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हमें अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों के विस्तार को रोकना चाहिए : गुतारेस - अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों

गुतारेस ने अफगानिस्तान के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा, तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के छह महीने बाद, अफगानिस्तान खतरनाक स्थिति का सामना कर रहा है. अफगानों के लिए, दैनिक जीवन नरक बन गया है.

अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों के विस्तार पर यूएन ने जताई चिंता
अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों के विस्तार पर यूएन ने जताई चिंता
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Published : Jan 27, 2022, 6:36 AM IST

Updated : Jan 27, 2022, 11:52 AM IST

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (un secretary general antonio guterres) ने बुधवार को जोर दिया कि अफगानिस्तान में सभी आतंकवादी समूहों के विस्तार को रोका जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि अफगानिस्तान बहुत लंबे समय से आतंकवादी संगठनों के विस्तार के लिए एक अनुकूल स्थान रहा है और अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों की मदद नहीं करता है तो क्षेत्र एवं दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

गुतारेस ने अफगानिस्तान के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा, तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के छह महीने बाद, अफगानिस्तान खतरनाक स्थिति का सामना कर रहा है. अफगानों के लिए, दैनिक जीवन नरक बन गया है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद न केवल अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए लगातार खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा को बढ़ावा देना और आतंकवाद से मुकाबला करना भी महत्वपूर्ण है तथा बहुत लंबे समय से अफगानिस्तान आतंकवादी समूहों के विस्तार के लिए एक अनुकूल स्थान रहा है.

गुतारेस ने कहा कि अगर हम इस तूफान संकट से निपटने के लिए अफगान लोगों की मदद नहीं करते हैं तो क्षेत्र और दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी के साथ ही आपराधिक और आतंकवादी नेटवर्क में भी वृद्धि होगी. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने तालिबान से अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकवादी खतरे को नियंत्रित करने और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली संस्थाओं का निर्माण करने के लिए वैश्विक समुदाय तथा सुरक्षा परिषद के साथ मिलकर काम करने को कहा.

गुतारेस ने इस बात पर भी जोर दिया कि तालिबान के लिए अब अपने लोगों की खातिर अवसर और सुरक्षा का विस्तार करने एवं वैश्विक समुदाय का हिस्सा बनने के लिए वास्तविक प्रतिबद्धता जताने का समय है. उन्होंने कहा, हम तालिबान से आग्रह करते हैं कि वह इस अवसर का लाभ उठाएं और हर लड़की और महिला के बुनियादी मानवाधिकारों को मान्यता देकर और उन्हें कायम रखते हुए अंतरराष्ट्रीय विश्वास और सद्भावना प्राप्त करें.

पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र: शहरी संघर्षों से पांच करोड़ से अधिक लोग प्रभावित

अफगानिस्तान के लिए महासचिव की विशेष प्रतिनिधि, डेबोरा लियोन्स ने परिषद में अपनी टिप्पणी में कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को काबू करने के तालिबान के वादे के पीछे 'अधिक सार्थक' कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में कई आतंकवादी समूहों का अस्तित्व व्यापक अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय चिंता का विषय बना हुआ है.

अफगानिस्तान की सम्पत्ति पर रोक हटाने का आग्रह किया

वहीं, एंतोनियो गुतारेस ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए मानवीय सहायता को बढ़ावा देने और देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए प्रतिबंधित नौ अरब डॉलर की सम्पत्ति पर से रोक हटाने का भी आग्रह किया. गुतारेस ने सुरक्षा परिषद से कहा, अपना कर्तव्य पूरा करने का समय आ गया है. कोई कदम नहीं उठाया गया तो कई लोगों की जिंदगी खतरे में आ जाएगी और निराशा तथा अतिवाद बढ़ेगा. गुतारेस ने कहा कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में तत्काल निवेश किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि देश की रोकी गई राशि को जारी किया जाए, उसके सेंट्रल बैंक के साथ फिर से जुड़ना और निवेश करने के अन्य तरीके खोजना, जिसमें चिकित्सकों, शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों, बिजली का काम करने वालों और अन्य सिविल सेवकों के वेतन का भुगतान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष जारी करना शामिल है.

चीन और रूस ने अफगानिस्तान की प्रतिबंधित सम्पत्ति पर से रोक हटाने की अपनी मांग दोहराई, जबकि अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन कोष की कमी से निपटने के लिए विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रहा है. ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान की सबसे अधिक मदद की है. अमेरिका ने 11 जनवरी को अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए 30.8 करोड़ डॉलर की शुरुआती मदद देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा, अफगानिस्तान के लोगों को जिस स्तर पर मदद की जरूरत है, उसे प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बहुत अधिक समर्थन की आवश्यकता होगी.

अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से सहायता राशि पर निर्भर देश की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है. तालिबान के 1996-2001 के शासन के दौरान क्रूरता और लड़कियों को शिक्षित करने तथा महिलाओं को काम करने की अनुमति देने से इनकार करने जैसे कदमों पर गौर करने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने विदेश में अफगानिस्तान की सम्पत्ति पर रोक लगा दी थी. गुतारेस ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए विश्व बैंक के पुनर्निर्माण ट्रस्ट फंड ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) और विश्व खाद्य कार्यक्रम को 28 करोड़ डॉलर हस्तांतरित किए थे. उन्होंने कहा कि शेष 12 लाख डॉलर तत्काल जारी किए जाने चाहिए ताकि अफगानिस्तान के लोग इस सर्दी के मौसम में जीवन बसर कर पाएं.

