ETV Bharat / international

अमेरिका में मुस्लिम, सिख आदि लोगों के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी : सांसद

भारतवंशी अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल समेत कांग्रेस की महिला सदस्यों के एक समूह ने शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव में 11 सितंबर के हमले के दो दशक बाद भी पूरे अमेरिका में अरब, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया मूल के लोगों और मुस्लिमों तथा सिखों के खिलाफ नफरत, भेदभाव और नस्लवाद को स्वीकारा गया है. पढ़ें पूरी खबर...

भारतवंशी अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल
भारतवंशी अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल
author img

By

Published : Sep 11, 2021, 4:43 PM IST

वाशिंगटन : भारतवंशी अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल समेत कांग्रेस की महिला सदस्यों के एक समूह ने शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें 11 सितंबर के हमले के दो दशक बाद भी पूरे अमेरिका में अरब, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया मूल के लोगों और मुस्लिमों तथा सिखों के खिलाफ नफरत, भेदभाव और नस्लवाद को स्वीकारा गया है.

प्रस्ताव में सांसदों प्रमिला जयपाल, इल्हान उमर, राशिदा तलैब और जूडी चू ने स्वीकार किया कि लोगों के धर्म, जाति, राष्ट्रीयता और आव्रजन स्तर के आधार पर सरकार ने उन्हें निशाना बनाया.

प्रस्ताव में इन समुदायों को अनुचित तरीके से निशाना बनाने वाली सरकारी नीतियों की समीक्षा करने, उनकी जांच करने तथा उनके प्रभावों का ब्योरा तैयार करने के साथ ही उन्हें समाप्त करने के लिए समुदाय आधारित संगठनों के साथ काम करने के लिए एक अंतर-एजेंसी कार्यबल के गठन का विचार भी है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि अंतर-एजेंसी कार्यबल के निष्कर्षों तथा सिफारिशों को समझने के लिए कांग्रेस तथा नागरिक अधिकार संगठनों द्वारा सुनवाई होनी चाहिए.

प्रस्ताव में मांग की गयी है कि स्वास्थ्य और मानव सेवा मंत्री, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान तथा राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन मिलकर नफरत की भावना, सरकार द्वारा निशाना बनाए जाने और शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर जानकारी दर्ज करने के लिहाज से अध्ययन करें.

इस प्रस्ताव का अनेक समुदाय आधारित संगठनों ने समर्थन किया है। प्रस्ताव के अनुसार अमेरिका में अरब, मुस्लिम, पश्चिम एशियाई, दक्षिण एशियाई और सिख समुदायों को लंबे समय तक भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ा है जो 11 सितंबर के हमलों के बाद बढ़ गए हैं.

पढ़ें : 'नफरत और हिंसा फैलाने के लिए हो रहा साइबर क्षेत्र का इस्तेमाल'

प्रस्ताव के अनुसार 9/11 हमले के बाद पहले सप्ताह में समुदाय आधारित संगठनों ने उन अमेरिकियों के खिलाफ पूर्वाग्रह तथा घृणा की भावना से हुईं 645 घटनाओं को दर्ज किया था जो पश्चिम एशियाई या दक्षिण एशियाई मूल के माने जाते हैं। नफरत के इस माहौल की वजह से सभी के जीवन में और उनके कार्यस्थलों, कारोबारों, सामुदायिक केंद्रों तथा पूजा स्थलों में डराने-धमकाने तथा हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : भारतवंशी अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल समेत कांग्रेस की महिला सदस्यों के एक समूह ने शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें 11 सितंबर के हमले के दो दशक बाद भी पूरे अमेरिका में अरब, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया मूल के लोगों और मुस्लिमों तथा सिखों के खिलाफ नफरत, भेदभाव और नस्लवाद को स्वीकारा गया है.

प्रस्ताव में सांसदों प्रमिला जयपाल, इल्हान उमर, राशिदा तलैब और जूडी चू ने स्वीकार किया कि लोगों के धर्म, जाति, राष्ट्रीयता और आव्रजन स्तर के आधार पर सरकार ने उन्हें निशाना बनाया.

प्रस्ताव में इन समुदायों को अनुचित तरीके से निशाना बनाने वाली सरकारी नीतियों की समीक्षा करने, उनकी जांच करने तथा उनके प्रभावों का ब्योरा तैयार करने के साथ ही उन्हें समाप्त करने के लिए समुदाय आधारित संगठनों के साथ काम करने के लिए एक अंतर-एजेंसी कार्यबल के गठन का विचार भी है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि अंतर-एजेंसी कार्यबल के निष्कर्षों तथा सिफारिशों को समझने के लिए कांग्रेस तथा नागरिक अधिकार संगठनों द्वारा सुनवाई होनी चाहिए.

प्रस्ताव में मांग की गयी है कि स्वास्थ्य और मानव सेवा मंत्री, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान तथा राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन मिलकर नफरत की भावना, सरकार द्वारा निशाना बनाए जाने और शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर जानकारी दर्ज करने के लिहाज से अध्ययन करें.

इस प्रस्ताव का अनेक समुदाय आधारित संगठनों ने समर्थन किया है। प्रस्ताव के अनुसार अमेरिका में अरब, मुस्लिम, पश्चिम एशियाई, दक्षिण एशियाई और सिख समुदायों को लंबे समय तक भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ा है जो 11 सितंबर के हमलों के बाद बढ़ गए हैं.

पढ़ें : 'नफरत और हिंसा फैलाने के लिए हो रहा साइबर क्षेत्र का इस्तेमाल'

प्रस्ताव के अनुसार 9/11 हमले के बाद पहले सप्ताह में समुदाय आधारित संगठनों ने उन अमेरिकियों के खिलाफ पूर्वाग्रह तथा घृणा की भावना से हुईं 645 घटनाओं को दर्ज किया था जो पश्चिम एशियाई या दक्षिण एशियाई मूल के माने जाते हैं। नफरत के इस माहौल की वजह से सभी के जीवन में और उनके कार्यस्थलों, कारोबारों, सामुदायिक केंद्रों तथा पूजा स्थलों में डराने-धमकाने तथा हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.