कैनबरा : ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल (ADF) के प्रमुख एंगस कैंपबेल ने रविवार को लैंडमार्क युद्ध अपराधों की जांच के मद्देनजर सैनिकों के लिए बॉडी कैमरा अनिवार्य करने के लिए अपना समर्थन दिया.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया को संबोधित करते हुए कैंपबेल ने कहा कि चार साल की जांच के बाद अफगानिस्तान में सेवारत विशेष बलों के भीतर बॉडी कैमरा शुरू करने से जवाबदेही बढ़ेगी, 'विश्वसनीय सबूत' कि ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने 2005 और 2016 के बीच देश में 39 गैरकानूनी हत्याएं कीं.
बॉडी कैमरा अनिवार्य
इसके साथ ही जांच में ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों द्वारा कवर अप की एक श्रृंखला को भी उजागर किया गया. उन्होंने आगे कहा कि हम उस सिफारिश के माध्यम से काम करेंगे (बॉडी कैमरों की). मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा विचार है.
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ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण निगम
19 नवंबर को रिपोर्ट जारी होने के बाद, कैंपबेल ने अपने पहले साक्षात्कार में ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण निगम (एबीसी) को बताया कि यह सीखने की क्षमता, विकास और रिकॉर्ड रखने की क्षमता के लिए एक डिग्री बनाता है. उन्होंने कहा कि, वह सामग्री एक डिजिटल संग्रह बन जाएगी, स्थायी रूप से और सुरक्षित रूप से आयोजित की जाएगी, ताकि वे समझने में योगदान करेंगे कि क्या हुआ और क्या हो सकता है.
काबुल सरकार की प्रतिक्रिया
अफगानिस्तान में ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों द्वारा अपने सैन्य मिशन के दौरान किए गए कथित युद्ध अपराधों ने काबुल सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें निर्दोष लोगों की हत्याओं की निंदा की गई थी.
'जांच के बाद अपराधियों को मिलेगी सजा'
इसके साथ ही उन्होंने इस मुद्दे की अधिक जांच, अपराधियों को सजा और ऑस्ट्रेलियाई सरकार से अफगान पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए भी कहा.
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वहीं, एबीसी ने पहले ऑस्ट्रेलियाई विशेष बलों के सैनिकों द्वारा निहत्थे अफगान नागरिकों की गोलीबारी के प्रत्यक्षदर्शी खातों को प्रकाशित किया है.
वर्ष के अंत से पहले रिपोर्ट पूरी होने की उम्मीद
एबीसी के अनुसार, महानिरीक्षक (IGADF) आरोपों की एक विस्तृत और अत्यधिक गोपनीय जांच कर रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई विशेष बलों के सदस्यों ने 2016 की शुरुआत से अफगानिस्तान में नागरिकों की हत्या सहित कितने अपराध किए. वर्ष के अंत से पहले रिपोर्ट पूरी होने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री ने कहा- न्याय होकर रहेगा
प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कसम खाई है कि ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों द्वारा किए गए युद्ध अपराधों के आरोपों का तब तक पीछा किया जाएगा, जब तक कि वास्तव में न्याय नहीं मिल जाता.