नई दिल्ली : भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ'फ्रेल ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संयम बरतने और डी-एस्केलेशन के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करता है. उन्होंने कहा, आज विदेशमंत्री के साथ हुई मेरी बैठक में, मैंने उनसे कहा कि ऑस्ट्रेलिया एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है, जो केवल तनाव और अस्थिरता को बढ़ावा देता है.
फ्रेल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों के बीच गतिरोध को रोकने के लिए सभी सिद्धांतों और मानदंडों, जो वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं, का अवलोकन जारी है.
उन्होंने कहा कि हम दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं, जो अस्थिरता बढ़ावा देते हैं. पिछले हफ्ते, ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण चीन सागर में चीन के गैरकानूनी समुद्री दावों से इनकार करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ एक नोट लांच किया.
उच्चायुक्त ने कहा, 'हमने क्या कहा कि हमने 2016 ट्रिब्यूनल जो चीन के दावों के खिलाफ था उसके फॉलो करने को कहा. ऑस्ट्रेलिया ऐतिहासिक अधिकारों और आंतरिक जल के चीन के दावों को खारिज करता है.'
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फ्रेल ने कहा कि हम भारत के साथ सहयोग करने की आशा करते हैं, जो आत्मनिर्भरता का निर्माण करना चाहता है और हमारे राष्ट्रों के बीच व्यापार विकसित करना चाहता है ... भारत कई कारणों से आकर्षक बन गया है. हम भारत में आर्थिक सुधारों को शुरू करने और निवेशकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए स्पष्ट प्रयास देखते हैं.
कोरोना वायरस को भारत द्वारा उठाए गए कदम को लेकर उन्होंने कहा कि भारत की त्वरित और निर्णायक कार्रवाइयां, विशेष रूप से शुरुआती लॉकडाउन द्वारा स्पष्ट रूप के कई लोगों की जान बचाई गई. भारत ने अपने लॉकडाउन का इस्तेमाल कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने, आइसोलेशन बेड और परीक्षण व इसकी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए किया.