लाहौर : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (Punjab province of Pakistan) में मंदिर पर भीड़ द्वारा हमला (attack on temple by mob) और मूर्तियों को खंडित करने की घटना पर पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट (Pak Supreme Court) ने गंभीर चिंता जताई है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान के प्रमुख न्यायाधीश गुल्जार अहमद ने मामले का स्वत संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को सुनवाई करने का फैसला किया है.
वहीं, प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) ने भी इस घटना की कड़ी निन्दा की है. उन्होंने हमलावरों को गिरफ्तार करने और मंदिर का पुनर्निर्माण का निर्देश दिया.
उन्होंने ट्वीट किया कि कल भोंग गणेश मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. मैंने पहले ही आईजी पंजाब से सभी दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और किसी भी पुलिस लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. सरकार मंदिर को भी बहाल करेगी.
बता दें कि भोंग शहर में हिंदू दशकों से शांतिपूर्वक ढंग से रह रहा है. पिछले हफ्ते एक आठ साल के हिंदू बच्चे ने कथित तौर पर मदरसे की लाइब्रेरी में पेशाब कर दिया था. इसके बाद पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई थी. सैकड़ों कट्टरपंथियों ने भोंग में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की और सुक्कुर-मुल्तान मोटरवे (एम-5) को जाम कर दिया. डिस्ट्रिक कमिश्नर डॉ खुरम शहजाद और जिला पुलिस अधिकारी असद सरफराज के शहर का दौरा करने के बाद देर शाम को स्थिति को देखते हुए पूरे इलाके में रेंजर्स को तैनात कर दिया था.
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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उस लड़के को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था और ईशनिंदा कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में नाबालिग होने के कारण जमानत पर रिहा कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा लड़के को जमानत दिए जाने के बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई.
जिला पुलिस अधिकारी असद सरफराज ने कहा कि हमलावर लाठी, पत्थर और ईंट ले जा रहे थे. उन्होंने धार्मिक नारे लगाते हुए देवताओं को तोड़ा. यहां तक कि मंदिर का एक हिस्सा भी जला दिया गया है.
भारत ने इस घटना को लेकर गुरुवार को नई दिल्ली में पाकिस्तानी प्रभारी डी' एफेयर को तलब किया पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों और उनके धार्मिक पूजा स्थलों की धार्मिक स्वतंत्रता पर लगातार हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया.