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तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण मामले में 24 जून को होगी सुनवाई

अमेरिका की एक संघीय अदालत तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के मामले में बृहस्पतिवार को व्यक्तिगत सुनवाई करेगी. राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल होने के मामले में भारत में वांछित है. अमेरिका का कहना है कि 59 वर्षीय राणा का भारत में प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुरूप है.

तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा
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Published : Jun 22, 2021, 11:11 AM IST

Updated : Jun 22, 2021, 1:52 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका की एक संघीय अदालत पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी (Canadian businessman) तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के प्रत्यर्पण के मामले में बृहस्पतिवार को व्यक्तिगत सुनवाई करेगी, जिसे 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले (Mumbai terrorist attack) में उसकी संलिप्तता के कारण भारत ने प्रत्यर्पित किए जाने का अनुरोध किया है.

माना जा रहा है कि भारत से अधिकारियों का एक दल अदालती कार्यवाही के लिए अमेरिका पहुंच गया है. अमेरिका ने अदालत के समक्ष कई अभिवेदनों में 'प्रत्यर्पण के प्रमाणन संबंधी अनुरोध के पक्ष में अमेरिका के जवाब' के समर्थन में घोषणा की है. राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल होने के मामले में भारत में वांछित है.

पढ़ें- किम जोंग की बहन ने की अमेरिका की आलोचना, कही ये बात

अमेरिका का कहना है कि 59 वर्षीय राणा का भारत में प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुरूप है. अमेरिका सरकार (US government) ने दलील दी है कि भारत प्रत्यर्पण के लिए राणा सभी मापदंडों को पूरा करता है. अमेरिका ने कहा कि वह राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाणन का अनुरोध करता है. अमेरिका का कहना है कि प्रत्यर्पण अनुरोध में संभावित कारण स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं और राणा ने भारत के अनुरोध को खारिज करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है.

राणा लश्कर-ए-तैयबा (lashkar e taiba) के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली (david coleman headley) का बचपन का दोस्त है. भारत के अनुरोध पर राणा को मुंबई आतंकवादी हमले में संलिप्तता के आरोप में लॉस एंजिलिस में 10 जून, 2020 को फिर से गिरफ्तार किया गया था. मुंबई हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गये थे. भारत ने उसे भगोड़ा घोषित किया है.

पाकिस्तानी मूल का 60 वर्षीय अमेरिकी नागरिक हेडली 2008 के मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल था. वह मामले में गवाह बन गया था और वर्तमान में हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है.

(भाषा)

वॉशिंगटन : अमेरिका की एक संघीय अदालत पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी (Canadian businessman) तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के प्रत्यर्पण के मामले में बृहस्पतिवार को व्यक्तिगत सुनवाई करेगी, जिसे 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले (Mumbai terrorist attack) में उसकी संलिप्तता के कारण भारत ने प्रत्यर्पित किए जाने का अनुरोध किया है.

माना जा रहा है कि भारत से अधिकारियों का एक दल अदालती कार्यवाही के लिए अमेरिका पहुंच गया है. अमेरिका ने अदालत के समक्ष कई अभिवेदनों में 'प्रत्यर्पण के प्रमाणन संबंधी अनुरोध के पक्ष में अमेरिका के जवाब' के समर्थन में घोषणा की है. राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल होने के मामले में भारत में वांछित है.

पढ़ें- किम जोंग की बहन ने की अमेरिका की आलोचना, कही ये बात

अमेरिका का कहना है कि 59 वर्षीय राणा का भारत में प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुरूप है. अमेरिका सरकार (US government) ने दलील दी है कि भारत प्रत्यर्पण के लिए राणा सभी मापदंडों को पूरा करता है. अमेरिका ने कहा कि वह राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाणन का अनुरोध करता है. अमेरिका का कहना है कि प्रत्यर्पण अनुरोध में संभावित कारण स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं और राणा ने भारत के अनुरोध को खारिज करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है.

राणा लश्कर-ए-तैयबा (lashkar e taiba) के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली (david coleman headley) का बचपन का दोस्त है. भारत के अनुरोध पर राणा को मुंबई आतंकवादी हमले में संलिप्तता के आरोप में लॉस एंजिलिस में 10 जून, 2020 को फिर से गिरफ्तार किया गया था. मुंबई हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गये थे. भारत ने उसे भगोड़ा घोषित किया है.

पाकिस्तानी मूल का 60 वर्षीय अमेरिकी नागरिक हेडली 2008 के मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल था. वह मामले में गवाह बन गया था और वर्तमान में हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है.

(भाषा)

Last Updated : Jun 22, 2021, 1:52 PM IST
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