बीजिंग : चीन ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण का पहला चरण शुरू किया है. रिकॉर्ड से ऐसा पता चलता है कि दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिक जानलेवा कोरोना वायरस (COVID-19) का टीका खोजने के लिए प्रयासरत हैं.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने कहा था कि वह इस महामारी के लिए एक टीके का परीक्षण करने जा रहा है. इस वैक्सीन की पुष्टि होने में एक से डेढ़ साल लगेंगे.
चीन गत 16 मार्च से कोरोना वायरस का टीका बनाने के लिए प्रयासरत है. इसी दिन अमेरिका ने टीके का क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने की घोषणा की थी.
सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना में शामिल एक सदस्य ने बताया कि पहले चरण के परीक्षण के लिए स्वंयसेवकों को टीका मिलना शुरू हो गया है.
18 से 60 वर्ष की आयु वाले 108 लोगों का तीन समूह में परीक्षण किया जाएगा और उन्हें अलग-अलग खुराक दी जाएगी. वे सभी वुहान शहर के निवासी हैं, जहां से पिछले वर्ष दिसंबर में कोरोना वायरस फैला है.
कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने के साथ-साथ दुनियाभर की दवा कंपनिया, शोध केंद्र इसकी दवा ढूढने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं, हालांकि इस वायरस की दवा, वैक्सीन की अब तक खोज नहीं हो पाई है.
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बता दें कि इस वायरस से दुनियाभर में 13000 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, वही इस महामारी से ढाई लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं.