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जैसे को तैसा की नीति पर चीन, चेंगदू प्रांत में स्थित अमेरिकी दूतावास किया बंद - अमेरिकी झंडे को उतार दिया.

बदले की भावना से आखिरकार चीन ने भी चेंगदू प्रांत में चल रहे यूएस वाणिज्य दूतावास को बंद कर दिया. पहले अमेरिका ने ह्यूस्टन में चल रहे चीनी दूतावास को जासूसी के आरोप में बंद किया था जिसके बाद जैसे को तैसा के आधार पर चीन ने यह कार्रवाई की.

जैसे को तैसा की नीति पर चीन
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Published : Jul 27, 2020, 1:23 PM IST

Updated : Jul 27, 2020, 6:28 PM IST

बीजिंग/चेंगदू : चीन ने कहा कि ह्यूस्टन में चीनी राजनयिक मिशन को बंद करने के अमेरिका के कदम के विरोध में बीजिंग ने भी चेंगदू में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास पर नियंत्रण कर लिया है.

चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि चीनी पक्ष की ओर से 27 जुलाई की सुबह 10 बजे अमेरिकी दूतावास को बंद कर दिया गया. चेंगदू दक्षिण पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत की राजधानी है.

देखें वीडियो

चीनी के ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के अनुसार चीन के अधिकारियों ने पूरे परिसर को अपने कब्जे में ले लिया और इमारत से अमेरिकी झंडे को उतार दिया. जैसे को तैसा की भावना से चीन ने यह काम किया.

पिछले हफ्ते अमेरिकी सरकार ने टेक्सास के ह्यूस्टन में चीन के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया था. यूएस ने दावा किया था कि मिशन अमेरिका के आसपास राजनयिक सुविधाओं का उपयोग करते हुए जासूसी में शामिल था.

अमेरिकी विदेश विभाग निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के फैसले से हम निराश हैं और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में लोगों तक अपनी पहुंच जारी रखने का प्रयास करेंगे.

अमेरिकी वाणिज्य दूतावास परिसर बंद करने के दौरान आसपास की आवाजाही को ठप कर दिया गया.

हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि आसपास कई कारों, एक सफेद एम्बुलेंस और दर्जनों चीनी कर्मचारियों को चेंगदू वाणिज्य दूतावास के पास देखा गया. चीन सरकार की कार्रवाई को देखने के लिए काफी भीड़ जमा थी. ग्लोबल टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि इस ऐतिहासिक पल को कब्जे में करने के लिए लोग फोटो ले रहे थे, वीडियो बना रहे थे.

बड़े-बड़े क्रेन अंदर लाए गए. स्थानीय लोग चुपचाप वाणिज्य दूतावास के मुख्य द्वार के सामने पुलिस कॉर्डन के पीछे इकट्ठा होकर ये सब देख रहे थे.

भीड़ के बीच 30 साल के चेंगदू निवासी एलेन हू ने कहा कि उसका कार्यालय सुबह 9.30 बजे खुला, लेकिन उसने वाणिज्य दूतावास को बंद होता देखने के लिए इंतजार करने का फैसला किया. उसने कहा कि यह दशकों में केवल एक बार होता है.

यूएस वाणिज्य दूतावास, जो 1985 में खोला गया था, में लगभग 200 कर्मचारी हैं, जिनमें लगभग 150 स्थानीय रूप से काम पर रखे गए कर्मचारी शामिल हैं. दोनों देशों ने अपने वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया क्योंकि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंध अपने निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं.

पिछले कुछ समय से अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन व्यापार और कोरोनवायरस महामारी पर बीजिंग के साथ बार-बार टकराया है, साथ ही चीन ने हांगकांग पर एक विवादास्पद नया सुरक्षा कानून लागू किया है. वाशिंगटन शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों की आलोचना कर रहा है.

चेंगदू में वाणिज्य दूतावास भवन के बाहर उत्सव का माहौल था. ऐतिहासिक कार्यक्रम का गवाह बनने के लिए काफी भीड़ जमा हुई.

इतनी भीड़ जमा हो गई कि वाणिज्य दूतावास के विपरीत एक आइस जेली स्टॉल पर बिक्री दोगुनी हो गई. दूतावास में काम करने वाले एक कर्मचारी तांग ने बताय कि अब वो यहां आइस जैली के 300 कटोरे बेच सकता है.

तांग ने कहा कि लोग इस घटना का हिस्सा बनने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. हेबै के उत्तरी प्रांत के जू जुनकिंग ने कहा कि वह पिछले हफ्ते चेंगदू में अपने बेटे से मिलने गए थे और फिर वाणिज्य दूतावास आ गए.

एक और चश्मदीद जू ने कहा कि मुझे लगता है कि ज्यादातर लोग उत्सुक हैं लेकिन मुझे लगता है कि यह फिर से खुल जाएगा क्योंकि अगर चीन और अमेरिका ने सहयोग बंद कर दिया तो ये दुनिया के लिए अच्छा नहीं होगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि बदले की भावना से की गई ये कार्रवाई यूएस-चीन संबंधों को और बिगाड़ सकती है.

