरा अब्दुल्ला ने कहा कि नूर मुकादम एक राजनयिक की बेटी थी और समाज में उसके ओहदे के कारण इस मामले को मिली इतनी तव्वजो के जरिए पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा पर आखिरकार सवाल उठे. लेकिन इस तरह की हिंसा का शिकार होने वाली अधिकांश महिलाएं देश के गरीब और मध्यम वर्गों में से हैं और उनकी मौत को लेकर अक्सर कोई शिकायत दर्ज नहीं की जाती या इन्हें अनदेखा कर दिया जाता है.

महिलाओं के खिलाफ अपराध 'मूक महामारी'

अब्दुल्ला ने कहा कि केवल एक सप्ताह में महिलाओं पर हुए हमलों की ' मैं अपने हाथ से लंबी एक सूची आपको दे सकता हूं. पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों और हिंसा की महामारी एक मूक महामारी है जिसे कोई नहीं देख रहा और ना कोई इस बारे में बात कर रहा है.'

उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद पाकिस्तान की संसद इस महीने एक विधेयक पारित करने में विफल रही, जो महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए था. इसमें पति द्वारा की जाने वाली हिंसा भी शामिल है. इसके बजाय उसने एक इस्लामी विचारधारा परिषद को इस पर गौर करने को कहा है, इसी परिषद ने पहले कहा था कि पति के पत्नी को मारने में कुछ गलत नहीं है.

इस साल की शुरुआत में जारी की गई 'ह्यूमन राइट्स वॉच' की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में घरेलू हिंसा 'हॉटलाइन' से एकत्र किए गए आंकड़ों में पिछले साल जनवरी और मार्च के बीच हुई घरेलू हिंसा में 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. कोविड-19 के कारण मार्च में शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान तो यह आंकड़ें काफी अधिक थे.

झूठी शान के लिए प्रति वर्ष हजार हत्याएं

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि पाकिस्तान में तथाकथित शान के लिए हत्या के कई मामले में अपराधी भाई, पिता या अन्य पुरुष रिश्तेदार होते हैं. हर साल, इस तरह से 1,000 से अधिक महिलाओं की हत्या कर दी जाती है, उनमें से कई की शिकायत भी दर्ज नहीं की जाती.

अधिकार समूहों ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वह धार्मिक अधिकार के लिए काम करते हैं और महिलाओं पर हमलों के अपराधियों को माफ करते हैं.

पढ़ें : मानवाधिकारों का उल्लंघन होने वाली निगरानी तकनीकों पर लगाम लगाएं : संरा निकाय

उन्होंने कहा कि पूर्व क्रिकेटर, जिन्होंने तीन बार शादी की है और एक समय था जब खान की छवि कई महिलाओं के साथ संबंध रखने वाले व्यक्ति की थी, लेकिन अब उन्होंने एक रूढ़िवादी इस्लाम को अपना लिया है. वह एक धार्मिक व्यक्ति के साथ घनिष्ठ संबंध रखते हैं, जिन्होंने 'महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों' के लिए कोविड-19 को दोषी ठहराया था.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.