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2019 की सुर्खियां : भारत अमेरिका साझेदारी तेजी से आगे बढ़ी

साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई घटनाएं हुईं. इसी वर्ष भारत-अमेरिका के लिए अहम रहा. इस वर्ष दोनों देशों के बीच साझेदारी तेजी से आगे बढ़ी. दोनों देश रक्षा प्रौद्योगिकी पर हस्तांतरण पर ने अहम करार किए. इसी महीने टू प्लस टू वार्ता में दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी पर हस्तांतरण किए. इसके अलावा हाउटी मोदी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 50 हजार भारतीय अमेरिकी नागरिकों को संबोधित किया. ईटीवी भारत अलविदा 2019 के तहत बता रहा है भारत- अमेरिका के बीच 2019 में हुए अहम करारों की सुर्खियां.

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नरेंद्र मोदी, ट्रंप ( फाइल फोटो)
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Published : Dec 31, 2019, 12:13 AM IST

वाशिंगटन : रक्षा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर भारत और अमेरिका द्वारा अहम करार करने और मई में चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक दूसरे से रिकार्ड चार भेंटवार्ता करने के साथ ही वर्ष 2019 में दुनिया के सबसे बड़े इन दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी तेजी से आगे बढ़ी.

रणनीतिक साझेदारी की मजबूती साल के आखिर में दूसरी 'टू प्लस टू' वार्ता के समापन पर जारी किये गये भारत और अमेरिका के संयुक्त बयान में परिलक्षित हुई. यह निश्चित रूप से वर्ष 2019 की अहम घटना है.

वाशिंगटन में दिसंबर में दूसरी 'टू प्लस टू' बैठक में दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर हस्ताक्षर किये. इस बैठक में दोनों देशों के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया.

सभी संबंधों को व्यापार के नजरिये से देखने वाले ट्रंप के लिए सुकून की बात यह है कि द्विपक्षीय व्यापार में भी तेजी आयी और सामने आ रहे साल की दूसरी छमाही के अनुमानित आंकड़ों से आगामी समय में व्यापार घाटे में कमी आने का अनुमान है.

बीते साल में भारत ने अमेरिका से अत्याधुनिक सैन्य उपरकणों की खरीद के लिए अरबों डॉलर का आर्डर दिया, सेना के तीनों अंगों की भागीदारी वाला सैन्य अभ्यास टाईगर ट्रिम शुरू किया और रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल की गति तेज की. यह सैन्य अभ्यास अब हर साल होगा.

हिंद प्रशांत में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग नयी ऊंचाई तक पहुंचा. दोनों देशों हिंद प्रशांत क्षेत्र में यह सुनिश्चित करने के लिए समान सोच वाले अन्य साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं कि संसाधन संपन्न इस क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता हो और शांति रहे. इस क्षेत्र में चीन अपना पैर पसारने में जुटा है.

अमेरिका खुश है कि भले ही शुरू मे भारत अनिच्छुक रहा हो लेकिन अब वह अनौपचारिक परामर्श तंत्र क्वाड को संस्थागत रूप देने में मदद कर रहा है. उसमें अन्य दो देश जापान और आस्ट्रेलिया हैं.

अमेरिका ने मालदीव पर भारत के इस रूख का भी समर्थन किया कि कोई तीसरा देश उसके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे.

इस साल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर दोनों देशों के बीच अप्रत्याशित सहयोग नजर आया. जब फरवरी में पुलवामा में नृशंस आतंकवादी हमले में 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये तो अमेरिका यह कहने वाला पहला देश था कि भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है.

ये भी पढ़ें- 2019 की सुर्खियां : अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ा भारत का गौरव

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जब भारत में आमचुनाव का दौर था, तब भी अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस जैसे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा जैश ए मोहम्मद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह से वीटो रूपी अवरोध हटा ले.

हालांकि अमेरिका ने कश्मीर में इंटरनेट पर रोक लगाने, नेताओं को बंदी बनाने पर चिंता जरूर प्रकट की लेकिन उसने भारत को इस संबंध में गैर लोकतांत्रिक देशों के साथ रखने से इनकार कर दिया.

'हाउडी मोदी' एक ऐतिहासिक कार्यक्रम रहा जहां मोदी के साथ ट्रंप ने भी भारतीय मूल के करीब 50 हजार अमेरिकियों को संबोधित किया.

वाशिंगटन : रक्षा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर भारत और अमेरिका द्वारा अहम करार करने और मई में चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक दूसरे से रिकार्ड चार भेंटवार्ता करने के साथ ही वर्ष 2019 में दुनिया के सबसे बड़े इन दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी तेजी से आगे बढ़ी.

रणनीतिक साझेदारी की मजबूती साल के आखिर में दूसरी 'टू प्लस टू' वार्ता के समापन पर जारी किये गये भारत और अमेरिका के संयुक्त बयान में परिलक्षित हुई. यह निश्चित रूप से वर्ष 2019 की अहम घटना है.

वाशिंगटन में दिसंबर में दूसरी 'टू प्लस टू' बैठक में दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर हस्ताक्षर किये. इस बैठक में दोनों देशों के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया.

सभी संबंधों को व्यापार के नजरिये से देखने वाले ट्रंप के लिए सुकून की बात यह है कि द्विपक्षीय व्यापार में भी तेजी आयी और सामने आ रहे साल की दूसरी छमाही के अनुमानित आंकड़ों से आगामी समय में व्यापार घाटे में कमी आने का अनुमान है.

