बीजिंग : चीन के चांग ई 5 यान (लैंडर) (China Chang 5 lunar lander) को चंद्रमा की सतह पर पानी होने का 'मौके पर' साक्ष्य मिला है जिससे उपग्रह के सूखेपन के संबंध में नयी जानकारी मिलती है. विज्ञान पत्रिका 'साइंस एडवांसेज' में शनिवार को प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि चंद्रमा पर यान के उतरने के स्थान पर मिट्टी में पानी की मात्रा 120 ग्राम प्रति टन से कम है और वह स्थान पृथ्वी की तुलना में बहुत अधिक शुष्क है.
दूरस्थ परीक्षणों में पहले भी पानी की मौजूदगी की पुष्टि हुयी थी लेकिन यान ने अब चट्टानों और मिट्टी में पानी के लक्षण का पता लगाया है. यान में लगाए गए एक विशेष उपकरण ने चट्टानों और सतह की जांच की तथा पहली बार मौके पर ही पानी का पता लगाया. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी विज्ञान अकादमी (सीएएस) के शोधकर्ताओं के हवाले से बताया कि पानी की मात्रा का अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि पानी के अणु करीब तीन माइक्रोमीटर की आवृत्ति पर अवशोषित होते हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि चंद्रमा की मिट्टी में मिलने वाली आर्द्रता में सबसे अधिक योगदान सौर हवा का है क्योंकि उसमें हाइड्रोजन के तत्व से पानी बनता है.
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अध्ययन में कहा गया है कि चंद्रमा एक निश्चित अवधि के भीतर सूख गया था और इसकी वजह सतह से नीचे मौजूद भंडार से गैसों के अवशोषित होना था.
(पीटीआई-भाषा)