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जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन ने ईरान पर परमाणु स्थलों तक पहुंच के लिए बनाया दबाव - ईरान पर परमाणु स्थलों तक पहुंच

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानीकर्ता एजेंसी के बोर्ड ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर ईरान से निरीक्षकों को उस स्थान तक पहुंच सुलभ कराने का आह्वान किया है.

हसन रूहानी
हसन रूहानी
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Published : Jun 19, 2020, 10:00 PM IST

बर्लिन : संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानीकर्ता एजेंसी के बोर्ड ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर ईरान से निरीक्षकों को उस स्थान तक पहुंच सुलभ कराने का आह्वान किया जहां माना जाता है कि उसने अघोषित परमाणु सामग्री का भंडारण या इस्तेमाल किया. रूसी प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी.

वियना स्थित आईएईए में रूस के दूत मिखाइल उल्यानोव ने ट्विटर पर कहा कि उनके देश और चीन ने उस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया जिसका प्रस्ताव जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की बैठक में दिया था.

उल्यानोव ने कहा, 'हमें लगता है कि इस प्रस्ताव का विपरीत असर हो सकता है.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि तेहरान तथा आईएईए को बिना किसी विलंब के इस समस्या का समाधान करने की जरूरत है.

इस हफ्ते के शुरू में एजेंसी के महानिदेशक मारियानो ग्रोस्सी ने चिंता दोहराई थी कि चार महीने से ईरान दो स्थानों पर जांच के लिये निरीक्षकों को अनुमति नहीं दे रहा है.

उन्होंने कहा 'हम चाहते हैं कि संभावित अघोषित परमाणु सामग्री और परमाणु संबंधी गतिविधियों से संबंधित हमारे सवालों का जवाब दिया जाए.'

पढ़ें -कोरोना के कारण विश्व का ध्यान भटका, फायदा उठाना चाहता है चीन : अमेरिकी मंत्री

वहीं एजेंसी में ईरान के प्रतिनिधि काजिम गरीबाबादी ने कहा कि उनका देश इस प्रस्ताव को खारिज करता है.

उन्होंने कहा, 'हमें ये प्रस्ताव कहीं से स्वीकार करने योग्य नहीं लगता.'

बर्लिन : संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानीकर्ता एजेंसी के बोर्ड ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर ईरान से निरीक्षकों को उस स्थान तक पहुंच सुलभ कराने का आह्वान किया जहां माना जाता है कि उसने अघोषित परमाणु सामग्री का भंडारण या इस्तेमाल किया. रूसी प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी.

वियना स्थित आईएईए में रूस के दूत मिखाइल उल्यानोव ने ट्विटर पर कहा कि उनके देश और चीन ने उस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया जिसका प्रस्ताव जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की बैठक में दिया था.

उल्यानोव ने कहा, 'हमें लगता है कि इस प्रस्ताव का विपरीत असर हो सकता है.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि तेहरान तथा आईएईए को बिना किसी विलंब के इस समस्या का समाधान करने की जरूरत है.

इस हफ्ते के शुरू में एजेंसी के महानिदेशक मारियानो ग्रोस्सी ने चिंता दोहराई थी कि चार महीने से ईरान दो स्थानों पर जांच के लिये निरीक्षकों को अनुमति नहीं दे रहा है.

उन्होंने कहा 'हम चाहते हैं कि संभावित अघोषित परमाणु सामग्री और परमाणु संबंधी गतिविधियों से संबंधित हमारे सवालों का जवाब दिया जाए.'

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वहीं एजेंसी में ईरान के प्रतिनिधि काजिम गरीबाबादी ने कहा कि उनका देश इस प्रस्ताव को खारिज करता है.

उन्होंने कहा, 'हमें ये प्रस्ताव कहीं से स्वीकार करने योग्य नहीं लगता.'

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