बीते साल में भारत ने अमेरिका से अत्याधुनिक सैन्य उपरकणों की खरीद के लिए अरबों डॉलर का आर्डर दिया, सेना के तीनों अंगों की भागीदारी वाला सैन्य अभ्यास टाईगर ट्रिम शुरू किया और रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल की गति तेज की. यह सैन्य अभ्यास अब हर साल होगा.

हिंद प्रशांत में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग नयी ऊंचाई तक पहुंचा. दोनों देशों हिंद प्रशांत क्षेत्र में यह सुनिश्चित करने के लिए समान सोच वाले अन्य साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं कि संसाधन संपन्न इस क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता हो और शांति रहे. इस क्षेत्र में चीन अपना पैर पसारने में जुटा है.

अमेरिका खुश है कि भले ही शुरू मे भारत अनिच्छुक रहा हो लेकिन अब वह अनौपचारिक परामर्श तंत्र क्वाड को संस्थागत रूप देने में मदद कर रहा है. उसमें अन्य दो देश जापान और आस्ट्रेलिया हैं.

अमेरिका ने मालदीव पर भारत के इस रूख का भी समर्थन किया कि कोई तीसरा देश उसके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे.

इस साल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर दोनों देशों के बीच अप्रत्याशित सहयोग नजर आया. जब फरवरी में पुलवामा में नृशंस आतंकवादी हमले में 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये तो अमेरिका यह कहने वाला पहला देश था कि भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है.

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2019 की सुर्खियां : नागरिकता संशोधन कानून पर मचा संग्राम

2019 की सुर्खियां : असम NRC का अंतिम मसौदा प्रकाशित, 19 लाख लोग बाहर

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जब भारत में आमचुनाव का दौर था, तब भी अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस जैसे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा जैश ए मोहम्मद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह से वीटो रूपी अवरोध हटा ले.

हालांकि अमेरिका ने कश्मीर में इंटरनेट पर रोक लगाने, नेताओं को बंदी बनाने पर चिंता जरूर प्रकट की लेकिन उसने भारत को इस संबंध में गैर लोकतांत्रिक देशों के साथ रखने से इनकार कर दिया.

'हाउडी मोदी' एक ऐतिहासिक कार्यक्रम रहा जहां मोदी के साथ ट्रंप ने भी भारतीय मूल के करीब 50 हजार अमेरिकियों को संबोधित किया.

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2019 में भारत अमेरिका साझेदारी तेजी से आगे बढ़ी

(ललित के झा)



वाशिंगटन, 30 दिसंबर (भाषा) रक्षा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर भारत और अमेरिका द्वारा अहम करार करने और मई में चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक दूसरे से रिकार्ड चार भेंटवार्ता करने के साथ ही वर्ष 2019 में दुनिया के सबसे बड़े इन दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी तेजी से आगे बढ़ी.



रणनीतिक साझेदारी की मजबूती साल के आखिर में दूसरी 'टू प्लस टू' वार्ता के समापन पर जारी किये गये भारत और अमेरिका के संयुक्त बयान में परिलक्षित हुई. यह निश्चित रूप से वर्ष 2019 की अहम घटना है.



वाशिंगटन में दिसंबर में दूसरी 'टू प्लस टू' बैठक में दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर हस्ताक्षर किये. इस बैठक में दोनों देशों के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया.



सभी संबंधों को व्यापार के नजरिये से देखने वाले ट्रंप के लिए सुकून की बात यह है कि द्विपक्षीय व्यापार में भी तेजी आयी और सामने आ रहे साल की दूसरी छमाही के अनुमानित आंकड़ों से आगामी समय में व्यापार घाटे में कमी आने का अनुमान है.



बीते साल में भारत ने अमेरिका से अत्याधुनिक सैन्य उपरकणों की खरीद के लिए अरबों डॉलर का आर्डर दिया, सेना के तीनों अंगों की भागीदारी वाला सैन्य अभ्यास 'टाईगर ट्रिम्फ' शुरू किया और रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल की गति तेज की. यह सैन्य अभ्यास अब हर साल होगा.



हिंद प्रशांत में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग नयी ऊंचाई तक पहुंचा. दोनों देशों हिंद प्रशांत क्षेत्र में यह सुनिश्चित करने के लिए समान सोच वाले अन्य साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं कि संसाधन संपन्न इस क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता हो और शांति रहे. इस क्षेत्र में चीन अपना पैर पसारने में जुटा है.



अमेरिका खुश है कि भले ही शुरू मे भारत अनिच्छुक रहा हो लेकिन अब वह अनौपचारिक परामर्श तंत्र ''क्वाड'' को संस्थागत रूप देने में मदद कर रहा है. उसमें अन्य दो देश जापान और आस्ट्रेलिया हैं.



अमेरिका ने मालदीव पर भारत के इस रूख का भी समर्थन किया कि कोई तीसरा देश उसके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे.



इस साल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर दोनों देशों के बीच अप्रत्याशित सहयोग नजर आया. जब फरवरी में पुलवामा में नृशंस आतंकवादी हमले में 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये तो अमेरिका यह कहने वाला पहला देश था कि भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है.

जब भारत में आमचुनाव का दौर था, तब भी अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस जैसे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा जैश ए मोहम्मद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह से वीटो रूपी अवरोध हटा ले.

हालांकि अमेरिका ने कश्मीर में इंटरनेट पर रोक लगाने, नेताओं को बंदी बनाने पर चिंता जरूर प्रकट की लेकिन उसने भारत को इस संबंध में गैर लोकतांत्रिक देशों के साथ रखने से इनकार कर दिया.

'हाउडी मोदी' एक ऐतिहासिक कार्यक्रम रहा जहां मोदी के साथ ट्रंप ने भी भारतीय मूल के करीब 50,000 अमेरिकियों को संबोधित किया.


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