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पाक को उम्मीद : ट्रंप कश्मीर पर मध्यस्थता की अपनी पेशकश पर व्यावहारिक कदम उठाएंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे को लेकर पाकिस्तान ने उम्मीद जताई है कि वह कश्मीर को लेकर मध्यस्थता की पेशकश पर 'कुछ ठोस व्यावहारिक कदम' उठाएंगे. पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने मीडिया से बात करते हुए यह बात कही. पढ़ें पूरी खबर...

mediation on kashmir
फाइल फोटो (आइशा फारूकी)
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Published : Feb 20, 2020, 10:54 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 12:26 AM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर पर मध्यस्थता की अपनी पेशकश पर अगले हफ्ते अपनी भारत यात्रा के दौरान 'कुछ ठोस व्यावहारिक कदम' उठाएंगे.

ट्रंप 24 और 25 फरवरी को भारत की यात्रा करने वाले हैं.

विदेश कार्यालय (एफओ) की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने यहां साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में उम्मीद जताई कि मध्यस्थता के लिए राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गयी पेशकश 'कुछ ठोस व्यावहारिक कदमों के जरिए आगे बढ़ाई जाएगी.'

फारूकी ने ट्रंप की भारत यात्रा और कश्मीर के हालात के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि चार अमेरिकी सीनेटरों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को पत्र लिख कर उनका ध्यान कश्मीर की स्थिति की ओर आकर्षित किया.

नई दिल्ली का कहना है कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष द्वारा मध्यस्थता किए जाने की कोई गुंजाइश नहीं है.

फारूकी ने कहा कि यह सप्ताह 13 साल पहले समझौता एक्सप्रेस ट्रेन मामले की दुखद याद दिलाता है और उस आतंकवादी हमले के 68 पीड़ितों के परिवारों और प्रियजनों को अब भी न्याय का इंतजार है.

पढ़ें-भारत-अमेरिका का रिश्ता स्थिर, ट्रंप के दौरे से आएगी गर्माहट : ऐलिस वेल्स

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर पर मध्यस्थता की अपनी पेशकश पर अगले हफ्ते अपनी भारत यात्रा के दौरान 'कुछ ठोस व्यावहारिक कदम' उठाएंगे.

ट्रंप 24 और 25 फरवरी को भारत की यात्रा करने वाले हैं.

विदेश कार्यालय (एफओ) की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने यहां साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में उम्मीद जताई कि मध्यस्थता के लिए राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गयी पेशकश 'कुछ ठोस व्यावहारिक कदमों के जरिए आगे बढ़ाई जाएगी.'

फारूकी ने ट्रंप की भारत यात्रा और कश्मीर के हालात के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि चार अमेरिकी सीनेटरों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को पत्र लिख कर उनका ध्यान कश्मीर की स्थिति की ओर आकर्षित किया.

नई दिल्ली का कहना है कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष द्वारा मध्यस्थता किए जाने की कोई गुंजाइश नहीं है.

फारूकी ने कहा कि यह सप्ताह 13 साल पहले समझौता एक्सप्रेस ट्रेन मामले की दुखद याद दिलाता है और उस आतंकवादी हमले के 68 पीड़ितों के परिवारों और प्रियजनों को अब भी न्याय का इंतजार है.

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Last Updated : Mar 2, 2020, 12:26 AM IST
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