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अमेरिकी सांसदों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता जतायी, भारत ने खारिज किया - भारत ने खारिज किया

डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) के तीन सांसदों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता (religious freedom) की स्थिति पर चिंता जताते हुए आरोप लगाया कि सरकार सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है. भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है.

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Published : Jul 17, 2021, 1:46 AM IST

वाशिंगटन : अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) के तीन सांसदों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता (religious freedom) की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए आरोप लगाया कि सरकार सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है. अभिव्यक्ति की आजादी पर कार्रवाई कर रही है. भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है.

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल द्वारा आयोजित 'भारत में धार्मिक स्वतंत्रता : चुनौतियां और अवसर' विषय पर सामूहिक परिचर्चा में डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एड मार्के ने कहा, 'मैं भारत में 20 करोड़ मुसलमानों सहित अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में काफी चिंतित हूं.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'सरकार सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही और बोलने की आजादी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक आधार पर भेदभाव को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है क्योंकि बढ़ता राष्ट्रवाद लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के लिए खतरा है.'

सांसद मेरी न्यूमन ने आरोप लगाया कि पिछले सात साल में सैकड़ों मुस्लिमों पर भीड़ ने हमला किया है. उन्होंने कहा, 'यह न्याय का मजाक है और यह खौफनाक है.'

भारत का आरोपों से इनकार

भारत सरकार और अनेक भारतीय संगठनों ने इन आरोपों से इनकार किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक और संवैधानिक राज व्यवस्था में स्वतंत्र न्यायपालिका भी है. अनेक राष्ट्रीय और राज्य स्तर के मानवाधिकार आयोग हैं जो उल्लंघनों पर निगरानी रखते हैं. स्वतंत्र मीडिया है और गतिशील सिविल सोसाइटी है.

पढ़ें- श्रृंगला और ग्रीनफील्ड ने की भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) के तीन सांसदों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता (religious freedom) की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए आरोप लगाया कि सरकार सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है. अभिव्यक्ति की आजादी पर कार्रवाई कर रही है. भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है.

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल द्वारा आयोजित 'भारत में धार्मिक स्वतंत्रता : चुनौतियां और अवसर' विषय पर सामूहिक परिचर्चा में डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एड मार्के ने कहा, 'मैं भारत में 20 करोड़ मुसलमानों सहित अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में काफी चिंतित हूं.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'सरकार सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही और बोलने की आजादी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक आधार पर भेदभाव को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है क्योंकि बढ़ता राष्ट्रवाद लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के लिए खतरा है.'

सांसद मेरी न्यूमन ने आरोप लगाया कि पिछले सात साल में सैकड़ों मुस्लिमों पर भीड़ ने हमला किया है. उन्होंने कहा, 'यह न्याय का मजाक है और यह खौफनाक है.'

भारत का आरोपों से इनकार

भारत सरकार और अनेक भारतीय संगठनों ने इन आरोपों से इनकार किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक और संवैधानिक राज व्यवस्था में स्वतंत्र न्यायपालिका भी है. अनेक राष्ट्रीय और राज्य स्तर के मानवाधिकार आयोग हैं जो उल्लंघनों पर निगरानी रखते हैं. स्वतंत्र मीडिया है और गतिशील सिविल सोसाइटी है.

पढ़ें- श्रृंगला और ग्रीनफील्ड ने की भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा

(पीटीआई-भाषा)

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