वाशिंगटन : अमेरिकी संसद ने कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक नुकसान झेल रहे नियोक्ताओं और अस्पतालों को राहत देने के लिए करीब 500 अरब डॉलर की और सहायता देने का प्रावधान किया है.
इस घातक वायरस ने करीब 50,000 अमेरिकी लोगों का जीवन समाप्त कर दिया है और हर छह में से एक अमेरिकी की नौकरी छीन ली है.
सहायता देने संबंधी विधेयक गुरुवार को लगभग सर्वसम्मति से पारित हो गया. इसे पारित करने के लिए डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन सांसद 27 मार्च के बाद पहली बार वाशिंगटन में एकत्र हुए. इस दौरान उन्होंने सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने का पूरा ध्यान रखा.
प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा, 'लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है. यह बेहद दु:खद समय है. हम ऐसे समय में एकत्र हुए हैं जब 50,000 लोगों की मौत हो चुकी है, बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं और अनिश्चितता कायम है. हम उम्मीद करते हैं कि हम जल्द ही इस सबसे उबर लगेंगे. फिलहाल तो हम इसे काबू करने में लगे हैं.'
इस विधेयक में ट्रम्प प्रशासन ने लघु एवं मध्यम कारोबारियों की मदद करने के लिए 250 अरब डॉलर की सहायता दिए जाने का प्रावधान किया है. इसमें डेमोक्रेटिक पार्टी की मांग के अनुसार अस्पतालों एवं जांच कार्यक्रम के लिए 100 अरब डॉलर की सहायता और लघु बैंकों एवं सामुदायिक विकास बैंकों के लिए 60 अरब डॉलर की सहायता का प्रावधान है. इसमें कारोबारों को ऋण देने के लिए भी 60 अरब डॉलर का प्रावधान किया गया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'जब कई अमेरिकी बड़ी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे हैं, ऐसे में यह विधेयक छोटे कारोबारियों की मदद करेगा ताकि वे लाखों कर्मियों को भुगतान कर सकें.'
इस विधेयक को पांच के मुकाबले 388 मतों से पारित कर दिया गया.
इस विधेयक के पारित होने के साथ ही अमेरिकी संसद कोरोना वायरस के मद्देनजर राहत के लिए 2,400 अरब डॉलर की सहायता का प्रावधान कर चुकी है.