वाशिंगटन : दुनिया की नजरें जब नासा और स्पेस एक्स की पहले मानव-निर्मित अंतरिक्षयान पर टिकी हुई थीं, उस वक्त चीन ने एक के बाद एक दो रॉकेट अंतरिक्ष में भेजे. स्पेस.कॉम के अनुसार, जब नासा ने 30 मई को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डेमो-2 मिशन लॉन्च किया, तभी चीन ने एक के बाद एक दो रॉकेट अंतरिक्ष में भेजे.
बीजिंग ने सबसे पहले 4:13 am (बीजिंग समय) पर दो नई प्रौद्योगिकी-प्रदर्शनकारी उपग्रह लॉन्च किए. चीनी राज्य मीडिया आउटलेट सीसीटीवी के अनुसार, लॉन्ग मार्च -11 रॉकेट से उपग्रहों ने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रवेश किया. लॉन्ग मार्च -11 के मुख्य डिजाइनर पेंग कुन्या ने कहा, 'यह पहली बार था कि लॉन्ग मार्च -11 को जिचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया. इससे इसकी विभिन्न लॉन्च साइट्स से अनुकूलन क्षमता साबित हुई है.'
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36 घंटे के अंदर, चीन ने देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र से एक और उपग्रह को भेजा. उपग्रह को लॉन्ग मार्च -2 डी रॉकेट से 31 मई की शाम 4:53 बजे (बीजिंग समय) जियूक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से अंतरिक्ष में भेजा गया.
मीडिया रिपोर्टस् के अनुसार, उपग्रहों में से एक Gaofen-9 है. यह सिविलियन रिमोट सेंसिंग उपग्रह लगभग 3.3 फीट के संकल्प (रिजोलेशन) तक की तस्वीरें खींच सकता है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है, 'इसका उपयोग भूमि सर्वेक्षण, शहरी नियोजन, रोड नेटवर्क डिजाइन और फसल की उपज के अनुमानों और आपदा राहत में किया जाएगा.'
दूसरे उपग्रह का नाम HEAD-4 है. इसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) को सपोर्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ऑर्बिट से सूचना भेजने और प्राप्त करने में मदद करेगा.
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वहीं 30 मई को, स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्षयान ने कैनेडी स्पेस सेंटर से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी, जिसमें नासा के दो अंतरिक्ष यात्री रॉबर्ट बेहेनकेन और डगलस हर्ले थे. यह अंतरिक्षयान अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को धरती से ऑर्बिट में ले जाने वाला पहला यान है और यह 3:22 बजे पूर्वी समय (ET) पर रवाना हुआ.