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ISIS-K ने पिछले साल भारत में हमले की साजिश रची थी : अमेरिका

अमेरिका के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र के कार्यकारी निदेशक रसल ट्रैवर्स के अनुसार आईएसआईएस-के खुरासान समूह ने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमले की साजिश रची थी. दरअसल, वह भारतीय मूल की सांसद मैगी हसन के एक सवाल के जवाब में उक्त जानकारी दे रहे थे. जानें विस्तार से...

फाइल फोटो
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Published : Nov 6, 2019, 11:55 AM IST

वाशिंगटन : आईएसआईएस-के खुरासान समूह उर्फ आईएसआईएस-के ने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमले की साजिश रची थी. दरअसल, इस बात का खुलासा एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने सांसदों को बताते हुए जानकारी दी.

राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र के कार्यकारी निदेशक रसल ट्रैवर्स ने कहा कि आईएसआईएस की सभी शाखाओं में से आईएसआईएस-के वह संगठन है, जो अमेरिका के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह है.

दरअसल भारतीय मूल की सांसद मैगी हसन के एक सवाल के जवाब में ट्रैवर्स ने कहा, 'आईएसआईएस की शाखाओं एवं नेटवर्क में से, आईएसआईएस-के निश्चित तौर पर सबसे ज्यादा चिंतित करने वाला संगठन है.'

usa on ISIS K attempted suicide attack in India
सांसद मैगी हसन ने दी जानकारी

मैगी द्वारा क्षेत्र में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की आईएसआईएस-के की क्षमता के बारे में पूछे जाने पर ट्रैवर्स ने कहा, 'संगठन अफगानिस्तान के बाहर हमले करने के लिए उकसाता है. उसने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमला करने की साजिश रची थी, जो नाकाम हो गई.'

इसे भी पढ़ें- ISIS मॉड्यूल केस: NIA ने केरल में तीन स्थानों पर छापेमारी की, तीन संदिग्धों से पूछताछ

हसन ने पिछले महीने अफगानिस्तान और पाकिस्तान का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में आईएसआईएस से संबद्ध संगठन आईएसआईएस-के के तेजी से बढ़ रहे खतरों को लेकर अमेरिकी सेना की चिंताओं को सुना.

उन्होंने कहा, 'मैंने स्पष्ट तौर पर सुना कि आईएसआईएस-के अफगानिस्तान में न सिर्फ अमेरिकी बलों के लिए खतरा है, बल्कि अमेरिका पर हमला करने की भी साजिश रचता है.'

बता दें कि पिछले हफ्ते ट्रैवर्स ने कहा था कि दुनिया भर में आईएसआईएस की 20 से ज्यादा शाखाएं हैं, जिनमें से कुछ संगठन हमलों को अंजाम देने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं.

वाशिंगटन : आईएसआईएस-के खुरासान समूह उर्फ आईएसआईएस-के ने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमले की साजिश रची थी. दरअसल, इस बात का खुलासा एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने सांसदों को बताते हुए जानकारी दी.

राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र के कार्यकारी निदेशक रसल ट्रैवर्स ने कहा कि आईएसआईएस की सभी शाखाओं में से आईएसआईएस-के वह संगठन है, जो अमेरिका के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह है.

दरअसल भारतीय मूल की सांसद मैगी हसन के एक सवाल के जवाब में ट्रैवर्स ने कहा, 'आईएसआईएस की शाखाओं एवं नेटवर्क में से, आईएसआईएस-के निश्चित तौर पर सबसे ज्यादा चिंतित करने वाला संगठन है.'

usa on ISIS K attempted suicide attack in India
सांसद मैगी हसन ने दी जानकारी

मैगी द्वारा क्षेत्र में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की आईएसआईएस-के की क्षमता के बारे में पूछे जाने पर ट्रैवर्स ने कहा, 'संगठन अफगानिस्तान के बाहर हमले करने के लिए उकसाता है. उसने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमला करने की साजिश रची थी, जो नाकाम हो गई.'

