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ह्वाइट हाउस छोड़ने के बाद ट्रंप के सामने होगी महाभियोग से निपटने की चुनौती?

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Published : Jan 20, 2021, 9:02 AM IST

Updated : Jan 21, 2021, 2:42 PM IST

अगर सीनेट द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को दोषी करार दिया जाता है, तो ट्रंप को अन्य पद धारण करने से अयोग्य घोषित किया जाए या नहीं, इस पर सांसदों द्वारा अलग-अलग वोट किए जाएंगे. महाभियोग के लिए आवश्यक दो तिहाई बहुमत के विपरीत, ट्रंप पर भविष्य में चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने के लिए केवल बहुमत के बराबर सीनेटरों की आवश्यकता होगी.

डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल समाप्त होने के करीब है. लेकिन ट्रंप के बर्ताव के कारण इस बार सत्ता हस्तांतरण पहले के मुकाबले असामान्य रहा है.

अब जबकि सदन ने दूसरी बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाया है, सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी को सीनेट के समक्ष इस मामले पर बहस करने के लिए सबसे अच्छी रणनीति तैयार करनी चाहिए.

सीनेट के नियमों के मुताबिक, कैपिटोल बिल्डिंग पर हमले के लिए भीड़ उकसाने के मामले में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने के बाद ट्रायल बहुत जल्द शुरू होना चाहिए. हालांकि, पेलोसी ने यह नहीं बताया है कि सदन इस पर कब ट्रायल शुरू करेगा.

गौरतलब है कि गत छह जनवरी को ट्रंप के समर्थकों की उग्र भीड़ ने अमेरिकी संसद भवन कैपिटोल बिल्डिंग में हिंसा की थी. जिसके बाद निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप पर समर्थकों को 'विद्रोह के लिए उकसाने' का आरोप लगा था.

अगर महाभियोग प्रस्ताव सीनेट को भेजता है, तो 20 जनवरी को जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दिन दोपहर एक बजे से महाभियोग पर ट्रायल शुरू हो सकता है.

हालांकि, अब यह निश्चित है कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद ही महाभियोग की कार्यवाही शुरू होगी.

लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि महाभियोग की कार्यवाही कैसे आगे बढ़ेगी और क्या कोई रिपब्लिकन सीनेटर भी ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में वोट करेगा.

ट्रंप के खिलाफ महाभियोग और आरोप
पिछली बार की तुलना में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इस बार अलग महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने की संभावना है.

साल 2019 में ट्रंप पर यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ डील करने का आरोप लगाया था. इसके बाद अमेरिकी कांग्रेस में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था. आरोप के मुताबिक, ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बाइडेन के खिलाफ जांच करने का आग्रह किया था.

कैपिटोल बिल्डिंग पर हमले के बाद लाए गए महाभियोग पर डेमोक्रेटिक सदस्यों का मानना है कि इस हमले का सीधा प्रसारण टीवी पर किया गया और यह हमला तब हुआ जब कांग्रेस के अधिकांश सदस्य इमारत में थे, इसलिए इसमें विस्तृत जांच की जरूरत नहीं है.

ट्रंप का भाषण, हिंसा से पहले जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों को चुनाव परिणामों का विरोध करने के लिए उकसाया. कांग्रेस में आधिकारिक रूप से मतों की गिनती से पहले इसे प्रसारित किया गया.

हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष एडम शिफ ने कहा है कि कैपिटोल बिल्डिंग पर हमला दिन के उजाले में किया गया अपराध था, जिसका पूरा देश गवाह है. बता दें कि एडम शिफ ने पिछली बार हाउस महाभियोग टीम का नेतृत्व किया था.

उनका कहना है कि परिस्थितियों को देखते हुए तत्काल महाभियोग लाए जाने की जरूरत थी, और अपराध की प्रकृति द्वारा भी यह संभव था.

महाभियोग प्रस्ताव
चार पन्नों के महाभियोग प्रस्ताव में कहा गया है कि ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका और इसके सरकारी संस्थानों की सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया है.

महाभियोग प्रस्ताव डेमोक्रेटिक प्रतिनिधियों- डेविड सिसिलीन (रोड आइलैंड), टेड लिउ (कैलिफोर्निया) और जेमी रस्किन (मैरीलैंड) द्वारा पेश किया गया था. तीनों सीनेट में महाभियोग ट्रायल के प्रबंधक के रूप में काम करने के लिए जाने जाते हैं.

