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ब्रिटेन ने म्यांमार के छह और जनरलों पर की प्रतिबंधों की घोषणा

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Published : Feb 25, 2021, 10:32 PM IST

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद जहां देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य देश भी म्यांमार की सेना के जनरलों के खिलाफ प्रतिबंध लगा रहे हैं. ब्रिटेन ने म्यांमार की सेना छह और शीर्ष जनरलों पर यात्रा तथा अन्य प्रतिबंधों की घोषणा की है.

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट

लंदन : ब्रिटेन ने म्यांमार की सेना के सदस्यों के खिलाफ देश की निर्वाचित सरकार को सत्ता से हटाने वाले तख्तापलट में उनकी संलिप्तता के लिए गुरुवार को और प्रतिबंधों की घोषणा की.

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि छह और शीर्ष जनरलों को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए प्रतिबंधों का सामना करना होगा. इससे पहले 19 अन्य को ब्रिटेन द्वारा इसके लिए सूचीबद्ध किया गया था.

नए प्रतिबंधों के निशाने पर म्यांमार की राज्य प्रशासनिक परिषद है, जिसका गठन तख्तापलट के बाद सरकारी कार्यों के संचालन के लिए किया गया था. इसके तहत कमांडर-इन-चीफ मिन आंग ह्लाइंग सहित अन्य जनरलों के ब्रिटेन की यात्रा पर रोक लगाई जाएगी और म्यांमार के व्यवसायों और संस्थानों को ब्रिटेन में उनके धन या आर्थिक संसाधनों संबंधी लेन-देन से रोका जाएगा.

ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि ब्रिटेन के व्यवसाय म्यांमार की सैन्य-स्वामित्व वाली कंपनियों के साथ व्यापार न करें.

पढ़ें- म्यांमार में सेना के समर्थन में रैली, तख्तापलट का विरोध करने वालों पर हमला

सरकार ने कहा है कि वह म्यांमार सरकार को पैसा भेजने वाले सहायता कार्यक्रमों को समाप्त कर रही है, लेकिन सहायता अभी भी 'म्यांमार में सबसे गरीब और सबसे कमजोर' तक पहुंचेगी.

ब्रिटेन बर्मा (अब म्यांमार) का पूर्व-औपनिवेशिक शासक है.

लंदन : ब्रिटेन ने म्यांमार की सेना के सदस्यों के खिलाफ देश की निर्वाचित सरकार को सत्ता से हटाने वाले तख्तापलट में उनकी संलिप्तता के लिए गुरुवार को और प्रतिबंधों की घोषणा की.

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि छह और शीर्ष जनरलों को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए प्रतिबंधों का सामना करना होगा. इससे पहले 19 अन्य को ब्रिटेन द्वारा इसके लिए सूचीबद्ध किया गया था.

नए प्रतिबंधों के निशाने पर म्यांमार की राज्य प्रशासनिक परिषद है, जिसका गठन तख्तापलट के बाद सरकारी कार्यों के संचालन के लिए किया गया था. इसके तहत कमांडर-इन-चीफ मिन आंग ह्लाइंग सहित अन्य जनरलों के ब्रिटेन की यात्रा पर रोक लगाई जाएगी और म्यांमार के व्यवसायों और संस्थानों को ब्रिटेन में उनके धन या आर्थिक संसाधनों संबंधी लेन-देन से रोका जाएगा.

ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि ब्रिटेन के व्यवसाय म्यांमार की सैन्य-स्वामित्व वाली कंपनियों के साथ व्यापार न करें.

पढ़ें- म्यांमार में सेना के समर्थन में रैली, तख्तापलट का विरोध करने वालों पर हमला

सरकार ने कहा है कि वह म्यांमार सरकार को पैसा भेजने वाले सहायता कार्यक्रमों को समाप्त कर रही है, लेकिन सहायता अभी भी 'म्यांमार में सबसे गरीब और सबसे कमजोर' तक पहुंचेगी.

ब्रिटेन बर्मा (अब म्यांमार) का पूर्व-औपनिवेशिक शासक है.

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