इसे भी पढ़ें- ISIS मॉड्यूल केस: NIA ने केरल में तीन स्थानों पर छापेमारी की, तीन संदिग्धों से पूछताछ

हसन ने पिछले महीने अफगानिस्तान और पाकिस्तान का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में आईएसआईएस से संबद्ध संगठन आईएसआईएस-के के तेजी से बढ़ रहे खतरों को लेकर अमेरिकी सेना की चिंताओं को सुना.

उन्होंने कहा, 'मैंने स्पष्ट तौर पर सुना कि आईएसआईएस-के अफगानिस्तान में न सिर्फ अमेरिकी बलों के लिए खतरा है, बल्कि अमेरिका पर हमला करने की भी साजिश रचता है.'

बता दें कि पिछले हफ्ते ट्रैवर्स ने कहा था कि दुनिया भर में आईएसआईएस की 20 से ज्यादा शाखाएं हैं, जिनमें से कुछ संगठन हमलों को अंजाम देने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं.

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.WASHINGTON FGN1
US-ISIS-K
ISIS-K attempted suicide attack in India last year, says US official
By Lalit K Jha
         Washington, Nov 6 (PTI) The Khorasan group of the ISIS or the ISIS-K, which operates in south Asia, last year attempted a suicide attack in India, a top American official has told lawmakers.
         In fact, of all the branches of the ISIS, ISIS-K is the outfit that is of the most concern to the US, Russel Travers, Acting Director of the National Counterterrorism Center, Office of Director of National Intelligence, said on Tuesday.
         "Of all of the branches and networks of ISIS, ISIS-K is certainly one of those of most concern, probably in the neighbourhood of 4,000 individuals or so," Travers said in response to a question from Indian-origin Senator Maggie Hassan.
         "They have attempted to certainly inspire attacks outside of Afghanistan. They attempted last year to conduct a suicide attack in India. It failed," Travers said when Hassan asked about the ability of ISIS-K to carry out terrorist attacks in the region.
         Hassan had travelled to Afghanistan and Pakistan last month, during which she said she heard firsthand the concerns of the US military about the growing and very real threat of ISIS-K, the ISIS affiliate in Afghanistan.
         "I heard clearly that ISIS-K threatens not only US forces in Afghanistan, but also has designs on striking the US homeland," she said.
         Last week, Travers had said that there were more than 20 ISIS branches globally, some of which are using sophisticated technology such as drones to conduct operations.
         Despite America's key victories against the ISIS in Syria and Iraq, the terror outfit remains a deadly threat to the United States, Senator Hassan said.
         Travers said ISIS-K tried a couple of years ago to inspire an attack in New York but the FBI interrupted. Then there was an attack in Stockholm in 2017 that killed five people, he added.
         "So they certainly have a desire and the propaganda would indicate that they want to conduct attacks outside of Afghanistan as far relatively limited," the counter-terrorism official said.
         According to Travers, after 9/11, the US was primarily focused on an externally directed attack capability emanating from a single piece of real estate along the Afghanistan-Pakistan border.
         "Eighteen years later, we face a homegrown violent extremist threat, almost 20 ISIS branches and networks that range from tens to hundreds to thousands of people, al-Qaeda and its branches and affiliates, foreign fighters that flocked to Iraq and Syria from well over 100 countries, Iran and its proxies, and there is a growing terrorist threat from racially and ethnically motivated extremists around the globe," he said.
         By any calculation, there are far more radicalised individuals now than there were at the time of 9/11, Travers told the lawmakers.
         "This highlights the importance of terrorism prevention. While some aspects of the threat can only be dealt with through kinetic operations, the residents of the ideology will not be dealt with by military or law enforcement operations alone. The world has a lot of work to do in the non-kinetic realm to deal with radicalization and underlying causes," he added.
         Travers also said that al-Qaeda retains its long-standing ties to the Haqqani Network and other militant networks active in Afghanistan and Pakistan that frequently target US personnel. PTI LKJ
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