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चीन ने भारत से कहा, हमारी इच्छा को कमजोर न समझें

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Published : Jun 18, 2020, 10:25 PM IST

भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ते नजर आ रहे हैं. इसी बीच ने कहा कि वह मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की इच्छा को कमजोर न समझे. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि भारत मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की दृढ़ इच्छा को कमतर न आंके. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

INDIA CHINA CONFLICT
कॉसेप्ट इमेज.

नई दिल्ली/बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीन की आक्रामकता के खिलाफ चेतावनी देने के एक दिन बाद बीजिंग ने नई दिल्ली से कहा कि वह मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की इच्छा को कमजोर न समझे. चीन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए भारत पर सहमति को तोड़ने और जानबूझकर उकसाने के भी आरोप लगाए हैं.

हालांकि अभी तक भारत के साथ चल रहे तनाव और दोनों सेनाओं की बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोई बयान नहीं दिया है. झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो चुके हैं और चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबरें भी सामने आई हैं, मगर इसके बाद भी जिनपिंग ने चुप्पी साध रखी है. चरम पर चल रहे तनाव के बीच अब बीजिंग के प्रवक्ता ने भारत की चेतावनी का जवाब देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक ट्वीट में कहा, भारत मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की दृढ़ इच्छा को कमतर न आंके.

चीन केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की गलवान घाटी पर अपना दावा करता रहा है.

हुआ ने कहा कि भारत के फ्रंटलाइन सैनिकों ने सहमति तोड़ी और वास्तविक नियंत्रण रेखा पार की और जानबूझकर चीन के सैनिकों और अधिकारियों को उकसाया और उन पर हमला किया, जिससे हिंसक झड़प शुरू हुई और जवान हताहत हुए.

ट्विटर पर यह बयान उस समय आया है, जब भारतीय और चीनी सेना लद्दाख में टकराव को खत्म करने के लिए बातचीत कर रही है.

गौरतलब है कि बुधवार को भी चीन के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि गलवान घाटी में हुई घटना के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बुधवार को कहा, 'इसमें सही और गलत बिल्कुल साफ है. यह घटना एलएसी के चीन के तरफ वाले क्षेत्र में हुई और इसके लिए चीन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.'

प्रवक्ता ने साथ ही यह भी कहा कि चीन अब और संघर्ष नहीं चाहता है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैनिक स्तरों पर बातचीत चल रही है.

गलवान घाटी पर चीन का दावा अस्थिर और निराधार : भारत

वहीं बुधवार को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन की जमकर आलोचना की. जयशंकर ने चीन पर पूर्व नियोजित कार्रवाई करने का आरोप लगाया.

नई दिल्ली/बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीन की आक्रामकता के खिलाफ चेतावनी देने के एक दिन बाद बीजिंग ने नई दिल्ली से कहा कि वह मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की इच्छा को कमजोर न समझे. चीन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए भारत पर सहमति को तोड़ने और जानबूझकर उकसाने के भी आरोप लगाए हैं.

हालांकि अभी तक भारत के साथ चल रहे तनाव और दोनों सेनाओं की बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोई बयान नहीं दिया है. झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो चुके हैं और चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबरें भी सामने आई हैं, मगर इसके बाद भी जिनपिंग ने चुप्पी साध रखी है. चरम पर चल रहे तनाव के बीच अब बीजिंग के प्रवक्ता ने भारत की चेतावनी का जवाब देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक ट्वीट में कहा, भारत मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की दृढ़ इच्छा को कमतर न आंके.

चीन केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की गलवान घाटी पर अपना दावा करता रहा है.

हुआ ने कहा कि भारत के फ्रंटलाइन सैनिकों ने सहमति तोड़ी और वास्तविक नियंत्रण रेखा पार की और जानबूझकर चीन के सैनिकों और अधिकारियों को उकसाया और उन पर हमला किया, जिससे हिंसक झड़प शुरू हुई और जवान हताहत हुए.

ट्विटर पर यह बयान उस समय आया है, जब भारतीय और चीनी सेना लद्दाख में टकराव को खत्म करने के लिए बातचीत कर रही है.

गौरतलब है कि बुधवार को भी चीन के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि गलवान घाटी में हुई घटना के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बुधवार को कहा, 'इसमें सही और गलत बिल्कुल साफ है. यह घटना एलएसी के चीन के तरफ वाले क्षेत्र में हुई और इसके लिए चीन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.'

प्रवक्ता ने साथ ही यह भी कहा कि चीन अब और संघर्ष नहीं चाहता है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैनिक स्तरों पर बातचीत चल रही है.

गलवान घाटी पर चीन का दावा अस्थिर और निराधार : भारत

वहीं बुधवार को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन की जमकर आलोचना की. जयशंकर ने चीन पर पूर्व नियोजित कार्रवाई करने का आरोप लगाया.

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