लंदन : अफ्रीका के जंगलों में चीन के अंधाधुंध लूट के कारण शीशम की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर आ गईं हैं. इस अवैध कारोबार के जरिए वह आतंकवादी संगठनों की फंडिंग कर रहा है.
एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार अफ्रीका से चीन का लकड़ी का आयात एक वर्ष में लगभग 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. अवैध कटाई के कारण यह संख्या 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकती है. ब्रिटेन के अखबार एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में पर्यावरणविदों के माध्यम से चेतावनी दी है कि इसकी भरपाई करना मुश्किल है, क्योंकि शीशम के पेड़ों को पूरी तरह से परिपक्व होने में दशकों लग जाते हैं.
कटाई का लॉस एक बिलियन अमेरिकी डालर
भ्रष्टाचार के कारण नाइजीरिया और सेनेगल में बोको हराम जैसे आतंकी समूहों का काला व्यापार फल-फूल रहा है. तीन साल पहले चीन ने प्रदूषण फैलाने वाली नदियों को रोकने और बाढ़ को रोकने के लिए अपने प्राकृतिक जंगलों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, उसने अवैध रूप से दूसरे देशों से लकड़ी का आयात जारी रखा.
चीन ने 2010 तक दक्षिण पूर्व एशिया में हार्डवुड स्टाॅक को समाप्त कर दिया था. तब से अफ्रीकी शीशम के आयात में 700 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अमेरिकी चैरिटी फॉरेस्ट ट्रेंड्स से नाओमी बेसिक ट्रेनर ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया में कई शीशम क्षेत्र अब व्यावसायिक रूप से विलुप्त हो गए हैं. अफ्रीकी शीशम निम्न श्रेणी का है, यह सस्ता है और इस तरह की उच्च मांग में यह अब सबसे अधिक कारोबार कर रहा है.
नाइजीरिया में पर्यावरण जांच एजेंसी की जांच के अनुसार, पिछले चार वर्षों में अवैध रूप से कटाई का लॉस एक बिलियन अमेरिकी डालर तक है. एजेंसी के अनुसार, चीन के लोगों ने नाइजीरियाई अधिकारियों को रिश्वत में एक मिलियन अमेरिकी डालर का भुगतान किया.
(एएनआई से इनपुट्स के साथ)