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पूर्व अफगान अधिकारी का दावा, तालिबान शासन दो साल से अधिक नहीं टिकेगा

अफगानिस्तान में तालिबान शासन के अस्तित्व में आने के बाद आशंकाओं के कई मंडरा रहे हैं. वैश्विक रूप से कई देशों ने अभी तक तालिबान को मान्यता नहीं दी है. खुद अमेरिका ने भी कहा है कि बाइडेन प्रशासन तालिबान को मान्यता देने की जल्दबाजी में नहीं है. ताजा घटनाक्रम में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा है कि अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान दो साल से अधिक समय तक नहीं टिक सकेगा.

मलेज दाऊद
मलेज दाऊद
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Published : Oct 29, 2021, 1:47 PM IST

एम्स्टर्डम [नीदरलैंड] : अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ मलेज दाऊद ने अनुमान लगाया है कि तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर दो साल से अधिक नहीं टिकेगा. मलेज का कहना है कि तालिबान संकट गहराने के साथ-साथ अफगानिस्तान पर अपनी पकड़ खो रहा है. उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में संकट लगातार गहराता जा रहा है.

यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) के साथ एक साक्षात्कार में, दाउद ने कहा, 'यह बस कुछ ही समय की बात होगी... मेरे जैसे लोग पूर्वानुमान लगाते हैं कि तालिबान दो साल से अधिक नहीं टिकेगा.' उन्होंने कहा कि सभी तालिबान पर्यवेक्षक छह महीने भी नहीं देते. वे देश पर नियंत्रण खो रहे हैं. मलेज ने कहा कि लोग सड़कों पर भूख से मर रहे हैं, छोटे बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा बेचा जा रहा है.

गुरुवार को हुए साक्षात्कार में मलेज ने कहा कि कल एक लड़की को 500 अमेरिकी डालर में बेचा गया था. जो भी आईएसआईएस में शामिल होगा उसे 500 अमेरिकी डालर मिलेंगे आप ISIS में शामिल हो जाते हैं और फिर आप तालिबान के खिलाफ लड़ते हैं.

तालिबान द्वारा अमेरिका को हराने के बारे में बात करते हुए, मलेज ने कहा, हमारे पास अफगानिस्तान में सरकारी संस्थान नहीं हैं. बात जब सोवियत संघ की आती है, तो उन्होंने एक आंदोलन के साथ भागीदारी की, लेकिन वामपंथी आंदोलन के उभार के बावजूद, आंदोलन जारी रखा. उन्होंने एक-दूसरे को मार डाला, इस तथ्य के बावजूद कि इतने सारे विभाजन हुए, लेकिन 1989 के बाद जो सबसे छोटा हिस्सा रह गया, उन्होंने समर्थन जुटाना जारी रखा. तालिबान समर्थन जुटाना जारी रखते हैं.

उन्होंने कहा कि तालिबान ने लामबंदी और सामाजिक आंदोलनों पर साहित्य जारी रखा. यह उग्रवाद की कुंजी है. यह महत्वपूर्ण है कि आप साहित्य को जुटाना जारी रखें. हम जानते हैं कि तीन लाख का आंकड़ा जो हमें अफगान सुरक्षा बलों को दिया गया था, इसमें 50,000 सुरक्षा बल भी हैं. 50,000 सिर्फ भाड़े के लोग हैं, लोग आ रहे हैं, क्योंकि उनके पास कोई दूसरा पेशा नहीं है, और वे सिर्फ लड़ते हैं.'

इमरान खान की हालिया ताजिकिस्तान यात्रा के बारे में बात करते हुए मलेज दाऊद ने कहा, 'यह एक छोटा देश है. लेकिन उन्होंने एक मुद्दा उठाया है क्योंकि ताजिकों को सत्ता से बाहर कर दिया गया है. बकौल मलेज, इमरान ने यह भी कहा कि हमारे पास ताजिकों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है.

उन्होंने कहा कि इमरान खान समझते हैं कि आप संसाधन जुटाने के लिए स्थान का उपयोग करते हैं और मैंने उन्हें संसाधन जुटाने पर, सामाजिक आंदोलनों के लिए, और राजनीतिक अवसर और बाधाओं के ढांचे के लिए एक प्रस्तुति देते देखा है.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान को मानवीय सहायता, अमेरिका से मिलेंगे 14.4 करोड़ डॉलर

मलेज ने कहा कि यदि आप सामाजिक आंदोलनों के साहित्य को देखते हैं तो ये कुंजी जैसी है. आपको एक स्थान पर दबाया जाता है, जैसे कि अफगानिस्तान के मामले में. हम यहां तालिबान को दबाते रहे, लेकिन वे पाकिस्तान चले गए. उनकी वहां चिकित्सा सेवाएं हैं. उनका अपना व्यवसाय है. ये ऐसी कंपनियां हैं जो अफगानिस्तान की तुलना में पाकिस्तान में अधिक निवेश करती हैं. पाक की जमीन पर उनके व्यवसाय हैं, वे अफगानिस्तान के लिए उन्हें कभी नहीं छोड़ेंगे.

सूडान के सैन्य अधिग्रहण का जिक्र करते हुए मलेज दाऊद ने कहा, 'सूडान की सेना के कब्जे के खिलाफ, आपके जवाबी लामबंदी है. हमारे पास अफगानिस्तान में जवाबी लामबंदी नहीं है.'

