कोलंबो : कुवैत से कच्चा तेल लेकर भारत जा रहे टैंकर पोत में श्रीलंका के करीब पहुंचने पर भीषण आग लग गई. नौसेना के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.
श्रीलंका की नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन इंडिका सिल्वा ने बताया कि पनामा में पंजीकृत टैंकर 'न्यू डायमंड' कुवैत से 2,70,000 मीट्रिक टन कच्चा तेल ले कर भारत जा रहा था. लेकिन पूर्वी जिले अंपारा में संगमनकंडा के तट पर गुरुवार को इसके इंजन कक्ष में आग लग गई.
आपको बता दें कि आग को सफलतापूर्वक बुझा लिया गया है.ICG जहाज शौर्य ने लगातार आग बुझाने के लिए सीमा पर कूलिंग की.
नौसेना ने बताया कि चालक दल का एक सदस्य लापता है जो फिलिपीन का है. फिलिपीन के ही एक अन्य नागरिक को बचा लिया गया. एक इंजीनियर घायल है जिसे पूर्वी प्रांत के कालमुनई में अस्पताल भेजा गया है.
नौसेना ने टैंकर के कैप्टन और चालक दल के एक सदस्य को बचा लिया है.
इलाके में लंगर डालने वाले पोत एमवी हेलेन ने 'न्यू डायमंड' से चालक दल के 19 सदस्यों को बचा लिया. इनमें से तीन यूनानी और 16 फिलिपीन के नागरिक हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि आग बुझाने और बचाव अभियान के लिए कम से कम चार पोत भेजे गए.
नौसेना के पोत त्रिंकोमाली के पूर्वी बंदरगाह और हंबनटोटा के दक्षिणी बंदरगाह से भेजे गए.
तेल टैंकर में लगी आग पर काबू पाने के लिए जब श्रीलंका की नौसेना ने मदद मांगी तब भारतीय तट रक्षक ने अपने तीन पोत और एक डॉर्नियर विमान भेजा.
भारतीय तटरक्षक बल ने कहा कि बचाव अभियान तत्काल शुरू किया गया और न्यू डायमंड पर लगी आग को बुझाने में सहायता करने के लिए तुरंत शौर्य, सारंग तथा समुद्र पहरेदार पोत और एक डोर्नियर विमान रवाना किया गया.
प्रवक्ता ने बताया कि हंबनटोटा बंदरगाह पर 31 अगस्त से लंगर डाले दो रूसी पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों को भी आग बुझाने के अभियान में लगाया गया.
सिल्वा ने बताया कि 'न्यू डायमंड' के इंजन कक्ष में जब आग लगी तब टैंकर पोत पर चालक दल के 24 सदस्य थे.
समु्द्री पर्यावरण सुरक्षा प्राधिकरण (एमईपीए) ने कहा कि तेल टैंकर कुवैत से 2,70,000 मीट्रिक टन तेल ले कर भारत जा रहा था.
एमईपीए के अध्यक्ष धर्षानी लहांदापुरा ने बताया कि आग बुझाने के लिए नौसैनिक पोतों को 1,00,000 लीटर पानी मुहैया कराया गया.
सहायता करने के लिए श्रीलंका वायु सेना को भी तैनात किया गया. बचाव अभियान में उनका एक हेलीकॉप्टर शामिल हुआ.
रूस की आधिकारिक समाचार एजेंसी तास के मुताबिक, नौवहन चालक दल के दो सदस्यों को छोड़कर सभी कर्मियों ने टैंकर छोड़ दिया है और वह समुद्र में बचाव नौका में हैं.