प्रस्ताव में कहा गया है कि ट्रंप का व्यवहार चुनाव नतीजों को पलटने और बाधित करने के उनके पूर्व के प्रयासों के अनुरूप है. जॉर्जिया के राज्य सचिव के साथ उनकी बातचीत का संदर्भ दिया गया है, जिसमें ट्रंप ने राज्य सचिव से जॉर्जिया में बाइडेन की जीत को पलटने के लिए विकल्प ढूंढने को कहा था.

रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में व्यापक धोखाधड़ी के झूठे दावे किए, और इन कथित आधारहीन दावों को रिपब्लिकन सांसदों और विद्रोहियों द्वारा बार-बार दोहराया गया. इनमें से कई लोग कैपिटोल में हिंसा में शामिल रहे हैं.

शपथ ग्रहण के दौरान संभावित हिंसा से निपटने हेतु विशेष सतर्कता
अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई ने बाइडेन के शपथ ग्रहण से पहले सभी 50 राज्यों और वॉशिंगटन में सशस्त्र विरोध प्रदर्शन को लेकर अलर्ट जारी किया है.

ट्रंप के समर्थकों द्वारा कैपिटोल पर हमले के बाद दूसरी बार महाभियोग का सामना कर रहे निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे सिरे से नकार दिया. इसके साथ ही कानून का पालन कराने वाली एजेंसी और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए. ट्रंप के आखिरी संदेश को विशेष स्क्रीनिंग के पश्चात ही जारी करने दिया जाएगा. ताकि किसी भी तरह से भड़काऊ भाषा का प्रसार न हो पाए.

ट्रंप का परंपरा का पालन करने से इनकार
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ ग्रहण से पहले, निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप बुधवार की सुबह वॉशिंगटन छोड़ देंगे. उनका अगला ठिकाना फ्लोरिडा हो सकता है.

परंपरा का पालन करने और सत्ता के औपचारिक हस्तांतरण में भाग लेने से इनकार करते हुए, ट्रंप एयर फोर्स वन की आखिरी उड़ान में सवार होने से पहले मैरीलैंड के ज्वाइंट बेस एंड्रयूज में प्रस्थान समारोह का आयोजन करेंगे.

बाइडेन ने कहा है कि सीनेट को महाभियोग मामले की सुनवाई करते हुए अपने नॉमिनी की पुष्टि करने और विधायी प्राथमिकताओं को पारित करने में अपना समय विभाजित करने में सक्षम होना चाहिए.

सीनेट ट्रायल में ट्रंप द्वारा बचाव करने की संभावना
सीनेट ने महाभियोग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें ट्रंप पर विद्रोह के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है. यह आरोप ट्रंप के उस भाषण पर केंद्रित है, जिसको उन्होंने अपने हजारों समर्थकों के सामने दिया था, इसके बाद भीड़ ने कैपिटोल पर हमला किया.

ट्रंप द्वारा महाभियोग ट्रायल में यह तर्क दिए जाने की संभावना है कि उनकी टिप्पणी संविधान के प्रथम संशोधन द्वारा संरक्षित मुक्त भाषण थी और उन्होंने समर्थकों को 'लड़ाई' के लिए कहा था, न कि उन्होंने हिंसा के लिए उकसाया.

ट्रंप ने महाभियोग के लिए मतदान के तुरंत बाद, बीते बुधवार को एक बयान जारी किया, जिसमें वह कह रहे हैं कि उन्होंने कैपिटोल हिंसा की निंदा की.

ट्रंप ने कहा, 'हिंसा और बर्बरता का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है और न ही हमारे आंदोलन में इसका कोई स्थान है.'

अधर में ट्रंप का भविष्य
ट्रंप अपने अनिश्चित भविष्य के साथ वॉशिंगटन छोड़ेंगे. हालांकि, ट्रंप ने सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण में बाधा डालने की पूरी कोशिश की. इसमें दो हफ्ते पहले उनके समर्थकों द्वारा कैपिटोल बिल्डिंग पर हमला शामिल है.

बहरहाल, डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन की तरफ से प्रमुख दावेदारी पेश करने की घोषणा की है.

ट्रंप का अगला कदम क्या होगा?
ट्रंप ने अब तक राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद की अपनी योजनाओं की रूपरेखा की घोषणा नहीं की है. ट्रंप ने 2024 में व्हाइट हाउस की रेस में फिर से शामिल होने के लिए दरवाजे खुले रखे हैं. लेकिन सीनेट इस पर रोक लगा सकती है, जब ट्रंप के खिलाफ दूसरा महाभियोग ट्रायल शुरू होगा.

