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अफगान बलों ने अल कायदा से जुड़े 30 पाक नागरिकों को मार गिराया

अफगान रक्षा मंत्रालय (Afghan Defense Ministry) ने एक ट्वीट में कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप के लिए अलकायदा आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े 30 पाकिस्तानी सहित 112 तालिबान आतंकवादी, एएएफ द्वारा लश्करगाह शहर, हेलमंद प्रांतीय केंद्र के बाहरी इलाके में किए गए हमले में मारे गए और 31 अन्य घायल हो गए.

पाक नागरिकों को मार गिराया
पाक नागरिकों को मार गिराया
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Published : Aug 8, 2021, 11:13 AM IST

नई दिल्ली : अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अलकायदा (al Qaeda) से जुड़े 30 पाकिस्तानी नागरिक (Pakistan national) हवाई हमलों (air strikes) में मारे गए हैं. अफगान रक्षा मंत्रालय (Afghan Defense Ministry) ने एक ट्वीट में कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप के लिए अलकायदा आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े 30 पाकिस्तानी सहित 112 तालिबान आतंकवादी, एएएफ द्वारा लश्करगाह शहर, हेलमंद प्रांतीय केंद्र के बाहरी इलाके में किए गए हमले में मारे गए और 31 अन्य घायल हो गए.

रिपोर्टो के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा कंधार, हेलमंद और निमरोज प्रांतों में तालिबान के संरक्षण में काम करता है. 2019 में असीम उमर की मृत्यु के बाद से, एक्यूआईएस का नेतृत्व ओसामा महमूद ने किया है. रिपोटरें में कहा गया है कि समूह में मुख्य रूप से अफगान और पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं, और इसमें बांग्लादेश, भारत और म्यांमार के व्यक्ति भी शामिल हैं. 30 मार्च को, पक्तिका प्रांत के ज्ञान जिले में अफगान सेना द्वारा एक्यूआईएस कमांडर दावत बेक ताजिकी (उर्फ अबू मोहम्मद अल-ताजिकी) को मार गिराया गया था.

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अल कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी का आकलन सदस्य देशों द्वारा अफगानिस्तान में जीवित लेकिन बीमार होने के लिए किया जाता है. उनके सबसे संभावित उत्तराधिकारी सैफ अल अदल के ईरान इस्लामिक गणराज्य में रहने की सूचना है. तालिबान भविष्य में उपयोग के लिए अपने अभियानों के दौरान बरामद हथियारों को सावधानीपूर्वक इकट्ठा कर रहा है और इस प्रकार लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष के लिए उनकी तैयारी का संकेत दे रहा है.

पढ़ें : अफगानिस्तान पर UNSC की बैठक में नहीं बुलाए जाने पर पाक ने जताया अफसोस

तालिबान सैन्य आयोग (Taliban Military Commission) ने अपने फील्ड कमांडरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि तालिबान आतंकवादियों द्वारा व्यक्तिगत उपयोग के लिए विनियोजित किए जाने के बजाय, अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े गए सभी सैन्य उपकरणों को रिकॉर्ड किया जाना चाहिए और सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाना चाहिए. हाल ही, में किए गए हमलों (मई-जुलाई) के दौरान तालिबान के हाथों में बड़ी संख्या में वाहनों, हथियारों और गोला-बारूद के गिरने की पृष्ठभूमि में आती हैं. इनपुट से संकेत मिलता है कि कब्जा किए गए उपकरण और वाहन तालिबान द्वारा पाकिस्तान को स्थानांतरित किए जा रहे थे.

गौरतलब है कि अपने बलों के हताहत होने के साथ, तालिबान नए प्रवेशकों को प्रशिक्षित करने के लिए विदेशी कैडर की सेवाओं का उपयोग करने की कोशिश कर रहा है. कुछ बेहतरीन प्रशिक्षित कैडर हमेशा मध्य एशियाई राज्यों से रहे हैं, जिन्हें अतीत में आईएस और अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा खोजा गया था.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अलकायदा (al Qaeda) से जुड़े 30 पाकिस्तानी नागरिक (Pakistan national) हवाई हमलों (air strikes) में मारे गए हैं. अफगान रक्षा मंत्रालय (Afghan Defense Ministry) ने एक ट्वीट में कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप के लिए अलकायदा आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े 30 पाकिस्तानी सहित 112 तालिबान आतंकवादी, एएएफ द्वारा लश्करगाह शहर, हेलमंद प्रांतीय केंद्र के बाहरी इलाके में किए गए हमले में मारे गए और 31 अन्य घायल हो गए.

रिपोर्टो के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा कंधार, हेलमंद और निमरोज प्रांतों में तालिबान के संरक्षण में काम करता है. 2019 में असीम उमर की मृत्यु के बाद से, एक्यूआईएस का नेतृत्व ओसामा महमूद ने किया है. रिपोटरें में कहा गया है कि समूह में मुख्य रूप से अफगान और पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं, और इसमें बांग्लादेश, भारत और म्यांमार के व्यक्ति भी शामिल हैं. 30 मार्च को, पक्तिका प्रांत के ज्ञान जिले में अफगान सेना द्वारा एक्यूआईएस कमांडर दावत बेक ताजिकी (उर्फ अबू मोहम्मद अल-ताजिकी) को मार गिराया गया था.

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अल कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी का आकलन सदस्य देशों द्वारा अफगानिस्तान में जीवित लेकिन बीमार होने के लिए किया जाता है. उनके सबसे संभावित उत्तराधिकारी सैफ अल अदल के ईरान इस्लामिक गणराज्य में रहने की सूचना है. तालिबान भविष्य में उपयोग के लिए अपने अभियानों के दौरान बरामद हथियारों को सावधानीपूर्वक इकट्ठा कर रहा है और इस प्रकार लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष के लिए उनकी तैयारी का संकेत दे रहा है.

पढ़ें : अफगानिस्तान पर UNSC की बैठक में नहीं बुलाए जाने पर पाक ने जताया अफसोस

तालिबान सैन्य आयोग (Taliban Military Commission) ने अपने फील्ड कमांडरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि तालिबान आतंकवादियों द्वारा व्यक्तिगत उपयोग के लिए विनियोजित किए जाने के बजाय, अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े गए सभी सैन्य उपकरणों को रिकॉर्ड किया जाना चाहिए और सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाना चाहिए. हाल ही, में किए गए हमलों (मई-जुलाई) के दौरान तालिबान के हाथों में बड़ी संख्या में वाहनों, हथियारों और गोला-बारूद के गिरने की पृष्ठभूमि में आती हैं. इनपुट से संकेत मिलता है कि कब्जा किए गए उपकरण और वाहन तालिबान द्वारा पाकिस्तान को स्थानांतरित किए जा रहे थे.

गौरतलब है कि अपने बलों के हताहत होने के साथ, तालिबान नए प्रवेशकों को प्रशिक्षित करने के लिए विदेशी कैडर की सेवाओं का उपयोग करने की कोशिश कर रहा है. कुछ बेहतरीन प्रशिक्षित कैडर हमेशा मध्य एशियाई राज्यों से रहे हैं, जिन्हें अतीत में आईएस और अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा खोजा गया था.

(आईएएनएस)

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