किंग्सटाउन : सेंट विंसेंट में पूर्वी कैरिबियाई द्वीप पर पिछले सप्ताह ज्वालामुखी विस्फोट शुरू होने के साथ भारी मात्रा में राख और गर्म गैस निकलने से लोगों की सुरक्षा को लेकर अधिकारी चिंतित हैं.
ज्वालामुखी के निकट करीब 16,000 लोग रहते हैं और सरकार के आदेश पर कई लाेगाें काे वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानाें पर भेज दिया गया है, लेकिन हैरत की बात यह है कि अब भी काफी संख्या में लोग वहां से हटने से इनकार कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : सेंट विंसेंट के कैरेबियाई द्वीप पर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद कई लोगों ने छोड़ा घर
विशेषज्ञों ने इसे 'बहुत बड़ा विस्फोट' बताया है. विस्फोट की वजह से ज्वालामुखी से निकला लावा दक्षिण और दक्षिण पश्चिम की ओर बह रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ द वेस्ट इंडीजेज सिस्मिक रिसर्च सेंटर के निदेशक एरूसिला जोसेफ ने बताया, 'इसके (ज्वालामुखी से निकला लावा) मार्ग में आ रहे हर चीज नष्ट हाेते जा रहे हैं.'
उन्होंने लाेगाें काे चेतावनी देते हुए कहा, 'जो भी वहां से नहीं निकले हैं, जल्द से जल्द इलाका छोड़ दें.
घटना में तत्काल किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. सरकारी अधिकारियों ने अभी तक सोमवार हुए विस्फोट को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जो शुक्रवार सुबह के विस्फोट से अधिक शक्तिशाली था.
भूकंपीय अनुसंधान केंद्र से जुड़े रिचर्ड रॉबर्टसन ने स्थानीय रेडियो स्टेशन एनबीसी रेडियो को बताया कि ज्वालामुखी का पुराना और नया मुहाना नष्ट हो गया है और एक नये क्रेटर का निर्माण हुआ है.
वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को ज्वालामुखी विस्फोट के बाद से संक्रमण के करीब 14 नए मामले आये हैं और राहत शिविरों में आने वालों की जांच की जा रही है। 3,700 से अधिक लाेग सरकारी राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं.
बता दें कि, पूर्वी कैरिबियाई में 19 सक्रिय ज्वालामुखी हैं जिनमें से 17 ज्वालामुखी 11 द्वीपों पर मौजूद हैं और शेष दो ज्वालामुखी ग्रेनेडा के पास समुद्र के अंदर मौजूद हैं.