वॉशिंगटन: भारतीय मूल की अमेरिकी वकील सीमा नंदा ने नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से पहले डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (डीएनसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद से इस्तीफा देने के फैसले की घोषणा की है. यह मुख्य विपक्षी दल का शीर्ष प्रशासनिक पद है.
नंदा (48) जून 2018 में डीएनसी के सीईओ के पद पर पहुंचने वाली पहली भारतीय अमेरिकी थीं. उन्होंने पार्टी का शीर्ष पद छोड़ने के फैसले के पीछे की वजह का खुलासा नहीं किया.
'द वाशिंगटन पोस्ट' की खबर के मुताबिक नंदा के डीएनसी से अचानक बाहर होने के पीछे पूर्व उप रष्ट्रपति जो बाइडन का प्रयास था. वह डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव के लिये संभावित उम्मीदवार हैं.
उनकी जगह मैरी बेथ कैहिल लेंगी जो इससे पहले 2004 में जॉन कैरी के राष्ट्रपति अभियान का प्रबंधन संभाल चुकी हैं.
नंदा ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, 'दो साल बाद, मैं डीएनसी के सीईओ का पद छोड़ रही हूं. हमनें जो आधारभूत ढांचा तैयार किया है, जो प्राथमिक प्रक्रियाएं हमनें चलाई हैं और जो टीम हमने बनाई है उसे लेकर मैं इससे ज्यादा गौरवान्वित नहीं हो सकती.'
उन्होंने कहा, 'मैं हमारे लोकतंत्र के लिये और हर जगह डेमोक्रेट्स की जीत के लिये अपनी लड़ाई जारी रखूंगी.'
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अमेरिका में नवंबर में बाइडन और मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधे मुकाबले की पृष्ठभूमि पूरी तरह तैयार है. ट्रंप राष्ट्रपति पद पर एक और मौके के लिये कोशिश में जुटे हैं. अमेरिकी कानून के मुताबिक कोई व्यक्ति अधिकतम दो बार चार-चार साल के कार्यकाल के लिये राष्ट्रपति पद पर रह सकता है.
नंदा के माता-पिता दंत चिकित्सक हैं और वह कनेक्टिकट में पली-बढ़ी हैं. उन्होंने ब्राउन विश्वविद्यालय और बॉस्टन कॉलेज ऑफ लॉ से पढ़ाई की है.
उनकी श्रम एवं रोजगार कानून की भी पृष्ठभूमि रही है और वह न्याय विभाग की नागरिक अधिकारी इकाई में भी काम कर चुकी हैं.