बीजिंग : चीन ने कहा है कि वह लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य उद्देश्यों के लिए भारत द्वारा बुनियादी ढांचे के निर्माण का विरोध करता है. पड़ोसी देश ने कहा कि दोनों देशों को उन गतिविधियों से बचना चाहिए जिससे स्थिति सुलझने के बजाय और अधिक जटिल हो जाए.
मंगलवार को पश्चिमी मीडिया के एक पत्रकार के सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, 'चीन ने भारत की ओर से अवैध तरीके से बनाए गए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को मान्यता नहीं दिया है.'
पत्रकार ने उनसे भारत के लद्दाख क्षेत्र में चीन से लगी सीमा पर में अधिक ऊंचाई वाले सड़क नेटवर्क के निर्माण को प्राथमिकता देने के संबंध में एक सवाल पूछा था.
गौरतलब है कि पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभक्त किए जाने के एक दिन बाद चीन ने लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम का विरोध किया था तो विदेश मंत्रालय के तत्कालीन प्रवक्ता ने कहा था कि भारत अन्य देशों के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करता है और इसी तरह अन्य देशों से भी इसी तरह की अपेक्षा करता है.
वांग ने कहा, 'हम लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य उद्देश्यों के लिए भारत द्वारा बुनियादी ढांचे के निर्माण का विरोध करते हैं. दोनों देशों को सीमा क्षेत्रों में ऐसी किसी भी गतिविधि में संलिप्त नहीं होना चाहिए जिससे स्थिति और अधिक जटिल हो जाए.'
चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का बड़े पैमाने पर विकास करने से संबंधित खबरों पर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में वांग ने कहा कि 'कुछ संस्थानों' द्वारा जारी की गई वैसी खबरें 'पूरी तरह से गलत हैं' जिनमें कहा गया है कि चीन ने अपनी तरफ नए सैन्य अड्डे बनाए हैं.
उन्होंने कहा, 'चीन भारत के साथ हस्ताक्षरित समझौतों का पूरी तरह से पालन करता है. हम भारत के साथ सीमा पर शांति और स्थिरता का माहौल कायम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और वहीं दूसरी ओर हम अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा की दृढ़ता से रक्षा करते हैं.'
वांग ने कहा कि लंबे समय से चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट अपनी तरफ गतिविधियों का संचालन कर रहा है और उसने हमेशा प्रासंगिक समझौतों का पालन किया है.
उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष भी उसी लक्ष्य के लिए काम करेगा और चीन के साथ मिलकर स्थिति को शांत करने और दोनों पक्षों द्वारा स्थिति को सामान्य बनाने के लिए किए जा रहे ठोस प्रयासों में जटिल कारकों को जोड़ने से बचेगा.'