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चीन ने खनिजों की खोज के लिए कैमरे से लैस उपग्रह का प्रक्षेपण किया

'जियुआन-1 02ई' या 'पांच मीटर ऑप्टिकल उपग्रह 02' नामक उपग्रह को उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत में ताइयुआन उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र से एक 'लॉन्ग मार्च -4सी' रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया.

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Published : Dec 26, 2021, 8:10 PM IST

बीजिंग : चीन ने रविवार को एक कैमरे के साथ एक ऐसे नये उपग्रह का प्रक्षेपण किया जो पांच मीटर के ‘रिजॉल्यूशन’ के साथ जमीन की तस्वीरें ले सकता है. देश के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने यह जानकारी दी.

'जियुआन-1 02ई' या 'पांच मीटर ऑप्टिकल उपग्रह 02' नामक उपग्रह को उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत में ताइयुआन उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र से एक 'लॉन्ग मार्च -4सी' रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया.

सरकारी सीजीटीएन-टीवी की खबर के अनुसार जियुआन-1 02ई का वजन लगभग 2.5 किलोग्राम है और यह ‘इंफ्रारेड और हाइपरस्पेक्ट्रल’ कैमरों से लैस है. ये कैमरे पृथ्वी की पूर्ण-रंगीन तस्वीरें ले सकते हैं. यह उपग्रह पांच मीटर के ऑप्टिकल उपग्रह 01 के साथ काम करेगा और चीनी क्षेत्र के पुनरीक्षण समय को तीन दिन से घटाकर दो दिन कर देगा.

खबर के अनुसार उपग्रहों द्वारा ली गई तस्वीरें इंजीनियरों को चीन के भूवैज्ञानिक वातावरण का सर्वेक्षण करने और खनिजों की खोज करने में मदद करेंगी. खबर में कहा गया है कि परिवहन, कृषि और आपदा न्यूनीकरण जैसे अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को भी इस तस्वीरों से मदद मिलेगी. 'लॉन्ग मार्च-4सी' रॉकेट के जरिये एक छोटा उपग्रह भी कक्षा में भेजा गया जो बीजिंग 101 मिडिल स्कूल का है.

(पीटीआई-भाषा)

बीजिंग : चीन ने रविवार को एक कैमरे के साथ एक ऐसे नये उपग्रह का प्रक्षेपण किया जो पांच मीटर के ‘रिजॉल्यूशन’ के साथ जमीन की तस्वीरें ले सकता है. देश के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने यह जानकारी दी.

'जियुआन-1 02ई' या 'पांच मीटर ऑप्टिकल उपग्रह 02' नामक उपग्रह को उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत में ताइयुआन उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र से एक 'लॉन्ग मार्च -4सी' रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया.

सरकारी सीजीटीएन-टीवी की खबर के अनुसार जियुआन-1 02ई का वजन लगभग 2.5 किलोग्राम है और यह ‘इंफ्रारेड और हाइपरस्पेक्ट्रल’ कैमरों से लैस है. ये कैमरे पृथ्वी की पूर्ण-रंगीन तस्वीरें ले सकते हैं. यह उपग्रह पांच मीटर के ऑप्टिकल उपग्रह 01 के साथ काम करेगा और चीनी क्षेत्र के पुनरीक्षण समय को तीन दिन से घटाकर दो दिन कर देगा.

खबर के अनुसार उपग्रहों द्वारा ली गई तस्वीरें इंजीनियरों को चीन के भूवैज्ञानिक वातावरण का सर्वेक्षण करने और खनिजों की खोज करने में मदद करेंगी. खबर में कहा गया है कि परिवहन, कृषि और आपदा न्यूनीकरण जैसे अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को भी इस तस्वीरों से मदद मिलेगी. 'लॉन्ग मार्च-4सी' रॉकेट के जरिये एक छोटा उपग्रह भी कक्षा में भेजा गया जो बीजिंग 101 मिडिल स्कूल का है.

(पीटीआई-भाषा)

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