बीजिंग : चीन ने दक्षिण चीन सागर (South China Sea-SCS) पर उसके दावे को नकारने वाले अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण (international tribunal) के 2016 के फैसले को सोमवार को रद्दी कागज का टुकड़ा बताते हुए खारिज कर दिया. साथ ही उसने इस फैसले का अमेरिका द्वारा नए सिरे से समर्थन किए जाने को भी दरकिनार करते हुए इसे बीजिंग (Beijing) की छवि खराब करने के लिए राजनीतिक नौटंकी करार दिया.
चीनी विदेश मंत्रालय (Chinese Foreign Ministry) के प्रवक्ता झाओ लिजियन (Zhao Lijian) की टिप्पणी तब आई जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army-PLA) ने अमेरिकी नौसेना (US Navy) के विध्वंसक जहाज यूएसएस बेनफोल्ड (USS Benfold) को खदेड़ने का दावा किया जो दक्षिण चीन सागर से गुजर रहा था. यह बयान ऐसे समय में आया है जब नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करने वाले फैसले की पांचवीं वर्षगांठ है. चीन के दावों को चुनौती देने के लिए अमेरिका समय-समय पर SCS के जरिए इस तरह के नौसैनिक और हवाई मिशन करता रहा है.
एंटनी ब्लिंकन का कड़ा संदेश
गौरतलब है कि SCS पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले की पांचवीं वर्षगांठ पर अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) के प्रशासन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के लगभग सभी अहम समुद्री दावों को खारिज करने के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) प्रशासन के फैसले को रविवार को बरकरार रखा था.
न्यायाधिकरण के फैसले से सभी महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्ग पर चीन के संप्रभुता के दावों को एक बड़ा झटका लगा था.
प्रशासन ने चीन को चेतावनी भी दी थी कि विवादित क्षेत्र में फिलीपीन पर अगर किसी भी तरह का हमला हुआ तो अमेरिका एक पारस्परिक रक्षा संधि के तहत जवाबी कार्रवाई करेगा. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Foreign Minister Antony Blinken) की ओर से यह कड़ा संदेश चीन के दावों के खिलाफ फिलिपीन के पक्ष में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के इस सप्ताह पांच साल पूरा होने से पहले जारी एक बयान में सामने आया.
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पिछले साल ट्रंप प्रशासन ने न्यायाधिकरण के फैसले के प्रति समर्थन जताया था. यह भी कहा था कि वह चीन के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त जलक्षेत्र के बाहर दक्षिण चीन सागर में उसके लगभग सभी समुद्री दावों को अवैध मानता है.
ब्लिंकन के बयान का चीन विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
ब्लिंकन के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झाओ ने यहां प्रेस वार्ता में कहा कि निर्णय अवैध और एक रद्दी कागज है. चीन इस न्यायाधिकरण के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने दोहराया कि बीजिंग SCS में क्षेत्र पर अपना नियंत्रण जारी रखेगा.
उन्होंने कहा कि SCS पर चीन की संप्रभुता और अधिकार फैसले से प्रभावित नहीं होंगे और चीन इस फैसले के आधार पर किसी भी दावे या कार्य को स्वीकार नहीं करेगा.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस बार अमेरिका SCS मुद्दे को प्रचारित करने के लिए फैसले की पांचवीं वर्षगांठ का उपयोग कर रहा है. यह राजनीतिक प्रयास स्पष्ट है.
बता दें कि न्यायाधिकरण ने 12 जुलाई 2016 को लगभग सभी SCS पर चीन के दावों को सबसे बड़ा झटका देते हुए कहा था कि इनका कोई कानूनी आधार नहीं है. न्यायाधिकरण ने कहा था कि चीन के पास ‘नाइन-डैश लाइन’ के भीतर आने वाले समुद्री क्षेत्रों के भीतर संसाधनों के ऐतिहासिक अधिकारों का दावा करने का कोई कानूनी आधार नहीं था.
(पीटीआई-भाषा)