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हांगकांग के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर ने कहा- चीन ने दिया धोखा

हांगकांग के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर क्रिस पैटन ने चीन पर हांगकांग के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि चीन ने अर्द्ध स्वायत्त क्षेत्र पर अपना नियंत्रण कड़ा करके उसे धोखा दिया है. पढ़ें विस्तार से....

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Published : May 24, 2020, 6:25 PM IST

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सांकेतिक चित्र

हांगकांग : हांगकांग के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर ने कहा है कि चीन ने अर्द्ध स्वायत्त क्षेत्र पर अपना नियंत्रण कड़ा करके उसे धोखा दिया है. उन्होंने कहा कि चीन ने वादा किया था कि हांगकांग में वह स्वतंत्रता रहेगी, जो चीनी मुख्यभूमि को नहीं दी गई है.

क्रिस पैटन ने एक समाचार पत्र को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हम नई चीनी तानाशाही देख रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हांगकांग के लोगों को चीन ने धोखा दिया है, जिससे एक बार फिर यह साबित होता है कि आप उस पर और भरोसा नहीं कर सकते.'

उन्होंने कहा, 'ब्रिटिश सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हम जो देख रहे हैं, वह संयुक्त घोषणा पत्र को पूर्णतय: नष्ट किए जाने के समान है. यह घोषणा पत्र एक वैध दस्तावेज है, जिसके तहत पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को चीन को 1997 में एक देश, दो प्रणालियां ढांचे के तहत लौटाया गया था.'

यह हांगकांग को 2047 तक पश्चिमी शैली की आजादी और अपनी कानूनी प्रणाली प्रदान करता है.

लेकिन प्राधिकारियों द्वारा शहर में लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शनों को व्यापक स्तर पर दबाए जाने के बाद कई लोगों को इस बात की आशंका है कि चीन हांगकांग की स्वतंत्रता छीन रहा है.

पढ़ें-दूसरों को धमकाएंगे नहीं, लेकिन तथ्यहीन आरोपों के खिलाफ संघर्ष करेंगे : चीनी विदेश मंत्री

पैटन ने कहा कि चीन को रोके जाने की आवश्यकता है, अन्यथा दुनिया से सुरक्षा कम हो जाएगी और दुनियाभर में उदार लोकतंत्र अस्थिर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हांगकांग के लिए खड़े होना ब्रिटेन का नैतिक, आर्थिक और कानूनी कर्तव्य है.

हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों ने चीन के प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का कड़ा विरोध किया है. चीन की राष्ट्रीय संसद के सत्र के पहले दिन सौंपे गए इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य अलगाववादियों और विध्वंसक गतिविधियों को रोकने के साथ ही विदेशी हस्तक्षेप और आतंकवाद पर रोक लगाना है.

आलोचकों ने इसे 'एक देश, दो प्रणालियों' की रूपरेखा के खिलाफ बताया है.

हांगकांग : हांगकांग के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर ने कहा है कि चीन ने अर्द्ध स्वायत्त क्षेत्र पर अपना नियंत्रण कड़ा करके उसे धोखा दिया है. उन्होंने कहा कि चीन ने वादा किया था कि हांगकांग में वह स्वतंत्रता रहेगी, जो चीनी मुख्यभूमि को नहीं दी गई है.

क्रिस पैटन ने एक समाचार पत्र को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हम नई चीनी तानाशाही देख रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हांगकांग के लोगों को चीन ने धोखा दिया है, जिससे एक बार फिर यह साबित होता है कि आप उस पर और भरोसा नहीं कर सकते.'

उन्होंने कहा, 'ब्रिटिश सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हम जो देख रहे हैं, वह संयुक्त घोषणा पत्र को पूर्णतय: नष्ट किए जाने के समान है. यह घोषणा पत्र एक वैध दस्तावेज है, जिसके तहत पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को चीन को 1997 में एक देश, दो प्रणालियां ढांचे के तहत लौटाया गया था.'

यह हांगकांग को 2047 तक पश्चिमी शैली की आजादी और अपनी कानूनी प्रणाली प्रदान करता है.

लेकिन प्राधिकारियों द्वारा शहर में लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शनों को व्यापक स्तर पर दबाए जाने के बाद कई लोगों को इस बात की आशंका है कि चीन हांगकांग की स्वतंत्रता छीन रहा है.

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पैटन ने कहा कि चीन को रोके जाने की आवश्यकता है, अन्यथा दुनिया से सुरक्षा कम हो जाएगी और दुनियाभर में उदार लोकतंत्र अस्थिर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हांगकांग के लिए खड़े होना ब्रिटेन का नैतिक, आर्थिक और कानूनी कर्तव्य है.

हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों ने चीन के प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का कड़ा विरोध किया है. चीन की राष्ट्रीय संसद के सत्र के पहले दिन सौंपे गए इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य अलगाववादियों और विध्वंसक गतिविधियों को रोकने के साथ ही विदेशी हस्तक्षेप और आतंकवाद पर रोक लगाना है.

आलोचकों ने इसे 'एक देश, दो प्रणालियों' की रूपरेखा के खिलाफ बताया है.

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