कराची : पाकिस्तान के कराची में एक हिंदू मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि कराची के पुराने शहर नारायणपुरा में स्थित नारायण मंदिर में सोमवार शाम को यह घटना हुई.
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सरफराज़ नवाज़ ने बताया कि देवी-देवताओं की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने के आरोप में मोहम्मद वलीद शब्बीर नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा, 'आरोपी को मुकेश कुमार नाम के हिंदू व्यक्ति की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है. कुमार अपनी पत्नी के साथ नारायण मंदिर में प्रार्थना कर रहे थे, जब उन्होंने इस शख्स को हथौड़े से हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ते देखा.' एक प्रत्यशदर्शी ने बताया कि मंदिर में मौजूद गुस्साए हिंदू समुदाय के लोगों ने बदमाश को पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया.
बाद में इलाके के हिंदू निवासियों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार से हिंदुओं को सुरक्षा देने की मांग की. उन्होंने नारे लगाए और कहा कि वे घटना के बाद से इलाके में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इलाके में अधिकतर आबादी गरीब और कम आय वाले हिंदू परिवारों की है. वे दशकों से नारायणपुरा में रहते आए हैं.
पुलिस और पाकिस्तानी रेंजर्स ने मौके पर पहुंचकर इलाके की घेराबंदी कर दी है. सिंध के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ज्ञानचंद इसरानी (Sindh's Minority Affairs Minister Gyanchand Israni) ने कहा कि इस बाबत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में अशांति पैदा करती हैं. इसरानी ने कहा, 'हम ऐसे हमलों की निंदा करते हैं.' एक अन्य हिंदू निवासी ने कहा कि क्षेत्र में बहुत सारे हिंदू परिवार हैं और उन्होंने ऐसी घटना कभी नहीं देखी है और क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम तकरार की कोई घटना कभी नहीं हुई है.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे घटना को अंजाम देने के मकसद की जांच कर रहे हैं. टूटी हुई पवित्र मूर्तियों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं. मुल्क के अन्य हिस्सों में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुई हैं. हिंदू पाकिस्तान में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू (75 lakh Hindus in Pakistan) रहते हैं. हालांकि, समुदाय के मुताबिक, देश में हिंदुओं की जनसंख्या 90 लाख से ज्यादा है.
पाकिस्तान में अधिकतर हिंदू आबादी सिंध प्रांत में रहती है, जहां वे संस्कृति, परंपरा और भाषा मुस्लिम निवासियों के साथ साझा करते हैं. वे चरमपंथियों द्वारा परेशान किए जाने की अक्सर शिकायत करते हैं.
(पीटीआई-भाषा)