रेनमिन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के एक प्रोफेसर शी यिनहोंग ने पोस्ट को बताया कि अमेरिका ने सभी पहलुओं में चीन के साथ निपटने के लिए अपना मन बना लिया है इसलिए अगले छह महीनों में, जब तक कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता परिस्थितयां

फुडन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक प्रोफेसर शेन डिंगली ने कहा कि चीन-अमेरिका संबंध बिगड़ते रहेंगे. शेनन ने कहा कि वैश्वीकरण के कारण पहले यह असंभव था लेकिन अब दोनों देश एक दूसरे से नाटकीय रूप से दूर हो रहे हैं.

बीजिंग/चेंगदू : चीन ने कहा कि ह्यूस्टन में चीनी राजनयिक मिशन को बंद करने के अमेरिका के कदम के विरोध में बीजिंग ने भी चेंगदू में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास पर नियंत्रण कर लिया है.

चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि चीनी पक्ष की ओर से 27 जुलाई की सुबह 10 बजे अमेरिकी दूतावास को बंद कर दिया गया. चेंगदू दक्षिण पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत की राजधानी है.

देखें वीडियो

चीनी के ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के अनुसार चीन के अधिकारियों ने पूरे परिसर को अपने कब्जे में ले लिया और इमारत से अमेरिकी झंडे को उतार दिया. जैसे को तैसा की भावना से चीन ने यह काम किया.

पिछले हफ्ते अमेरिकी सरकार ने टेक्सास के ह्यूस्टन में चीन के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया था. यूएस ने दावा किया था कि मिशन अमेरिका के आसपास राजनयिक सुविधाओं का उपयोग करते हुए जासूसी में शामिल था.

अमेरिकी विदेश विभाग निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के फैसले से हम निराश हैं और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में लोगों तक अपनी पहुंच जारी रखने का प्रयास करेंगे.

अमेरिकी वाणिज्य दूतावास परिसर बंद करने के दौरान आसपास की आवाजाही को ठप कर दिया गया.

हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि आसपास कई कारों, एक सफेद एम्बुलेंस और दर्जनों चीनी कर्मचारियों को चेंगदू वाणिज्य दूतावास के पास देखा गया. चीन सरकार की कार्रवाई को देखने के लिए काफी भीड़ जमा थी. ग्लोबल टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि इस ऐतिहासिक पल को कब्जे में करने के लिए लोग फोटो ले रहे थे, वीडियो बना रहे थे.

बड़े-बड़े क्रेन अंदर लाए गए. स्थानीय लोग चुपचाप वाणिज्य दूतावास के मुख्य द्वार के सामने पुलिस कॉर्डन के पीछे इकट्ठा होकर ये सब देख रहे थे.

भीड़ के बीच 30 साल के चेंगदू निवासी एलेन हू ने कहा कि उसका कार्यालय सुबह 9.30 बजे खुला, लेकिन उसने वाणिज्य दूतावास को बंद होता देखने के लिए इंतजार करने का फैसला किया. उसने कहा कि यह दशकों में केवल एक बार होता है.

यूएस वाणिज्य दूतावास, जो 1985 में खोला गया था, में लगभग 200 कर्मचारी हैं, जिनमें लगभग 150 स्थानीय रूप से काम पर रखे गए कर्मचारी शामिल हैं. दोनों देशों ने अपने वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया क्योंकि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंध अपने निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं.

पिछले कुछ समय से अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन व्यापार और कोरोनवायरस महामारी पर बीजिंग के साथ बार-बार टकराया है, साथ ही चीन ने हांगकांग पर एक विवादास्पद नया सुरक्षा कानून लागू किया है. वाशिंगटन शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों की आलोचना कर रहा है.

चेंगदू में वाणिज्य दूतावास भवन के बाहर उत्सव का माहौल था. ऐतिहासिक कार्यक्रम का गवाह बनने के लिए काफी भीड़ जमा हुई.

इतनी भीड़ जमा हो गई कि वाणिज्य दूतावास के विपरीत एक आइस जेली स्टॉल पर बिक्री दोगुनी हो गई. दूतावास में काम करने वाले एक कर्मचारी तांग ने बताय कि अब वो यहां आइस जैली के 300 कटोरे बेच सकता है.

तांग ने कहा कि लोग इस घटना का हिस्सा बनने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. हेबै के उत्तरी प्रांत के जू जुनकिंग ने कहा कि वह पिछले हफ्ते चेंगदू में अपने बेटे से मिलने गए थे और फिर वाणिज्य दूतावास आ गए.

एक और चश्मदीद जू ने कहा कि मुझे लगता है कि ज्यादातर लोग उत्सुक हैं लेकिन मुझे लगता है कि यह फिर से खुल जाएगा क्योंकि अगर चीन और अमेरिका ने सहयोग बंद कर दिया तो ये दुनिया के लिए अच्छा नहीं होगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि बदले की भावना से की गई ये कार्रवाई यूएस-चीन संबंधों को और बिगाड़ सकती है.

रेनमिन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के एक प्रोफेसर शी यिनहोंग ने पोस्ट को बताया कि अमेरिका ने सभी पहलुओं में चीन के साथ निपटने के लिए अपना मन बना लिया है इसलिए अगले छह महीनों में, जब तक कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता परिस्थितयां

फुडन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक प्रोफेसर शेन डिंगली ने कहा कि चीन-अमेरिका संबंध बिगड़ते रहेंगे. शेनन ने कहा कि वैश्वीकरण के कारण पहले यह असंभव था लेकिन अब दोनों देश एक दूसरे से नाटकीय रूप से दूर हो रहे हैं.

Last Updated : Jul 27, 2020, 6:28 PM IST
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