उन्होंने कहा कि चूंकि पूरे अफगानिस्तान में कई महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ काबुल में कई विरोध प्रदर्शन किए हैं, दाऊद ने कहा कि 'जो महिलाएं अभी सड़कों पर हैं, वे अभी काम कर रही हैं. इसने तालिबान के लिए एक दुविधा पैदा कर दी है. तालिबान ने कभी इस तरह का सामना नहीं किया.'

(एएनआई)

एम्स्टर्डम [नीदरलैंड] : अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ मलेज दाऊद ने अनुमान लगाया है कि तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर दो साल से अधिक नहीं टिकेगा. मलेज का कहना है कि तालिबान संकट गहराने के साथ-साथ अफगानिस्तान पर अपनी पकड़ खो रहा है. उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में संकट लगातार गहराता जा रहा है.

यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) के साथ एक साक्षात्कार में, दाउद ने कहा, 'यह बस कुछ ही समय की बात होगी... मेरे जैसे लोग पूर्वानुमान लगाते हैं कि तालिबान दो साल से अधिक नहीं टिकेगा.' उन्होंने कहा कि सभी तालिबान पर्यवेक्षक छह महीने भी नहीं देते. वे देश पर नियंत्रण खो रहे हैं. मलेज ने कहा कि लोग सड़कों पर भूख से मर रहे हैं, छोटे बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा बेचा जा रहा है.

गुरुवार को हुए साक्षात्कार में मलेज ने कहा कि कल एक लड़की को 500 अमेरिकी डालर में बेचा गया था. जो भी आईएसआईएस में शामिल होगा उसे 500 अमेरिकी डालर मिलेंगे आप ISIS में शामिल हो जाते हैं और फिर आप तालिबान के खिलाफ लड़ते हैं.

तालिबान द्वारा अमेरिका को हराने के बारे में बात करते हुए, मलेज ने कहा, हमारे पास अफगानिस्तान में सरकारी संस्थान नहीं हैं. बात जब सोवियत संघ की आती है, तो उन्होंने एक आंदोलन के साथ भागीदारी की, लेकिन वामपंथी आंदोलन के उभार के बावजूद, आंदोलन जारी रखा. उन्होंने एक-दूसरे को मार डाला, इस तथ्य के बावजूद कि इतने सारे विभाजन हुए, लेकिन 1989 के बाद जो सबसे छोटा हिस्सा रह गया, उन्होंने समर्थन जुटाना जारी रखा. तालिबान समर्थन जुटाना जारी रखते हैं.

उन्होंने कहा कि तालिबान ने लामबंदी और सामाजिक आंदोलनों पर साहित्य जारी रखा. यह उग्रवाद की कुंजी है. यह महत्वपूर्ण है कि आप साहित्य को जुटाना जारी रखें. हम जानते हैं कि तीन लाख का आंकड़ा जो हमें अफगान सुरक्षा बलों को दिया गया था, इसमें 50,000 सुरक्षा बल भी हैं. 50,000 सिर्फ भाड़े के लोग हैं, लोग आ रहे हैं, क्योंकि उनके पास कोई दूसरा पेशा नहीं है, और वे सिर्फ लड़ते हैं.'

इमरान खान की हालिया ताजिकिस्तान यात्रा के बारे में बात करते हुए मलेज दाऊद ने कहा, 'यह एक छोटा देश है. लेकिन उन्होंने एक मुद्दा उठाया है क्योंकि ताजिकों को सत्ता से बाहर कर दिया गया है. बकौल मलेज, इमरान ने यह भी कहा कि हमारे पास ताजिकों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है.

उन्होंने कहा कि इमरान खान समझते हैं कि आप संसाधन जुटाने के लिए स्थान का उपयोग करते हैं और मैंने उन्हें संसाधन जुटाने पर, सामाजिक आंदोलनों के लिए, और राजनीतिक अवसर और बाधाओं के ढांचे के लिए एक प्रस्तुति देते देखा है.

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मलेज ने कहा कि यदि आप सामाजिक आंदोलनों के साहित्य को देखते हैं तो ये कुंजी जैसी है. आपको एक स्थान पर दबाया जाता है, जैसे कि अफगानिस्तान के मामले में. हम यहां तालिबान को दबाते रहे, लेकिन वे पाकिस्तान चले गए. उनकी वहां चिकित्सा सेवाएं हैं. उनका अपना व्यवसाय है. ये ऐसी कंपनियां हैं जो अफगानिस्तान की तुलना में पाकिस्तान में अधिक निवेश करती हैं. पाक की जमीन पर उनके व्यवसाय हैं, वे अफगानिस्तान के लिए उन्हें कभी नहीं छोड़ेंगे.

सूडान के सैन्य अधिग्रहण का जिक्र करते हुए मलेज दाऊद ने कहा, 'सूडान की सेना के कब्जे के खिलाफ, आपके जवाबी लामबंदी है. हमारे पास अफगानिस्तान में जवाबी लामबंदी नहीं है.'

उन्होंने कहा कि चूंकि पूरे अफगानिस्तान में कई महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ काबुल में कई विरोध प्रदर्शन किए हैं, दाऊद ने कहा कि 'जो महिलाएं अभी सड़कों पर हैं, वे अभी काम कर रही हैं. इसने तालिबान के लिए एक दुविधा पैदा कर दी है. तालिबान ने कभी इस तरह का सामना नहीं किया.'

(एएनआई)

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