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पेइचिंग पुस्तक मेले में पहुंचे 95 देशों के 2600 प्रकाशक - पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले

95 देशों से आए 2600 से अधिक देसी-विदेशी प्रकाशक 26वां पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में भाग ले रहे हैं. ये मेला 21-25 अगस्त को आयोजित होगा.

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Published : Aug 23, 2019, 10:12 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 11:22 PM IST

बीजिंग: 26वां पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला 21 से 25 अगस्त तक आयोजित हो रहा है जिसमें 95 देशों से आए 2600 से अधिक देसी-विदेशी प्रकाशक भाग ले रहे हैं. यहां 3 लाख से अधिक तरह की प्रकाशित नई पुस्तकें प्रदर्शित की जा रही हैं. पारंपरिक पुस्तक प्रदर्शनी के अलावा, मेले के दौरान एक हजार से अधिक रंग-बिरंगी सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी. यह मेला देसी-विदेशी प्रकाशकों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग का मंच बन गया है.

मौजूदा पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में प्रकाशक 95 देशों से आए हैं, 1600 से अधिक विदेशी प्रकाशन संस्थाएं हिस्सा ले रही हैं. विदेशी प्रकाशकों का अनुपात 60 प्रतिशत से ज्यादा है. भारत के सपना प्रकाशन गृह के प्रमुख अमन चावला ने संवाददाता से कहा कि पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले ने एक अच्छा मंच प्रदान किया.

अमन चावला ने कहा, 'भारत की बाल पुस्तकों को चीनी प्रकाशक बहुत पसंद कर रहे हैं. मुझे लगता है कि इस मंच के माध्यम से अच्छी भारतीय पुस्तकों को चीनी प्रकाशकों को बेचा जा सकता है. एक्सपो ने हमें अच्छा मौका दिया है. इसी दौरान हमने भारतीय पुस्तकों के बारे में विचार-विमर्श किया. आशा है कि भविष्य में हम चीनी प्रकाशकों के साथ सहयोग कर सकेंगे.'

पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले का इतिहास 33 वर्ष पुराना है, जो अब तक विश्व में दूसरा बड़ा पुस्तक मेला बन गया है.

चीनी विदेशी भाषा प्रकाशन ब्यूरो के उप प्रधान लू छाईरोंग ने कहा कि संवाददाता को बताया कि विदेशी भाषा प्रकाशन ब्यूरो अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन जगत में सहयोग के लिए तत्पर है. उन्होंने कहा कि अभी तक 10 देशों में चीनी पुस्तक केंद्र की स्थापना की गई. सबसे पहले पोलैंड में पुस्तक केंद्र स्थापित हुआ, फिर पेरू, थाईलैंड, स्विट्जरलैंड, कंबोडिया और ईरान में इसकी स्थापना की गई.

अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन उद्योग के विकसित रुझान के अनुकूल मौजूदा पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में औद्योगिक एकीकरण विकास पर भी ध्यान देता है. यहां खास तौर पर '5जी पढ़ना' शीर्षक प्रदर्शन क्षेत्र स्थापित किया गया है.

बीजिंग: 26वां पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला 21 से 25 अगस्त तक आयोजित हो रहा है जिसमें 95 देशों से आए 2600 से अधिक देसी-विदेशी प्रकाशक भाग ले रहे हैं. यहां 3 लाख से अधिक तरह की प्रकाशित नई पुस्तकें प्रदर्शित की जा रही हैं. पारंपरिक पुस्तक प्रदर्शनी के अलावा, मेले के दौरान एक हजार से अधिक रंग-बिरंगी सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी. यह मेला देसी-विदेशी प्रकाशकों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग का मंच बन गया है.

मौजूदा पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में प्रकाशक 95 देशों से आए हैं, 1600 से अधिक विदेशी प्रकाशन संस्थाएं हिस्सा ले रही हैं. विदेशी प्रकाशकों का अनुपात 60 प्रतिशत से ज्यादा है. भारत के सपना प्रकाशन गृह के प्रमुख अमन चावला ने संवाददाता से कहा कि पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले ने एक अच्छा मंच प्रदान किया.