अगर ट्रंप सीनेट द्वारा दोषी ठहराए जाते हैं, तो उनके राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है और यहां तक ​​कि उनकी पेंशन भी छीनी जा सकती है.

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल समाप्त होने के करीब है. लेकिन ट्रंप के बर्ताव के कारण इस बार सत्ता हस्तांतरण पहले के मुकाबले असामान्य रहा है.

अब जबकि सदन ने दूसरी बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाया है, सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी को सीनेट के समक्ष इस मामले पर बहस करने के लिए सबसे अच्छी रणनीति तैयार करनी चाहिए.

सीनेट के नियमों के मुताबिक, कैपिटोल बिल्डिंग पर हमले के लिए भीड़ उकसाने के मामले में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने के बाद ट्रायल बहुत जल्द शुरू होना चाहिए. हालांकि, पेलोसी ने यह नहीं बताया है कि सदन इस पर कब ट्रायल शुरू करेगा.

गौरतलब है कि गत छह जनवरी को ट्रंप के समर्थकों की उग्र भीड़ ने अमेरिकी संसद भवन कैपिटोल बिल्डिंग में हिंसा की थी. जिसके बाद निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप पर समर्थकों को 'विद्रोह के लिए उकसाने' का आरोप लगा था.

अगर महाभियोग प्रस्ताव सीनेट को भेजता है, तो 20 जनवरी को जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दिन दोपहर एक बजे से महाभियोग पर ट्रायल शुरू हो सकता है.

हालांकि, अब यह निश्चित है कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद ही महाभियोग की कार्यवाही शुरू होगी.

लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि महाभियोग की कार्यवाही कैसे आगे बढ़ेगी और क्या कोई रिपब्लिकन सीनेटर भी ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में वोट करेगा.

ट्रंप के खिलाफ महाभियोग और आरोप
पिछली बार की तुलना में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इस बार अलग महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने की संभावना है.

साल 2019 में ट्रंप पर यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ डील करने का आरोप लगाया था. इसके बाद अमेरिकी कांग्रेस में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था. आरोप के मुताबिक, ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बाइडेन के खिलाफ जांच करने का आग्रह किया था.

कैपिटोल बिल्डिंग पर हमले के बाद लाए गए महाभियोग पर डेमोक्रेटिक सदस्यों का मानना है कि इस हमले का सीधा प्रसारण टीवी पर किया गया और यह हमला तब हुआ जब कांग्रेस के अधिकांश सदस्य इमारत में थे, इसलिए इसमें विस्तृत जांच की जरूरत नहीं है.

ट्रंप का भाषण, हिंसा से पहले जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों को चुनाव परिणामों का विरोध करने के लिए उकसाया. कांग्रेस में आधिकारिक रूप से मतों की गिनती से पहले इसे प्रसारित किया गया.

हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष एडम शिफ ने कहा है कि कैपिटोल बिल्डिंग पर हमला दिन के उजाले में किया गया अपराध था, जिसका पूरा देश गवाह है. बता दें कि एडम शिफ ने पिछली बार हाउस महाभियोग टीम का नेतृत्व किया था.

उनका कहना है कि परिस्थितियों को देखते हुए तत्काल महाभियोग लाए जाने की जरूरत थी, और अपराध की प्रकृति द्वारा भी यह संभव था.

महाभियोग प्रस्ताव
चार पन्नों के महाभियोग प्रस्ताव में कहा गया है कि ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका और इसके सरकारी संस्थानों की सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया है.

महाभियोग प्रस्ताव डेमोक्रेटिक प्रतिनिधियों- डेविड सिसिलीन (रोड आइलैंड), टेड लिउ (कैलिफोर्निया) और जेमी रस्किन (मैरीलैंड) द्वारा पेश किया गया था. तीनों सीनेट में महाभियोग ट्रायल के प्रबंधक के रूप में काम करने के लिए जाने जाते हैं.

प्रस्ताव में कहा गया है कि ट्रंप का व्यवहार चुनाव नतीजों को पलटने और बाधित करने के उनके पूर्व के प्रयासों के अनुरूप है. जॉर्जिया के राज्य सचिव के साथ उनकी बातचीत का संदर्भ दिया गया है, जिसमें ट्रंप ने राज्य सचिव से जॉर्जिया में बाइडेन की जीत को पलटने के लिए विकल्प ढूंढने को कहा था.

रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में व्यापक धोखाधड़ी के झूठे दावे किए, और इन कथित आधारहीन दावों को रिपब्लिकन सांसदों और विद्रोहियों द्वारा बार-बार दोहराया गया. इनमें से कई लोग कैपिटोल में हिंसा में शामिल रहे हैं.

शपथ ग्रहण के दौरान संभावित हिंसा से निपटने हेतु विशेष सतर्कता
अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई ने बाइडेन के शपथ ग्रहण से पहले सभी 50 राज्यों और वॉशिंगटन में सशस्त्र विरोध प्रदर्शन को लेकर अलर्ट जारी किया है.

ट्रंप के समर्थकों द्वारा कैपिटोल पर हमले के बाद दूसरी बार महाभियोग का सामना कर रहे निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे सिरे से नकार दिया. इसके साथ ही कानून का पालन कराने वाली एजेंसी और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए. ट्रंप के आखिरी संदेश को विशेष स्क्रीनिंग के पश्चात ही जारी करने दिया जाएगा. ताकि किसी भी तरह से भड़काऊ भाषा का प्रसार न हो पाए.

ट्रंप का परंपरा का पालन करने से इनकार
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ ग्रहण से पहले, निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप बुधवार की सुबह वॉशिंगटन छोड़ देंगे. उनका अगला ठिकाना फ्लोरिडा हो सकता है.

परंपरा का पालन करने और सत्ता के औपचारिक हस्तांतरण में भाग लेने से इनकार करते हुए, ट्रंप एयर फोर्स वन की आखिरी उड़ान में सवार होने से पहले मैरीलैंड के ज्वाइंट बेस एंड्रयूज में प्रस्थान समारोह का आयोजन करेंगे.

बाइडेन ने कहा है कि सीनेट को महाभियोग मामले की सुनवाई करते हुए अपने नॉमिनी की पुष्टि करने और विधायी प्राथमिकताओं को पारित करने में अपना समय विभाजित करने में सक्षम होना चाहिए.

सीनेट ट्रायल में ट्रंप द्वारा बचाव करने की संभावना
सीनेट ने महाभियोग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें ट्रंप पर विद्रोह के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है. यह आरोप ट्रंप के उस भाषण पर केंद्रित है, जिसको उन्होंने अपने हजारों समर्थकों के सामने दिया था, इसके बाद भीड़ ने कैपिटोल पर हमला किया.

ट्रंप द्वारा महाभियोग ट्रायल में यह तर्क दिए जाने की संभावना है कि उनकी टिप्पणी संविधान के प्रथम संशोधन द्वारा संरक्षित मुक्त भाषण थी और उन्होंने समर्थकों को 'लड़ाई' के लिए कहा था, न कि उन्होंने हिंसा के लिए उकसाया.

ट्रंप ने महाभियोग के लिए मतदान के तुरंत बाद, बीते बुधवार को एक बयान जारी किया, जिसमें वह कह रहे हैं कि उन्होंने कैपिटोल हिंसा की निंदा की.

ट्रंप ने कहा, 'हिंसा और बर्बरता का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है और न ही हमारे आंदोलन में इसका कोई स्थान है.'

अधर में ट्रंप का भविष्य
ट्रंप अपने अनिश्चित भविष्य के साथ वॉशिंगटन छोड़ेंगे. हालांकि, ट्रंप ने सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण में बाधा डालने की पूरी कोशिश की. इसमें दो हफ्ते पहले उनके समर्थकों द्वारा कैपिटोल बिल्डिंग पर हमला शामिल है.

बहरहाल, डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन की तरफ से प्रमुख दावेदारी पेश करने की घोषणा की है.

ट्रंप का अगला कदम क्या होगा?
ट्रंप ने अब तक राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद की अपनी योजनाओं की रूपरेखा की घोषणा नहीं की है. ट्रंप ने 2024 में व्हाइट हाउस की रेस में फिर से शामिल होने के लिए दरवाजे खुले रखे हैं. लेकिन सीनेट इस पर रोक लगा सकती है, जब ट्रंप के खिलाफ दूसरा महाभियोग ट्रायल शुरू होगा.

अगर ट्रंप सीनेट द्वारा दोषी ठहराए जाते हैं, तो उनके राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है और यहां तक ​​कि उनकी पेंशन भी छीनी जा सकती है.

Last Updated : Jan 21, 2021, 2:42 PM IST
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