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युवा सिख 11 सितंबर की घटना के बाद अब भी भेदभाव का कर रहे हैं सामना - भेदभाव का कर रहे हैं सामना

सिखों के पैरोकार संगठन ‘सिख कोलिशन’ की कार्यकारी निदेशक सतजीत कौर ने कहा कि यह जिम्मेदारी हमारे जैसे संगठनों पर डाल दी गई कि हम समस्याओं की पहचान करें और समर्थन जुटाएं. आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में यह संगठन अस्तित्व में आया था और गठन के महज कुछ महीने में हिंसा और भेदभाव के 300 मामलों की सूची तैयार की थी.

युवा सिख
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Published : Sep 7, 2021, 10:45 PM IST

मेसा (अमेरिका) : अमेरिका में 11 सितंबर 2001 की आतंकी घटना (Terrorist Attack) के बाद से युवा सिखों (Youth Sikhs) को अब भी भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. संघीय जांच ब्यूरो (Federal Bureau of Investigation) के मुताबिक 2020 में सिखों के खिलाफ घृणा अपराध के 67 मामले सामने आए. अमेरिका में रहने वाले युवा सिखों को अपनी पगड़ी और दाढ़ी के कारण कई जगहों पर नफरती टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है.

सिख उद्यमी बलबीर सिंह सोढ़ी की 11 सितंबर, 2001 की घटना के चार दिन बार अरिजोना में हत्या कर दी गई थी. एक व्यक्ति ने अरब मुस्लिम समझकर उनकी हत्या कर दी थी. आतंकी हमले की घटना की 20वीं बरसी पर युवा सिखों का कहना है कि समुदाय के खिलाफ घृणा अपराधों से निपटने के लिए व्यवस्था में काफी सुधार की जरूरत है.

संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) भी 2015 तक खासकर सिखों के खिलाफ हिंसा के मामलों की निगरानी नहीं करता था और कानून लागू करने वाली एजेंसियां भी इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रहीं.

सिखों के पैरोकार संगठन ‘सिख कोलिशन’ की कार्यकारी निदेशक सतजीत कौर ने कहा कि यह जिम्मेदारी हमारे जैसे संगठनों पर डाल दी गई कि हम समस्याओं की पहचान करें और समर्थन जुटाएं. आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में यह संगठन अस्तित्व में आया था और गठन के महज कुछ महीने में हिंसा और भेदभाव के 300 मामलों की सूची तैयार की थी.

पढ़ें : उड़ानों के लिए तालिबान के साथ काम कर रहा है अमेरिका : ब्लिंकन

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में शोधार्थी तेजपाल बेनीवाल ने कहा कि आशावाद आपको इनसे बाहर निकलने में मदद कर सकता है लेकिन कई बार आपको कठोर सच्चाई को रेखांकित करना पड़ता है. बेनीवाल ने माना कि उच्चतर स्कूल में उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा और कई छात्र उनकी पगड़ी देखकर फब्तियां कसते थे.

एफबीआई ने 2020 में सिखों के खिलाफ अपराध के 67 मामलों की सूची तैयार की. वर्ष 2015 से इस तरह की सूची बनाए जाने के बाद से किसी वर्ष में ये सबसे ज्यादा मामले हैं.

(पीटीआई-भाषा)

मेसा (अमेरिका) : अमेरिका में 11 सितंबर 2001 की आतंकी घटना (Terrorist Attack) के बाद से युवा सिखों (Youth Sikhs) को अब भी भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. संघीय जांच ब्यूरो (Federal Bureau of Investigation) के मुताबिक 2020 में सिखों के खिलाफ घृणा अपराध के 67 मामले सामने आए. अमेरिका में रहने वाले युवा सिखों को अपनी पगड़ी और दाढ़ी के कारण कई जगहों पर नफरती टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है.

सिख उद्यमी बलबीर सिंह सोढ़ी की 11 सितंबर, 2001 की घटना के चार दिन बार अरिजोना में हत्या कर दी गई थी. एक व्यक्ति ने अरब मुस्लिम समझकर उनकी हत्या कर दी थी. आतंकी हमले की घटना की 20वीं बरसी पर युवा सिखों का कहना है कि समुदाय के खिलाफ घृणा अपराधों से निपटने के लिए व्यवस्था में काफी सुधार की जरूरत है.

संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) भी 2015 तक खासकर सिखों के खिलाफ हिंसा के मामलों की निगरानी नहीं करता था और कानून लागू करने वाली एजेंसियां भी इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रहीं.

सिखों के पैरोकार संगठन ‘सिख कोलिशन’ की कार्यकारी निदेशक सतजीत कौर ने कहा कि यह जिम्मेदारी हमारे जैसे संगठनों पर डाल दी गई कि हम समस्याओं की पहचान करें और समर्थन जुटाएं. आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में यह संगठन अस्तित्व में आया था और गठन के महज कुछ महीने में हिंसा और भेदभाव के 300 मामलों की सूची तैयार की थी.

पढ़ें : उड़ानों के लिए तालिबान के साथ काम कर रहा है अमेरिका : ब्लिंकन

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में शोधार्थी तेजपाल बेनीवाल ने कहा कि आशावाद आपको इनसे बाहर निकलने में मदद कर सकता है लेकिन कई बार आपको कठोर सच्चाई को रेखांकित करना पड़ता है. बेनीवाल ने माना कि उच्चतर स्कूल में उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा और कई छात्र उनकी पगड़ी देखकर फब्तियां कसते थे.

एफबीआई ने 2020 में सिखों के खिलाफ अपराध के 67 मामलों की सूची तैयार की. वर्ष 2015 से इस तरह की सूची बनाए जाने के बाद से किसी वर्ष में ये सबसे ज्यादा मामले हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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