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विश्व बैंक समूह अपनी कारोबारी सुगमता रिपोर्ट को बंद करेगा

विश्व बैंक समूह ने अनियमितताओं के आरोपों के बाद विभिन्न देशों में निवेश के माहौल पर अपनी कारोबारी सुगमता रिपोर्ट (Ease of doing business report) का प्रकाशन बंद करने का फैसला किया है. चीन के वरीयता क्रम को बढ़ाने के लिए 2017 में कुछ शीर्ष बैंक अधिकारियों द्वारा कथित रूप से दबाव बनाने के कारण डेटा अनियमितताओं की जांच के बाद यह निर्णय लिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

विश्व बैंक
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Published : Sep 17, 2021, 4:01 PM IST

नई दिल्ली : विश्व बैंक समूह ने अनियमितताओं के आरोपों के बाद विभिन्न देशों में निवेश के माहौल पर अपनी कारोबारी सुगमता रिपोर्ट (Ease of doing business report) का प्रकाशन बंद करने का फैसला किया है.

चीन के वरीयता क्रम को बढ़ाने के लिए 2017 में कुछ शीर्ष बैंक अधिकारियों द्वारा कथित रूप से दबाव बनाने के कारण डेटा अनियमितताओं की जांच के बाद यह निर्णय लिया गया.

विश्व बैंक समूह ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, 'पिछली समीक्षाओं के निष्कर्षों, ऑडिट और बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल की ओर से आज जारी रिपोर्ट सहित कारोबारी सुगमता पर अब तक उपलब्ध सभी सूचनाओं की समीक्षा करने के बाद विश्व बैंक समूह प्रबंधन ने कारोबारी सुगमता रिपोर्ट को बंद करने का फैसला किया है.'

बयान में कहा गया कि समूह विकास में निजी क्षेत्र की भूमिका को आगे बढ़ाने और सरकारों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है.

विश्व बैंक ने बयान में कहा, 'आगे हम व्यापार और निवेश के माहौल का आकलन करने के लिए एक नए नजरिए पर काम करेंगे. हम अपने उन कर्मचारियों के प्रयासों के लिए अत्यधिक आभारी हैं, जिन्होंने व्यापार जलवायु एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए परिश्रमपूर्वक काम किया है. हम उनकी ऊर्जा और क्षमताओं का नए तरीकों से उपयोग करने के लिए तत्पर हैं.'

विश्व बैंक को कारोबारी सुगमता रिपोर्ट 2018 और 2020 में डेटा अनियमितताओं की जानकारी जून 2020 में आंतरिक रूप से पता चली थी. इसके बाद विश्व बैंक प्रबंधन ने अगली कारोबारी सुगमता रिपोर्ट का प्रकाशन रोक दिया और इसकी कार्यप्रणाली की समीक्षा शुरू की.

पढ़ें : कोविड-19 से लड़ने के लिए पिछले 15 महीने में करीब 157 अरब डॉलर की वित्तीय मदद दी : विश्व बैंक

वर्ष 2020 की कारोबारी सुगमता रिपोर्ट में भारत ने 14 स्थान की छलांग लगाकर 63वां स्थान हासिल किया था. भारत ने पांच वर्षों (2014-19) में अपने वरीयता क्रम में 79 स्थानों का सुधार किया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : विश्व बैंक समूह ने अनियमितताओं के आरोपों के बाद विभिन्न देशों में निवेश के माहौल पर अपनी कारोबारी सुगमता रिपोर्ट (Ease of doing business report) का प्रकाशन बंद करने का फैसला किया है.

चीन के वरीयता क्रम को बढ़ाने के लिए 2017 में कुछ शीर्ष बैंक अधिकारियों द्वारा कथित रूप से दबाव बनाने के कारण डेटा अनियमितताओं की जांच के बाद यह निर्णय लिया गया.

विश्व बैंक समूह ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, 'पिछली समीक्षाओं के निष्कर्षों, ऑडिट और बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल की ओर से आज जारी रिपोर्ट सहित कारोबारी सुगमता पर अब तक उपलब्ध सभी सूचनाओं की समीक्षा करने के बाद विश्व बैंक समूह प्रबंधन ने कारोबारी सुगमता रिपोर्ट को बंद करने का फैसला किया है.'

बयान में कहा गया कि समूह विकास में निजी क्षेत्र की भूमिका को आगे बढ़ाने और सरकारों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है.

विश्व बैंक ने बयान में कहा, 'आगे हम व्यापार और निवेश के माहौल का आकलन करने के लिए एक नए नजरिए पर काम करेंगे. हम अपने उन कर्मचारियों के प्रयासों के लिए अत्यधिक आभारी हैं, जिन्होंने व्यापार जलवायु एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए परिश्रमपूर्वक काम किया है. हम उनकी ऊर्जा और क्षमताओं का नए तरीकों से उपयोग करने के लिए तत्पर हैं.'

विश्व बैंक को कारोबारी सुगमता रिपोर्ट 2018 और 2020 में डेटा अनियमितताओं की जानकारी जून 2020 में आंतरिक रूप से पता चली थी. इसके बाद विश्व बैंक प्रबंधन ने अगली कारोबारी सुगमता रिपोर्ट का प्रकाशन रोक दिया और इसकी कार्यप्रणाली की समीक्षा शुरू की.

पढ़ें : कोविड-19 से लड़ने के लिए पिछले 15 महीने में करीब 157 अरब डॉलर की वित्तीय मदद दी : विश्व बैंक

वर्ष 2020 की कारोबारी सुगमता रिपोर्ट में भारत ने 14 स्थान की छलांग लगाकर 63वां स्थान हासिल किया था. भारत ने पांच वर्षों (2014-19) में अपने वरीयता क्रम में 79 स्थानों का सुधार किया है.

(पीटीआई-भाषा)

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