हांगकांग : दुनिया के 185 से अधिक देशों में फैली कोरोना महामारी के संबंध में हांगकांग के वैज्ञानिकों ने कुछ नए दावे किए हैं. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यदि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से पहले संक्रमित हो चुका है, तो वह दोबारा भी वायरस से संक्रमित हो सकता है. वैज्ञानिकों को इसके सबूत मिले हैं.
जेनेटिक परीक्षणों से पता चला है कि अगस्त के मध्य में स्पेन की यात्रा से हांगकांग लौट रहा 33 वर्षीय एक व्यक्ति दूसरी बार भी कोरोनो वायरस से संक्रमित हो गया है, जो कि मार्च में भी कोरोना से संक्रमित पाया गया था. यह बात डॉ. केल्विन काई-वांग ने कही, जो माइक्रोबायोलॉजिस्ट में शोध का नेतृत्व कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आदमी में पहली बार हल्के लक्षण थे और दूसरी बार कोई लक्षण नहीं थे. हांगकांग हवाईअड्डे पर स्क्रीनिंग और परीक्षण के माध्यम से व्यक्ति में संक्रमण का पता चला.
यह दिखाता है कि कुछ लोगों को वायरस के लिए आजीवन प्रतिरक्षा नहीं है. इस बारे में एक लेख लिखा गया है जिसे क्लीनिकल इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल ने स्वीकार कर लिया है, लेकिन अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है. कुछ स्वतंत्र विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने का आग्रह किया है, जब तक कि पूर्ण परिणाम उपलब्ध न हों.
दोबारा संक्रमण के दावे से विशेषज्ञ सहमत
इस मामले में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. जेसी गुडमैन ने कहा कि हम हमेशा से जानते हैं कि इस वायरस से दोबारा संक्रमित होने की संभावना है. उन्हें लगता है कि यह अत्यधिक विचार करने वाला मुद्दा है.
वर्तमान मे जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक गुडमैन ने कहा कि हालांकि अगर प्रतिरक्षा प्राकृतिक संक्रमण से अलग हो जाती है, तो यह टीकों के लिए एक चुनौती हो सकती है.
अमेरिका के वर्जीनिया में गैर-लाभकारी स्वास्थ्य समूह सीआरडीएफ ग्लोबल में माइक्रोबायोलॉजिस्ट जुली फिशर ने कहा कि अध्ययन आश्वस्त करता है और यह इस बात का सबूत है कि वायरस का दोबारा निर्माण हो सकता है.