पीटीआई-भाषा

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (un secretary general antonio guterres) ने बुधवार को जोर दिया कि अफगानिस्तान में सभी आतंकवादी समूहों के विस्तार को रोका जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि अफगानिस्तान बहुत लंबे समय से आतंकवादी संगठनों के विस्तार के लिए एक अनुकूल स्थान रहा है और अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों की मदद नहीं करता है तो क्षेत्र एवं दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

गुतारेस ने अफगानिस्तान के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा, तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के छह महीने बाद, अफगानिस्तान खतरनाक स्थिति का सामना कर रहा है. अफगानों के लिए, दैनिक जीवन नरक बन गया है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद न केवल अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए लगातार खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा को बढ़ावा देना और आतंकवाद से मुकाबला करना भी महत्वपूर्ण है तथा बहुत लंबे समय से अफगानिस्तान आतंकवादी समूहों के विस्तार के लिए एक अनुकूल स्थान रहा है.

गुतारेस ने कहा कि अगर हम इस तूफान संकट से निपटने के लिए अफगान लोगों की मदद नहीं करते हैं तो क्षेत्र और दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी के साथ ही आपराधिक और आतंकवादी नेटवर्क में भी वृद्धि होगी. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने तालिबान से अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकवादी खतरे को नियंत्रित करने और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली संस्थाओं का निर्माण करने के लिए वैश्विक समुदाय तथा सुरक्षा परिषद के साथ मिलकर काम करने को कहा.

गुतारेस ने इस बात पर भी जोर दिया कि तालिबान के लिए अब अपने लोगों की खातिर अवसर और सुरक्षा का विस्तार करने एवं वैश्विक समुदाय का हिस्सा बनने के लिए वास्तविक प्रतिबद्धता जताने का समय है. उन्होंने कहा, हम तालिबान से आग्रह करते हैं कि वह इस अवसर का लाभ उठाएं और हर लड़की और महिला के बुनियादी मानवाधिकारों को मान्यता देकर और उन्हें कायम रखते हुए अंतरराष्ट्रीय विश्वास और सद्भावना प्राप्त करें.

पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र: शहरी संघर्षों से पांच करोड़ से अधिक लोग प्रभावित

अफगानिस्तान के लिए महासचिव की विशेष प्रतिनिधि, डेबोरा लियोन्स ने परिषद में अपनी टिप्पणी में कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को काबू करने के तालिबान के वादे के पीछे 'अधिक सार्थक' कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में कई आतंकवादी समूहों का अस्तित्व व्यापक अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय चिंता का विषय बना हुआ है.

अफगानिस्तान की सम्पत्ति पर रोक हटाने का आग्रह किया

वहीं, एंतोनियो गुतारेस ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए मानवीय सहायता को बढ़ावा देने और देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए प्रतिबंधित नौ अरब डॉलर की सम्पत्ति पर से रोक हटाने का भी आग्रह किया. गुतारेस ने सुरक्षा परिषद से कहा, अपना कर्तव्य पूरा करने का समय आ गया है. कोई कदम नहीं उठाया गया तो कई लोगों की जिंदगी खतरे में आ जाएगी और निराशा तथा अतिवाद बढ़ेगा. गुतारेस ने कहा कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में तत्काल निवेश किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि देश की रोकी गई राशि को जारी किया जाए, उसके सेंट्रल बैंक के साथ फिर से जुड़ना और निवेश करने के अन्य तरीके खोजना, जिसमें चिकित्सकों, शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों, बिजली का काम करने वालों और अन्य सिविल सेवकों के वेतन का भुगतान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष जारी करना शामिल है.

चीन और रूस ने अफगानिस्तान की प्रतिबंधित सम्पत्ति पर से रोक हटाने की अपनी मांग दोहराई, जबकि अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन कोष की कमी से निपटने के लिए विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रहा है. ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान की सबसे अधिक मदद की है. अमेरिका ने 11 जनवरी को अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए 30.8 करोड़ डॉलर की शुरुआती मदद देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा, अफगानिस्तान के लोगों को जिस स्तर पर मदद की जरूरत है, उसे प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बहुत अधिक समर्थन की आवश्यकता होगी.

अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से सहायता राशि पर निर्भर देश की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है. तालिबान के 1996-2001 के शासन के दौरान क्रूरता और लड़कियों को शिक्षित करने तथा महिलाओं को काम करने की अनुमति देने से इनकार करने जैसे कदमों पर गौर करने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने विदेश में अफगानिस्तान की सम्पत्ति पर रोक लगा दी थी. गुतारेस ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए विश्व बैंक के पुनर्निर्माण ट्रस्ट फंड ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) और विश्व खाद्य कार्यक्रम को 28 करोड़ डॉलर हस्तांतरित किए थे. उन्होंने कहा कि शेष 12 लाख डॉलर तत्काल जारी किए जाने चाहिए ताकि अफगानिस्तान के लोग इस सर्दी के मौसम में जीवन बसर कर पाएं.

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Jan 27, 2022, 11:52 AM IST
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