अमन चावला ने कहा, 'भारत की बाल पुस्तकों को चीनी प्रकाशक बहुत पसंद कर रहे हैं. मुझे लगता है कि इस मंच के माध्यम से अच्छी भारतीय पुस्तकों को चीनी प्रकाशकों को बेचा जा सकता है. एक्सपो ने हमें अच्छा मौका दिया है. इसी दौरान हमने भारतीय पुस्तकों के बारे में विचार-विमर्श किया. आशा है कि भविष्य में हम चीनी प्रकाशकों के साथ सहयोग कर सकेंगे.'

पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले का इतिहास 33 वर्ष पुराना है, जो अब तक विश्व में दूसरा बड़ा पुस्तक मेला बन गया है.

चीनी विदेशी भाषा प्रकाशन ब्यूरो के उप प्रधान लू छाईरोंग ने कहा कि संवाददाता को बताया कि विदेशी भाषा प्रकाशन ब्यूरो अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन जगत में सहयोग के लिए तत्पर है. उन्होंने कहा कि अभी तक 10 देशों में चीनी पुस्तक केंद्र की स्थापना की गई. सबसे पहले पोलैंड में पुस्तक केंद्र स्थापित हुआ, फिर पेरू, थाईलैंड, स्विट्जरलैंड, कंबोडिया और ईरान में इसकी स्थापना की गई.

अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन उद्योग के विकसित रुझान के अनुकूल मौजूदा पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में औद्योगिक एकीकरण विकास पर भी ध्यान देता है. यहां खास तौर पर '5जी पढ़ना' शीर्षक प्रदर्शन क्षेत्र स्थापित किया गया है.

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पेइचिंग पुस्तक मेले में पहुंचे 95 देशों के 2600 प्रकाशक



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बीजिंग, 22 अगस्त (आईएएनएस)| 26वां पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला 21 से 25 अगस्त तक आयोजित हो रहा है जिसमें 95 देशों से आए 2600 से अधिक देसी-विदेशी प्रकाशक भाग ले रहे हैं। यहां 3 लाख से अधिक तरह की प्रकाशित नई पुस्तकें प्रदर्शित की जा रही हैं। पारंपरिक पुस्तक प्रदर्शनी के अलावा, मेले के दौरान एक हजार से अधिक रंग-बिरंगी सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। यह मेला देसी-विदेशी प्रकाशकों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग का मंच बन गया है।



मौजूदा पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में प्रकाशक 95 देशों से आए हैं, 1600 से अधिक विदेशी प्रकाशन संस्थाएं हिस्सा ले रही हैं। विदेशी प्रकाशकों का अनुपात 60 प्रतिशत से ज्यादा है। भारत के सपना प्रकाशन गृह के प्रमुख अमन चावला ने संवाददाता से कहा कि पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले ने एक अच्छा मंच प्रदान किया।



अमन चावला ने कहा, "भारत की बाल पुस्तकों को चीनी प्रकाशक बहुत पसंद कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस मंच के माध्यम से अच्छी भारतीय पुस्तकों को चीनी प्रकाशकों को बेचा जा सकता है। एक्सपो ने हमें अच्छा मौका दिया है। इसी दौरान हमने भारतीय पुस्तकों के बारे में विचार-विमर्श किया। आशा है कि भविष्य में हम चीनी प्रकाशकों के साथ सहयोग कर सकेंगे।"



पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले का इतिहास 33 वर्ष पुराना हैे, जो अब तक विश्व में दूसरा बड़ा पुस्तक मेला बन गया है।



चीनी विदेशी भाषा प्रकाशन ब्यूरो के उप प्रधान लू छाईरोंग ने कहा कि संवाददाता को बताया कि विदेशी भाषा प्रकाशन ब्यूरो अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन जगत में सहयोग के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि अभी तक 10 देशों में चीनी पुस्तक केंद्र की स्थापना की गई। सबसे पहले पोलैंड में पुस्तक केंद्र स्थापित हुआ, फिर पेरू, थाईलैंड, स्विट्जरलैंड, कंबोडिया और ईरान में इसकी स्थापना की गई।



अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन उद्योग के विकसित रुझान के अनुकूल मौजूदा पेइचिंग अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में औद्योगिक एकीकरण विकास पर भी ध्यान देता है। यहां खास तौर पर '5जी पढ़ना' शीर्षक प्रदर्शन क्षेत्र स्थापित किया गया है।



(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)


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Last Updated : Sep 27, 2019, 11:22 PM IST
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