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चीन की आलोचना के बावजूद चेक गणराज्य का प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचा

सीनेट अध्यक्ष मिलोस विस्टरसिल मध्य यूरोपीय देश चेक गणराज्य के 89 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिनमें राजनीति, कारोबार, कला और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं. चेक गणराज्य की सीनेट के अध्यक्ष ने ताइवान में आर्थिक मंच पर कहा कि स्वतंत्रता और लोकतंत्र समृद्धि का आधार है. पढ़ें पूरी खबर...

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चीन की आलोचना के बावजूद चेक गणराज्य का प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचा
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Published : Aug 31, 2020, 7:26 PM IST

ताइपे : चेक गणराज्य की सीनेट के अध्यक्ष ने ताइवान में आर्थिक मंच पर कहा कि स्वतंत्रता और लोकतंत्र समृद्धि का आधार है. वहीं, चीन द्वारा इस यात्रा की कड़ी आलोचना के बावजूद दोनों पक्षों ने उच्च प्रौद्योगिकी उत्पादन और पर्यावरण प्रबंधन को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

उल्लेखनीय है कि सीनेट अध्यक्ष मिलोस विस्टरसिल मध्य यूरोपीय देश चेक गणराज्य के 89 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिनमें राजनीति, कारोबार, कला और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं और इस यात्रा का मकसद संपर्क को बढ़ाना है.

ताइवान इस तरह के आदान-प्रदान पर निर्भर है, क्योंकि चीन की कोशिश स्व शासित ताइवान को अलग-थलग करने की है. क्योंकि वह इसे अपना हिस्सा मानता है और जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई कर उसपर कब्जा करने की धमकी देता है.

अन्य 15 देशों की तरह चेक गणराज्य का ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन दोनों देशों के बीच अनौपचारिक संपर्क है.

गौर हो कि चीन ने पिछले हफ्ते विस्टरसिल की यात्रा की निंदा करते हुए कहा कि इससे प्राग और बीजिंग के संबंधों के राजनीतिक आधार को कमजोर किया जा रहा है. हालांकि, अबतक उसने यह संकेत नहीं दिया है कि वह इसका जवाब कैसे देगा.

ताइपे : चेक गणराज्य की सीनेट के अध्यक्ष ने ताइवान में आर्थिक मंच पर कहा कि स्वतंत्रता और लोकतंत्र समृद्धि का आधार है. वहीं, चीन द्वारा इस यात्रा की कड़ी आलोचना के बावजूद दोनों पक्षों ने उच्च प्रौद्योगिकी उत्पादन और पर्यावरण प्रबंधन को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

उल्लेखनीय है कि सीनेट अध्यक्ष मिलोस विस्टरसिल मध्य यूरोपीय देश चेक गणराज्य के 89 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिनमें राजनीति, कारोबार, कला और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं और इस यात्रा का मकसद संपर्क को बढ़ाना है.

ताइवान इस तरह के आदान-प्रदान पर निर्भर है, क्योंकि चीन की कोशिश स्व शासित ताइवान को अलग-थलग करने की है. क्योंकि वह इसे अपना हिस्सा मानता है और जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई कर उसपर कब्जा करने की धमकी देता है.

अन्य 15 देशों की तरह चेक गणराज्य का ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन दोनों देशों के बीच अनौपचारिक संपर्क है.

गौर हो कि चीन ने पिछले हफ्ते विस्टरसिल की यात्रा की निंदा करते हुए कहा कि इससे प्राग और बीजिंग के संबंधों के राजनीतिक आधार को कमजोर किया जा रहा है. हालांकि, अबतक उसने यह संकेत नहीं दिया है कि वह इसका जवाब कैसे देगा.

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